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Thursday, August 14, 2025

देश में शिक्षकों के लगभग दस लाख पद रिक्त, संसदीय समिति ने जल्द पदों को भरने का दिया निर्देश, नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों में संविदा नियुक्तियां रोकने की सिफारिश

देश में शिक्षकों के लगभग दस लाख पद रिक्त, संसदीय समिति ने जल्द पदों को भरने का दिया निर्देश, नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों में संविदा नियुक्तियां रोकने की सिफारिश

14.8 लाख स्कूलों में से तीन हजार केंद्र चला रहा


नई दिल्ली । देश में स्कूली शिक्षा में शिक्षकों के लगभग 10 लाख पद रिक्त हैं। संसदीय समिति की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिक्तियों को भरने के लिए समिति की बार-बार की गई सिफारिश के बावजूद शिक्षकों की संविदा नियुक्तियां की जा रही हैं।

संसदीय समिति ने कहा कि 14.8 लाख विद्यालयों में से भारत सरकार केवल लगभग तीन हजार विद्यालयों का ही संचालन करती है। इनमें भी भारत सरकार द्वारा संचालित विद्यालयों केंद्रीय विद्यालय (केवी), नवोदय विद्यालय (एनवी) आदि में रिक्तियों का स्तर भी चिंताजनक है। केवी और एनवी में भी कुल मिलाकर 30 से 50% रिक्तियां हैं। 

समिति ने अपनी 349वीं और 363वीं रिपोर्ट में सिफारिशों को दोहराते हुए स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को निर्देश दिया है कि वह भारत सरकार द्वारा संचालित विद्यालयों जैसे केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों आदि में शिक्षकों के रिक्त पदों को संविदा शिक्षकों के स्थान पर नियमित/स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के माध्यम से 31 मार्च, 2026 से पहले भरे। 

समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि वह इन स्कूलों में शिक्षकों की संविदा नियुक्तियों को रोकने की सिफारिश करती है। समिति का कहना है कि विभिन्न राज्यों में सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा वित्त पोषित स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 10 लाख रिक्त पदों में से प्राथमिक स्तर पर लगभग 7.5 लाख पद रिक्त हैं।


कार्यान्वयन के दो स्तर हों
समिति का मानना है कि टीचर एजुकेशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दो व्यापक स्तर होने चाहिए। पूर्व-प्राथमिक और प्राथमिक स्तर के लिए प्राथमिक स्तर के शिक्षक जो इस स्तर पर सभी विषय पढ़ा सकें और विषय-विशिष्ट शिक्षकों के लिए मध्य और माध्यमिक स्तर के शिक्षक हों।


आवंटन स्थगित रखा जाए
समिति ने कहा है कि जिन राज्यों ने नियमित/स्थायी शिक्षकों से रिक्तियों को भरने के लिए विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया है उन राज्यों के सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) कोष के आवंटन को तब तक स्थगित रखा जाए जब तक कि संबंधित राज्य केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर लेते।


कांग्रेस का समिति की सिफारिशों का समर्थन
नई दिल्ली । कांग्रेस ने बुधवार को शिक्षा संबंधी संसदीय समिति की सिफारिशों का समर्थन किया है। समिति ने केंद्र और राज्यों के अधीनस्थ विद्यालयों में 10 लाख शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने समेत कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। समिति के अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने शिक्षा, महिला, बाल, खेल एवं युवा मामलों संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट का लिंक 'एक्स' पर साझा किया।


छह राज्यों में स्कूलों का औचक निरीक्षण
नई दिल्ली । सीबीएसई ने छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के दस स्कूलों में बुधवार को औचक निरीक्षण किया। मकदस स्कूलों में नियमों के उल्लंघन से जुड़ी जानकारी जुटानी थी। सीबीएसई बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि औचक निरीक्षण के जरिए ये देखा गया की स्कूलों के संचालन में नियमों की अनदेखी तो नहीं हो रही। ऐसे छात्र तो नहीं है जिनका दाखिला तो है लेकिन उनकी उपस्थिति नहीं है और स्कूल में पढ़ाई व सुविधाओं की स्थिति क्या है।




