शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य के आदेश को चुनौती देगा केरल
केरल के शिक्षा मंत्री बोले- इस फैसले से केरल के लगभग 50 हजार शिक्षकों पर पड़ सकता है प्रतिकूल प्रभाव
तिरुअनंतपुरम । पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करने की अनिवार्यता संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को केरल चुनौती देगा।
केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगी, जिसमें गैर-अल्पसंख्यक स्कूलों में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के सभी सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के एक सितंबर के आदेश में कहा गया है कि 2009 में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को भी सेवा में बने रहने और पदोन्नति के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना होगा।
टीईटी पास नहीं करने पर नौकरी चली जाएगी, टीईटी पास किए बिना प्रमोशन भी नहीं मिलेगा। शिवनकुट्टी के अनुसार, इस फैसले से केरल के लगभग 50 हजार शिक्षकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह आदेश अधिकांश शिक्षकों को प्रभावित करेगा, जिससे पदोन्नति व नियुक्तियां और अधिक जटिल हो जाएंगी। शिक्षक संघों ने चिंता जताते हुए कहा कि टीईटी को पिछली तारीख से लागू करना लंबे समय से कार्यरत शिक्षकों के साथ अन्याय है।
No comments:
Write comments