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Friday, August 15, 2025

आय से अधिक संपत्ति में सेवानिवृत्त हो चुके पूर्व बीएसए पर मुकदमा

आय से अधिक संपत्ति में सेवानिवृत्त हो चुके पूर्व बीएसए पर मुकदमा
 

वाराणसी । उप्र सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी इकाई ने वाराणसी के पूर्व बीएसए जय सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर मुकदमा दर्ज किया है। उनके पास एक करोड़ 21 लाख 61 हजार 921 रुपये की संपत्ति अधिक मिली है।


शासन की ओर से तीन जून 2022 को जांच के लिए निर्देश मिला था। इस क्रम में पूर्व बीएसए जय सिंह के खिलाफ उप्र सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी इकाई ने जांच शुरू की। फतेहपुर जिले के बसंत खेड़ा निवासी जय सिंह के खिलाफ खुली जांच में पाया गया कि वह लोक सेवक के रूप में कार्यरत रहते हुए अपनी आय के सभी ज्ञात एवं वैध श्रोतों से कुल 1 करोड़ 05 लाख 61 हजार 334.5 रुपये अर्जित की।


जबकि इस अवधि में इनकी ओर से कुल 2 करोड़ 27 लाख 23 हजार 256 रुपये खर्च किया गया। इस प्रकार जय सिंह अपनी आय के सापेक्ष 1 करोड़ 21 लाख 61 हजार 921 रुपये अधिक खर्च किया। जय सिंह वाराणसी में 2019 में बीएसए थे। इस समय सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

Monday, July 7, 2025

अनुदानित प्रबंधकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पूर्व बीएसए समेत 18 पर मुकदमा दर्ज

अनुदानित प्रबंधकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पूर्व बीएसए समेत 18 पर मुकदमा दर्ज

अभी सुल्तानपुर डायट में तैनात हैं हरिकेश यादव, स्कूलों में फर्जी नियुक्तियां के आरोप में हुई कार्रवाई


वाराणसी । अनुदानित प्रबंधकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में वाराणसी के तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव, चार खंड शिक्षाधिकारियों समेत 18 लोगों पर सतर्कता अधिष्ठान में नामजद केस दर्ज किया गया है।


आरोपियों में सात विद्यालय प्रबंधक और प्रधानाध्यापक भी शामिल हैं। मामला 2015-16 और 2016-17 शैक्षणिक सत्र का है। हरिकेश यादव वर्तमान में सुल्तानपुर जिले के डायट में तैनात हैं। शासन से सतर्कता अनुभाग को साल 2021 में जांच संबंधी पत्र दिया गया था। इसमें बीएसए और सात विद्यालयों के प्रबंधकों आदि पर प्रधानाध्यापक, अध्यापक एवं लिपिक की नियुक्ति में अनियमितता बरतने, राजकीय धन के अपव्यय और गबन के जांच के आदेश मिले थे।

 जांच में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप सत्य पाए जाने के बाद उप्र सतर्कता अधिष्ठान, वाराणसी इकाई ने मुकदमा दर्ज किया है। शिक्षा सत्र 2015-16 और 2016-17 में नियुक्ति में तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव ने चयन प्रक्रिया के नियमों का पालन नहीं किया।

Monday, March 17, 2025

आजमगढ़ में तत्कालीन BSA समेत क्लर्क, शिक्षक सहित 9 पर मुकदमा दर्ज, पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति का आरोप

फर्जी शिक्षक नियुक्ति घोटाले पर एफआईआर दर्ज होते ही बेसिक शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप, शिक्षा निदेशालय ने अन्य जिलों में भी जांच की शुरू


इस घोटाले के खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. मामला सामने आते ही शिक्षा निदेशालय ने अन्य जिलों में भी इसी तरह की फर्जी नियुक्तियों की जांच शुरू कर दी है. इस घोटाले के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि अन्य जिलों में भी इसी तरह की फर्जी नियुक्तियां हुई होंगी और यदि गहन जांच की जाए, तो इस तरह के कई और मामले सामने आ सकते हैं. 


 इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के बीएसए को अपने-अपने यहां नियुक्तियों से जुड़े रिकॉर्ड की जांच के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, विभागीय स्तर पर एक टीम गठित की गई है, जो इस तरह की नियुक्तियों से जुड़े कागजातों की गहराई से पड़ताल कर रही है. 