'केंद्रीय स्कूलों में संविदा पर न हो नियुक्ति' – संसदीय समिति ने रिपोर्ट में लगभग 10 लाख रिक्त शिक्षक पदों पर जताई चिंता

NCTE में 2019 से 15 जून 2025 तक कोई भी स्थायी नियुक्ति न होने पर सवाल

समिति ने कहा, केवी और नवोदय विद्यालयों में भी 30 से 50% तक रिक्तियां 


नई दिल्लीः संसदीय पैनल ने स्कूली शिक्षा समेत दूसरे संस्थानों में शिक्षकों के लाखों खाली पदों और अनुबंध के आधार पर भर्ती पर गंभीर चिंता जताई है। शिक्षा पर संसदीय स्थायी समिति ने एक दिन पहले शुक्रवार को संसद में पेश 368वीं रिपोर्ट में कहा है कि देश के स्कूलों में शिक्षकों के करीब 10 लाख पद रिक्त हैं। 

देश में 14.8 लाख स्कूलों में से भारत सरकार करीब 3000 स्कूलों का ही संचालन करती है लेकिन समिति ने पाया है कि केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में भी रिक्तियों का स्तर चिंताजनक है। केवी और नवोदय विद्यालयों में भी कुल मिलाकर 30 से 50% तक रिक्तियां हैं। समिति ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित केवी, नवोदय विद्यालयों में संविदा की जगह 31 मार्च 2026 तक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति हो। समिति ने कहा कि स्कूलों में संविदा वाली नियुक्तियां रोकी जाएं।


'राज्यों की फंडिंग रोकी जाए': संसदीय पैनल ने कहा है कि विभिन्न राज्यों में समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के जरिए पैसा पाने वाले स्कूलों में प्रारंभिक और प्राथमिक स्तर पर ही 7.5 लाख रिक्तियां हैं। रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति करने के निर्देशों को नहीं मानने वाले राज्यों की सर्व शिक्षा अभियान के तहत फंडिंग (अध्यापक निधि) कतब तक रोकी जाए, जब तक वे निर्देशों का पालन नहीं कर लेते।


NCTE पर भी सवालः नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) में 2019 से 15 जून 2025 तक टीचिंग, नॉन टीचिंग और प्रशासनिक कर्मचारियों की कोई भर्ती नहीं होने के मसले को भी समिति ने गंभीर बताया है।


'यूनिवर्सिटी को मिले आजादी': समिति का मानना है कि यूनिवर्सिटीज को अपना पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए केवल 30% छूट के बजाए ज्यादा आजादी दी जानी चाहिए।

Friday, March 28, 2025

केंद्रीय विद्यालयों में नए सत्र से कक्षा एक-दो में हुआ बदलाव, बच्चों का फन डे खत्म, कक्षा एक-दो में बढ़े आठ पीरियड

केंद्रीय विद्यालयों में नए सत्र से कक्षा एक-दो में हुआ बदलाव, बच्चों का फन डे खत्म, कक्षा एक-दो में बढ़े आठ पीरियड


देश-विदेश में संचालित 1253 केंद्रीय विद्यालयों में एक अप्रैल से शुरू हो नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा एक और दो में हिन्दी, अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई पर पहले से अधिक जोर दिया जाएगा। अब तक एक सप्ताह में छह पीरियड होते थे लेकिन नए सत्र से बच्चों को दस-दस कक्षाएं पढ़नी होगी। पहले पांचवीं तक के बच्चों के लिए शनिवार को फन-डे होता था जो अब समाप्त कर दिया गया है।

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 के अनुरूप केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा एक से आठ तक के टाइम टेबल में बदलाव किया है। सप्ताह में 40 की बजाय अब 48 पीरियड लगेंगे। इस सत्र तक प्रति सप्ताह एनवायरनमेंट स्टडीज की छह और वर्क एजुकेशन व कंप्यूटर साक्षरता की दो-दो कक्षाएं लगती थीं। अब इन विषयों की पढ़ाई नहीं होगी। नए सत्र से बागवानी विषय को जोड़ा गया है जिसकी सप्ताह में चार कक्षाएं चलेंगी। आर्ट्स की चार क्लास के स्थान पर छह पीरियड होंगे। एनसीएफ की संस्तुति के अनुसार इसमें दृश्य कला के चार और प्रदर्शन कला के दो क्लास होंगे। दूसरे पीरियड के बाद 10 मिनट का स्नैक्स ब्रेक और चौथे पीरियड के बाद 20 मिनट का अवकाश होगा।


