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Sunday, June 25, 2023

National Internship Portal: जानिए क्या है राष्ट्रीय इंटर्नशिप पोर्टल, जहां गूगल जैसी बड़ी कंपनियां देती हैं इंटर्नशिप के अवसर

Sunday, May 15, 2022

UGC Guidelines : 4 साल के ग्रेजुएशन में इंटर्नशिप करना होगा अनिवार्य, यूजीसी ने जारी कीं नई गाइडलाइंस

UGC Guidelines :  4 साल के ग्रेजुएशन में इंटर्नशिप करना होगा अनिवार्य, यूजीसी ने जारी कीं नई गाइडलाइंस


यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक रिसर्च इंटर्नशिप दो तरह की होगी। पहली इंटर्नशिप छात्र की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए और दूसरी इंटर्नशिप छात्र की व्यक्तिगत शोध योग्यता विकसित करने के लिए होगी।

UGC Internship Guidelines : नई शिक्षा नीति और स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से तैयार करने के मकसद से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अहम फैसला किया है। यूजीसी की नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब चार वर्षीय डिग्री कोर्सेज के दौरान रिसर्च इंटर्नशिप को अनिवार्य कर दिया गया है। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थान के शिक्षकों व शोध संस्थानों के शोधकर्ताओं के साथ  नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत रिसर्च इंटर्नशिप गाइडलाइंस का मसौदा तैयार किया है। आयोग ने तय किया है कि रिसर्च इंटर्नशिप दो तरह की होगी। पहली इंटर्नशिप छात्र की रोजगार क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित होगी जबकि दूसरी इंटर्नशिप छात्र की व्यक्तिगत रिसर्च योग्यता विकसित करने के लिए होगी।   


मसौदे के मुताबिक, एनईपी 2020 के तहत तैयार किए गए नए कोर्स में डिग्री कोर्सेज में रिसर्च वाला भाग डालने पर जोर दिया गया है। खास तौर पर चार वर्षीय बैचलर कोर्स के चौथे साल में स्टूडेंट्स की रिसर्च संबंधी योग्यता बढ़ाने पर फोकस रहेगा। 


    
इसके मुताबिक, 'प्रत्येक यूजी छात्र फर्स्ट ईयर के बाद 10 सप्ताह की अवधि की पहली रिसर्च इंटर्नशिप और यूजी डिग्री कार्यक्रम के सेकेंड ईयर के बाद 10 सप्ताह की अवधि की दूसरी रिसर्च इंटर्नशिप पूरा कर सकता है। जिस छात्र को रिसर्च के साथ चार साल की यूजी डिग्री कोर्स करना होगा, उसे 7वें सेमेस्टर के दौरान रिसर्च एबिलिटी एनहेंसमेंट कोर्स (आरईएसी) और 7वें और 8वें सेमेस्टर के दौरान रिसर्च प्रोजेक्ट वर्क को पूरा करना होगा। चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम के पूरा होने तक 40 क्रेडिट अंक होने चाहिए।



इतनी इंटर्नशिप होगी जरूरी
गाइडलाइंस में कहा गया है कि 8-10 सप्ताह की इंटर्नशिप जिनके 10 क्रेडिट्स होंगे, उन छात्रों के लिए अनिवार्य होगी जो क्रमश: सर्टिफिकेट या डिप्लोमा के साथ कोर्स छोड़ना चाहते हैं। जो छात्र रिसर्च के साथ चार वर्ष का डिग्री कोर्स करना चाहते हैं, उन्हें एक वर्ष के रिसर्च वर्क के साथ 10 सप्ताह की इंटर्नशिप करनी होगी। जो छात्र चार वर्ष का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (बिना रिसर्च) करना चाहते हैं, उन्हें भी कम से कम 8-10 सप्ताह की इंटर्नशिप करनी होगी।


चार वर्षीय डिग्री कोर्स में रिसर्च के छात्र इंडस्ट्री के अलावा रिसर्च इंस्टीट्यूट, रिसर्च लैब, रिसर्च एंड डेवलेपमेंट इंस्टीट्यूट, किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज के रिसर्च प्रोफेसर के अधीनस्थ अपनी इंटर्नशिप कर सकेंगे। 

Sunday, January 30, 2022

नई शिक्षा नीति 2020: अब तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को डिग्री से पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में इंटर्नशिप

नई शिक्षा नीति 2020: अब तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को डिग्री से पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में इंटर्नशिप


छात्रों को डिग्री से पहले दूसरे से तीसरे वर्ष ही इन पीएसयू में स्टाइपंड संग इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि अब छात्रों को घर बैठे देशभर के राज्यों और शहरों में इंटर्नशिप और रोजगार की जानकारी मिल सकेगी।

देश के सभी इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, फार्मेसी कॉलेजों के छात्रों को अब सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) में भी इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इंटर्नशिप और कैंपस प्लेसमेंट पॉलिसी में बदलाव करके पीएसयू को भी शामिल किया है। इससे पहले विद्यार्थियों के पास मल्टीनेशनल कंपनी में ही इंटर्नशिप का विकल्प होता था।



छात्रों को डिग्री से पहले दूसरे से तीसरे वर्ष ही इन पीएसयू में स्टाइपंड संग इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि अब छात्रों को घर बैठे देशभर के राज्यों और शहरों में इंटर्नशिप और रोजगार की जानकारी मिल सकेगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को स्नातक प्रोग्राम की पढ़ाई पूरी होने से पहले बाकायदा रोजगार से जुड़ी ट्रेनिंग देने की योजना तैयार की है।


