राजधानी में डेरा, स्कूल आफिसों में सन्नाटा
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : एक अप्रैल 2005 से बंद की गई पुरानी पेंशन को दोबारा लागू कराने के लिए कर्मचारियों का कारवां जिले के हर कोने से रवाना हुआ। लखनऊ रवाना होने के पहले शिक्षक-कर्मचारियों ने जीआइसी के सामने शक्ति प्रदर्शन कर पेंशन लेकर रहेंगे का नारा लगाया।
मंच के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, संयोजक अशोक कुमार, सह संयोजक विनोद कुमार श्रीवास्तव, विजय त्रिपाठी, बलराम सिंह, अनुराग मिश्र, धीरेंद्र सिंह, अनुपम अवस्थी आदि कर्मचारी नेता विभाग की भीड़ जुटाने में सफल रहे। जिला सह संयोजक श्री श्रीवास्तव ने बताया कि जिले से 43 बसें और 27 छोटे चार पहिया वाहनों में तीन हजार कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि शासन से वार्ता विफल हो गई है। अब 25 से 27 अक्टूबर को महा हड़ताल की जाएगी। 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। जिसमें रेलवे और रोडवेज का चक्का जाम हो जाएगा तथा सरकारी अस्पतालों की सेवाएं पूरी तरह से ठप रहेंगी।
धाता की बस हुई खराब: पुरानी पेंशन बचाओ मंच द्वारा आंदोलनकारी साथियों के लिए मुहैया कराई गई बस धाता से चलने के चंद मिनट बाद खराब हो गई। मंच के सह संयोजक विनोद कुमार श्रीवास्तव को कर्मचारियों ने इसकी सूचना दी तो उन्होंने प्राइवेट बस को किराए में लेकर आने के निर्देश दिए। टूरिस्ट कंपनी से बस का इंतजाम करके कर्मचारी जिला मुख्यालय पहुंचे।
लंच पैकेट की रही व्यवस्था : पुरानी पेंशन बहाली मंच के आंदोलन में जाने वालों के लिए जिला के पदाधिकारियों ने लंच पैकेट की व्यवस्था कर रखी थी। वाहन के रवाना होते ही कर्मचारियों की संख्या पूछी गई और एक बड़े गत्ते में ब्लाक का नाम लिखकर लंच रखे गए।
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