अधिकारियों की भूमिका पर सवाल, कार्रवाई की तैयारी 
जांच में यह साफ हो चुका है कि यह घोटाला अकेले विद्यालय स्तर पर नहीं हुआ, बल्कि इसमें शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों की मिलीभगत रही. यह घोटाला इतना बड़ा था कि बिना बीएसए कार्यालय और उच्च अधिकारियों की अनुमति के इसे अंजाम नहीं दिया जा सकता था. अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन सिर्फ निचले स्तर के अधिकारियों और विद्यालय प्रबंधक पर ही कार्रवाई करेगा, या फिर इसमें शामिल बड़े अधिकारियों पर भी शिकंजा कसेगा? 


पुलिस द्वारा अब इन आरोपियों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है. संभावना जताई जा रही है कि आगे और भी बड़े नाम इस घोटाले में सामने आ सकते हैं. इसके अलावा, सभी दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराने की भी तैयारी की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि कब और कैसे दस्तावेजों में हेरफेर किया गया.




आजमगढ़ में तत्कालीन BSA समेत क्लर्क, शिक्षक सहित 9 पर मुकदमा दर्ज, पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति का आरोप 


आजमगढ़ जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव पाठक ने जिले के पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार मिश्रा पटल सहायक तत्समय, पटल सहायक डिस्पैच, जय किशन गुप्ता प्रबंधक, सहित 5 शिक्षिकाओं पर एफआईआर दर्ज हुई है। 

इस मामले में संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मंडल ने मामले की जांच कराई। जांच में यह बातें सामने आई की पांचो शिक्षिकाओं की नियुक्ति में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल नियमावली 1975 के प्रावधानों का पालन न करके प्रबंधक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आपसी साठ गांठ करके फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर यह नियुक्ति की गई।


कोविड संक्रमण के समय दिखाया गया साक्षात्कार

इस मामले में जांच में अभी बातें सामने आई की पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरेश कुमार के फर्जी हस्ताक्षर से अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके साथ ही लॉकडाउन के समय साक्षात्कार दर्शाया गया। इसके साथ ही अनियमित रूप से नियुक्त तीन शिक्षकों को वेतन भुगतान रोकने का आदेश किसी भी स्तर से न किए जाने के कारण इन्हें राजकोष से भुगतान किया जाता रहा। इसके साथ ही बार-बार विद्यालय प्रबंधन को बुलाए जाने पर भी उपस्थित नहीं होने के मामले में यह शिकायत दर्ज कराई गई।

इस मामले में मनोज कुमार मिश्रा जोगी तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी थे जांच रिपोर्ट में आरोपित पाए गए जिसके आधार पर नौ आरोपियों के विरुद्ध यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिले के पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक और एडी बेसिक रहे मनोज कुमार मिश्रा पर जिले में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे थे। 


100000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ था एडी बेसिक कार्यालय में तैनात बाबू

आजमगढ़ जिले में तैनात रहे एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा के कार्यालय में तैनात अस्सिटेंट क्लर्क मनोज श्रीवास्तव 19 फरवरी 2024 को ₹100000 की रिश्वत लेते जिले की एंट्री करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया था।

एंटी करप्शन की पूछताछ टीम में आरोपी क्लर्क मनोज श्रीवास्तव ने बताया था कि इस पैसे को एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा तक पहुंचाना था। इस मामले में भी एडी बेसिक मनोज कुमार मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ था।


Wednesday, February 26, 2025

पूर्व DIOS और चार लिपिकों पर नियुक्ति पत्रावली गायब करने पर केस, 44 स्कूलों के 179 शिक्षक व कर्मचारियों को करोड़ों के भुगतान का आरोप

पूर्व DIOS और चार लिपिकों पर नियुक्ति पत्रावली गायब करने पर केस44 स्कूलों के 179 शिक्षक व कर्मचारियों को करोड़ों के भुगतान का आरोप


बलिया। जनपद के 44 स्कूलों के 179 शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति पत्रावली गायब करने के मामले में पूर्व डीआईओएस और चार लिपिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।


जिला विद्यालय निरीक्षक देवेन्द्र कुमार गुप्ता की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन डीआईओएस रमेश सिंह, संजय कुमार कुंवर लिपिक, लिपिक अजय सिंह, उर्दू अनुवादक मैनुद्दीन, प्रधान लिपिक शिवानन्द तिवारी पर मुकदमा दर्ज किया है।