विभिन्न पीएसयू और सरकारी विभागों के साथ काम करने की तैयारी हुई है। समझौते के तहत सरकार से जुड़े विभाग व कंपनियों को सीधे जानकारी देनी होगी। इसके लिए एआईसीटीई ने पोर्टल भी तैयार किया है। सभी कॉलेजों को अपनी वेबसाइट पर इस पोर्टल का लिंक व जानकारी देनी अनिवार्य है ताकि छात्रों व शिक्षकों को भी पता लग सके। यहां पर खादी इंडिया, सिसको, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, सोशल जस्टिस इंपावरमेंट नशा मुक्त भारत अभियान, टयूलिप, एनसीडीसी, एयरोस्पेस,अर्बन वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी, एनएचएआई, कॉरपोरेट आदि शामिल हैं।

तीन साल में एक करोड़ इंटरर्नशिप का लक्ष्य
एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे के मुताबिक, इंटर्नशिप योजना के माध्यम से छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ कौशल विकास में दक्ष करना है। योजना का मकसद तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को डिग्री लेने के साथ भविष्य की जरूरतों के आधार पर तैयार करना है। किताबी ज्ञान से वे विषयों को तो समझ लेते हैं पर इंटर्नशिप में उन्हें प्रैक्टिकल नॉलेज मिलेगा। अगले तीन साल यानी 2025 तक एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप से जोड़ना है। किताबी ज्ञान के साथ-साथ उनमें रोजगार से जोड़ने के लिए इंटर्नशिप के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

क्षेत्र के आधार पर मिलेगा विकल्प
एआईसीटीई ने पोर्टल पर इंटर्नशिप से लेकर प्लेसमेंट की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। यहां 28 राज्य और आठ केंद्र  शासित प्रदेशों की नाम सहित सूची अपलोड की गई है। जैसे  यूपी, उत्तराखंड, चंडीगढ़, दिल्ली,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गोवा,  राजस्थान आदि। राज्य में शहरों और केंद्र शासित प्रदेश में एरिया के आधार पर इंटर्नशिप का विकल्प मिलेगा। छात्र अपनी पसंद के आधार पर जब राज्य, शहर का विकल्प चुनेगा तो उसके सामने क्षेत्र से लेकर वेतन, समय अवधि की भी जानकारी मिल जाएगी।

Wednesday, July 7, 2021

बीएड के अभ्यर्थियों की डिग्रियां फंसी, बिना इंटर्नशिप शिक्षक बनने का सपना पूरा नहीं होगा

बीएड के अभ्यर्थियों की डिग्रियां फंसी, बिना इंटर्नशिप शिक्षक बनने का सपना पूरा नहीं होगा


कोरोना की वजह से बीएड अभ्यर्थियों की इंटर्नशिप तक नहीं हो पाई। ऐसे में उनकी डिग्रियां फंस कर रह गई हैं। बीएड के दौरान दो महीने की इंटर्नशिप से अभ्यर्थियों को वास्तविक रूप से शिक्षक बनने का मौका मिलता है वहीं यह प्रक्रिया डिग्री के पूरा होने के लिए असल जरुरत हुआ करती है।


बीएड, बीटीसी-डीएलएड प्रशिक्षुओं को पढ़ाई के दौरान ही कक्षा एक से 8 तक के सरकारी स्कूलों में इंटर्नशिप करने का मौका दिया जाता है। ये लोग बच्चों को पढ़ाने जाते हैं जिन्हें वहां पर तैनात प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों से शिक्षण से जुड़े टिप्स लेते हैं और सीखते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को माइक्रोटीचिंग के रूप में जाना जाता है।


स्कूल बंदी से नहीं मिल रहा प्रतिभाओं को निखरने का मौका स्कूल बंदी के कारण छात्रों के सामने भी संकट खड़े हो गए हैं। बच्चों में अनुशासन व शिक्षण अभिरुचि बढ़ाने का जरुरी कार्य करने वाली स्कूलिंग की प्रक्रिया दूर हो चली है। ऐसे में बच्चे भी हैरान हो रहे हैं। उनके विषयवार पाठ्यक्रम पूरे नहीं हो पा रहे हैं। कोरोना के खतरों के बीच उपजी परिस्थिति का चेहरा जितना दिखाई पड़ रहा है उससे भी भयावह बना हुआ है। बीएड कर रहे अनुज प्रकाश, प्रतिभा ने अपनी दिक्कतें बताई।


बिना इंटर्नशिप शिक्षक बनने का सपना पूरा नहीं होगा
माइक्रोटीचिंग पूरी नहीं कर पाने की वजह से ऐसे सभी अभ्यर्थियों के सामने बड़ी मुसीबत आ खड़ी हुई है। ऐसे लोग अभी तक शिक्षक बनने के सपने तक पूरे नहीं कर सके हैं और फिर वे अभी तक बेरोजगारी से लड़ते फिर रहे हैं।


बीएड पूरा होता तो अधिक मिलता पढ़ाने का मेहनताना

गैर प्रशिक्षित शिक्षकों का मानदेय वेतन बेहद मामूली रह जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों में गैर प्रशिक्षित इन शिक्षक शिक्षिकाओं को तीन हजार से लेकर 3 हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय दिया जा रहा है। जबकि वहीं पर बीएड कर लेने वाले शिक्षकों को दस हजार तक मानदेय तो मिलता ही है। टीईटी पास कर लेने के बाद इन प्रशिक्षित स्नातकों को नौकरी के साथ बेहतर मानदेय के आफर तक आते हैं।