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Sunday, May 5, 2024

समायोजन से शिक्षकों को सता रहा वरिष्ठता खोने का डर, शासन ने स्कूलों से शिक्षकों का मांगा ब्यौरा

समायोजन से शिक्षकों को सता रहा वरिष्ठता खोने का डर, शासन ने स्कूलों से शिक्षकों का मांगा ब्यौरा


लखनऊ: छात्र-शिक्षक अनुपात को सुधारने और शिक्षण के स्तर को और बेहतर करने के लिए शासन ने यूपी बोर्ड के ऐडेड स्कूलों के शिक्षकों के समायोजन की तैयारी की है। इसके लिए ऐडेड स्कूलों से शिक्षकों का ब्यौरा मांगा गया है। अधिकांश स्कूलों ने ब्यौरा भेज भी दिया है, लेकिन समायोजन से ऐडेड विद्यालयों के शिक्षकों को अपनी वरिष्ठता खोने का डर सता रहा है। 

माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने बताया कि ऐडेड स्कूलों के शिक्षकों के समायोजन से शिक्षक-छात्र अनुपात तो सुधर जाएगा, लेकिन जिन स्कूलों से शिक्षक हटेंगे, वहां छात्रों की संख्या पर असर पड़ेगा। शिक्षकों की वरिष्ठता भी प्रभावित होगी। ऐसे में शिक्षकों को समायोजन के बाद अपनी वरिष्ठता खोने का डर सताने लगा है।


कम शिक्षक वाले अनुदानित स्कूलों में समायोजन होगा

प्रदेश भर में 4512 अनुदानित विद्यालय 
समायोजन प्रक्रिया से शिक्षक संघ नाराज

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के समायोजन की तैयारी शुरू हो गई है। अनुदानित विद्यालयों में छात्र और शिक्षक अनुपात बढ़ाने के लिए समायोजन की तैयारी गई है। शिक्षकों का विवरण भी मांग लिया गया है।

प्रदेश भर में 4512 अनुदानित विद्यालय हैं। जिनमें से बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय भी हैं जहां छात्र और शिक्षक अनुपात में बड़ा असंतुलन है। कई विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्रों से अधिक शिक्षक हैं। अब समायोजन के माध्यम से जिन विद्यालय में छात्र संख्या कम हैं और शिक्षकों की संख्या अधिक है वहां के शिक्षकों को उन विद्यालयों में समायोजित किया जा सकता है जहां छात्र संख्या अधिक और शिक्षकों की संख्या बेहद कम है। 

समायोजन प्रक्रिया से शिक्षक संघ में नाराजगी है क्योंकि अनुदानित विद्यालयों को वरिष्ठता खोने का डर है। माध्यमिक शिक्षक के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने बताया कि शासन स्तर पर बात रखी जाएगी।



छात्र औसत और विषय के आधार पर की जाएगी शिक्षकों की तैनाती, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अनुदानित विद्यालयों से मांगा डाटा


लखनऊ। राजधानी के अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में छात्र औसत के आधार पर शिक्षकों की तैनाती होगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग इसके लिए सभी विद्यालयों से छात्र और शिक्षकों का डाटा जुटा रहा है, ताकि छात्रों की संख्या व विषय के आधार पर शिक्षकों की तैनाती हो सके।


राजधानी में इस समय 99 माध्यमिक शिक्षा विभाग के जबकि दो नगर निगम से जुड़े अनुदानित विद्यालय संचालित हैं। 101 विद्यालयों में करीब 60 हजार छात्रों के सापेक्ष 2600 से अधिक शिक्षक तैनात हैं। 


माध्यमिक शिक्षक संगठन के अनुसार, राजधानी में करीब 30 ऐसे विद्यालय हैं, जहां गणित या विज्ञान वर्ग के शिक्षक नहीं हैं। छात्रों के अनुपात में विषयवार शिक्षकों की तैनाती हो, इसके लिए विभाग ने सभी अनुदानित विद्यालय के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर डाटा मांगा है। 


विभाग से जारी अधिसूचना के अनुसार, माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से आठवीं तक 55 विद्यार्थियों पर एक सेक्शन होना अनिवार्य है। इसी तरह नौवीं से दसवीं कक्षा तक 65 विद्यार्थियों पर एक सेक्शन और 11वीं से 12वीं कक्षा के लिए 72 विद्यार्थियों पर एक सेक्शन होना जरूरी है। जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि अनुदानित विद्यालयों से छात्रों और शिक्षकों की जानकारी मांगी गई है।


वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ, एकजुट के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने बताया कि शिक्षकों का समायोजन करना ठीक नहीं है। भले ही जहां किसी विद्यालय में शिक्षकों कमी हो वहां किसी अन्य विद्यालय के शिक्षक से शिक्षण कार्य ले लिया जाए, लेकिन शिक्षकों का स्थानांतरण न किया जाए। क्योंकि, छात्रों की संख्या बढ़ने पर पुनः उस विद्यालय में शिक्षकों की कमी होगी।

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