तहरीर के अनुसार, तत्कालीन डीआईओएस रमेश सिंह के दो वर्ष के कार्यकाल में 32 इंटर कॉलेज व 12 सांस्कृतिक माध्यमिक तथा अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में चार प्रवक्ता, 80 सहायक अध्यापक, चार लिपिक, 10 सहायक लिपिक और 81 परिचारक की फर्जी एवं अनियमित नियुक्ति कर राजकोष से करोड़ों का भुगतान किया गया।


माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी इसकी रिपोर्ट की प्रेषित थी। पत्रावली के संबंध में पूछताछ करने पर संबंधित पटल सहायकों ने कार्यालय में मूल पत्रावली उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी।


इस पर वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा बलिया एवं लेखाकारों से उक्त भुगतान से संबंध में पूछताछ करने पर वेतन अनुमन्यता आदेश अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराया गया। प्राप्त अनुमन्यता आदेश के परीक्षण में यह पाया गया कि रमेश सिंह के साथ उक्त पटल सहायकों द्वारा आदेशों पर अपना लघु हस्ताक्षर किया गया है। बार-बार नोटिस देने पर 15 पत्रवालियां ही उपलब्ध कराई गईं। शेष अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।


संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मण्डल द्वारा मूल पत्रावली उपलब्ध नहीं होने की दशा में दोषी अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया है। कोतवाल योगेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि शिकायत पर अधिकारी व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है।

Sunday, December 1, 2024

बीएसए की पहल पर कबाड़ी को किताबें बेचने के मामले में बीईओ की गिरफ्तारी को जिलाधिकारी ने बताया नियम विरुद्ध, सीओ और एसओ के खिलाफ कार्यवाही हेतु एसपी को लिखा पत्र

बीएसए की पहल पर कबाड़ी को किताबें बेचने के मामले में बीईओ की गिरफ्तारी को जिलाधिकारी ने बताया नियम विरुद्ध, सीओ और एसओ के खिलाफ कार्यवाही हेतु एसपी को लिखा पत्र


बांसी। जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने परिषदीय विद्यालय की किताबें कबाड़ी को बेचने के मामले में शुक्रवार को हुई बीईओ बांसी की गिरफ्तारी को नियम विरुद्ध बताते हुए प्रभारी निरीक्षक और सीओ बांसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा है। इस मामले को संज्ञान में लाने के लिए बीएसए ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा था।


बीएसए ने डीएम लिखे पत्र में कहा था कि पुस्तकें कबाड़ी को बेचने के आरोप में बीईओ कार्यालय के अनुचर सहाबुद्दीन और रामजस के विरुद्ध पुलिस ने बिना विभागीय जांच प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी में बीईओ अखिलेश कुमार सिंह का नाम नहीं था। सिर्फ अनुचरों के बयान को आधार बनाकर अखिलेश कुमार सिंह के नाम को प्रकाश में लाकर गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने मुख्य सचिव के शासनादेश का हवाला देते हुए कहा है कि यदि किसी अधिकारी और कर्मचारी द्वारा बरती अनियमितता प्रकाश में आती है तो उसके विरुद्ध जांच के बाद अनुशासनिक विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए।


बीएसए ने कहा है कि विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई में यदि यह पाया जाता है कि उसकी कोई आपराधिक भूमिका है तो उसके विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने पर विचार किया जाता है। अन्यथा विभागीय कार्रवाई में जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर दंड दिए जाते हैं। बीएसए ने कहा है कि प्रभारी निरीक्षक और सीओ बांसी ने शासनादेश का पालन नहीं किया। उन्होंने डीएम से प्रभारी निरीक्षक और सीओ बांसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। बीएसए की शिकायत के आधार पर डीएम ने एसपी को पत्र लिखा है।


बीईओ की गिरफ्तारी के मामले में शासनादेश का उल्लंघन किया गया है। किसी आपराधिक मामले में विभागीय जांच में दोष साबित होने पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में बांसी के सीओ और कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा गया है। ~ डॉ0 राजा गणपति आर, जिलाधिकारी




BEO Arrested: कबाड़ी के यहां किताब की बिक्री मामले में बीईओ गिरफ्तार

30 नवंबर 2024
सिद्धार्थनगर। बांसी कोतवाली की पुलिस ने परिषदीय विद्यालय की पुस्तकों को कबाड़ी से बेचने के मामले शुक्रवार को पांचवें आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी बांसी अखिलेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया है।


बताते चलें कि 15 अक्तूबर परिषदीय विद्यालय की पुस्तक बेचने के मामले में कोतवाली पुलिस ने दो कबाड़ी और दो खंड शिक्षा अधिकारी बांसी के कार्यालय सहायक कुल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 


बच्चों को पढ़ने के लिए निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई गई कक्षा एक से आठ तक की पुस्तक खंड शिक्षा अधिकारी बांसी के कार्यालय में पड़ी थी। जिसे विद्यालयों में न भेजकर अतिरिक्त आमदनी के लिए कबाड़ी के हाथ बेच दिया था। 15 अक्तूबर को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक पिकअप से कक्षा एक से आठ तक की 8 क्विंटल किताबों को ले जाते समय कबाड़ी को पकड़ा था।


पकड़े गए कबाड़ी कस्बे के शास्त्रीनगर वार्ड निवासी अंकित कसेरा व प्रतीक कसेरा उर्फ गोपाल और खंड शिक्षा अधिकारी बांसी कार्यालय सहायक शहाबुद्दीन पुत्र मो इस्लाम निवासी नेउरी थाना मिश्रौलिया व अनुचर रामजस निवासी प्रतापनगर कस्बा बांसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 


इसमें पांचवें आरोपी के रूप में बीईओ थे। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगी थी। शुक्रवार को मौके पर पहुंचकर दबोच लिया। इस संबंध में कोतवाल बांसी राम कृपाल शुक्ल ने बताया कि पांचवें आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी बांसी अखिलेश सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया गया है।

Saturday, November 30, 2024

बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ सहायक 40 हजार की घूस लेते गिरफ्तार, इटावा में विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा, सीसीटीवी फुटेज जारी कर बीएसए ने बताया निर्दोष


बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ सहायक 40 हजार की घूस लेते गिरफ्तार, इटावा में विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा, सीसीटीवी फुटेज जारी कर बीएसए ने बताया निर्दोष


इटावा के बेसिक शिक्षा कार्यालय के वरिष्ठ सहायक को विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। विजिलेंस टीम बाबू को लेकर कार्यालय से रवाना हो गई। आरोपी बाबू को लेकर विजिलेंस टीम शहर के थानों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र के थाना बकेवर पहुंची है।


हालांकि इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी आरोपी बाबू का पक्ष लेते हुए नजर आए। शिक्षक द्वारा करीब 40 हजार रुपए की रिश्वत देने की बात बताई जा रही है। बता दें कि इन्स्पेक्टर सीमा सिंह अपनी 12 सदस्यीय विजिलेंस टीम के साथ कानपुर से आई थी। 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।

 
जानकारी के मुताबिक इटावा बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ सहायक शिवकुमार को आज एक मामले में 40 हजार रूपए का रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथ धर दबोचा। विजिलेंस टीम की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है।


BSA ने सीसीटीवी फुटेज जारी कर बताया निर्दोष

बताया जा रहा है कि जसवंतनगर के बनकटी में तैनात शिक्षक विनय कुमार त्रिपाठी की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने वरिष्ठ सहायक को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने कार्यालय के अंदर का सीसीटीवी वीडियो जारी करते हुए वरिष्ठ सहायक रिश्वत के आरोपी शिवकुमार को निर्दोष बता रहे हैं। इस मामले को लेकर डीएम से मिलने पहुंचे हैं।


कार्यालय में मौजूद सस्पेंड प्रधानाध्यापक उदय नारायण तिवारी ने बताया कि जिस वरिष्ठ सहायक को आज टीम के द्वारा पकड़ा गया है। वह बेहद भ्रष्ट व्यक्ति हैं। बिना रिश्वत के कोई भी कार्य नहीं करते हैं।


BSA बोले-जांच के कारण रची साजिश

बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि शिक्षक विनय कुमार त्रिपाठी ने विजिलेंस टीम को शिकायत की है। उसके खिलाफ वरिष्ठ सहायक शिव कुमार जांच कर रहे थे। जिसके चलते यह साजिश रची गई। हालांकि सीसीटीवी में बाबू को रिश्वत देने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन उन्होंने रुपए फेंक दिए यह दिखाई दे रहा हैं।