कक्षा चार और पांच में बढ़े पीरियड

इसी क्रम में कक्षा चार और पांच के बच्चों को सप्ताह में 40 की बजाय 48 पीरियड पढ़ना होगा। इन कक्षाओं में पहले हिन्दी, अंग्रेजी और गणित के छह-छह पीरियड थे जो हिन्दी-अंग्रेजी में सात-सात और गणित में आठ हो गए हैं। हमारा संसार विषय पहले नहीं था, इस सत्र से दस पीरियड जुड़े हैं। आर्ट्स और शारीरिक शिक्षा के चार-चार पीरियड थे जो अब पांच-पांच हो गए हैं। कक्षा तीन के बच्चों को क्रिएटिव लर्निंग एक्टिविटी और डिजिटल साक्षरता की दो-दो कक्षाएं पढ़नी होगी, पहले उन्हें ये विषय नहीं पढ़ाए जाते थे।



केंद्रीय विद्यालयों में नए सत्र से नए टाइम टेबल के अनुसार कक्षाएं चलाई जाएंगी। इस संबंध में निर्देश मिले हैं और एनसीएफ की अनुशंसा के अनुरूप बदलाव किया जा रहा है।



राजीव कुमार तिवारी, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय ओल्ड कैंट



● संजोग मिश्र



सात-आठ के बच्चों को देंगे व्यावसायिक शिक्षा

कक्षा छह से आठ तक में मामूली बदलाव हुआ है। कक्षा सात और आठ के बच्चों के कोर्स में व्यवसायिक शिक्षा जोड़ी गई है और प्रति सप्ताह तीन पीरियड लगेंगे। कक्षा छह के बच्चों को क्रिएटिव लर्निंग एक्टिविटी और डिजिटल साक्षरता की दो-दो कक्षाएं पढ़नी होगी, पहले उन्हें ये विषय नहीं पढ़ाए जाते थे।

Wednesday, December 11, 2024

अयोध्या समेत पांच जिलों में खुलेंगे नए केंद्रीय विद्यालय, अब सबसे ज्यादा केन्द्रीय विद्यालय यूपी में होंगे


अयोध्या समेत पांच जिलों में खुलेंगे नए केंद्रीय विद्यालय, अब सबसे ज्यादा केन्द्रीय विद्यालय यूपी में होंगे


लखनऊ । यूपी के पांच जिलों अयोध्या, जौनपुर, कन्नौज, बिजनौर और महराजगंज में नए केन्द्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इन विद्यालयों के खुलने पर यूपी में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 127 हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था।


अयोध्या जिले के चांदपुर हरवंश क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय का निर्माण किया जाएगा। यह इस जिले का दूसरा केंद्रीय विद्यालय होगा। जौनपुर जिले के पयागपुर, महराजगंज जिले के महराजगंज क्षेत्र में भी केन्द्रीय विद्यालय खुलेगा। बिजनौर और कन्नौज में केन्द्रीय विद्यालयों का पहली बार निर्माण होगा। इन नए केन्द्रीय विद्यालयों में 4800 छात्रों को पढ़ाई का मौका मिलेगा। हर विद्यालय में 960 विद्यार्थियों की क्षमता होगी। इससे 63 लोगों को स्थाई रोजगार प्राप्त होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार सभी केंद्रीय विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल के रूप में नामित किया गया है।


सबसे ज्यादा केन्द्रीय विद्यालय यूपी में होंगे

यूपी में 127 केन्द्रीय विद्यालय (केवी) होंगे और इसके साथ ही यूपी सबसे अधिक केवी वाला प्रदेश बन जाएगा। केवी के संचालन के लिए प्रदेश को तीन संभागों लखनऊ, आगरा और वाराणसी में बांटा गया है। इस समय 122केवी चल रहे हैं। लखनऊ संभाग में 48, आगरा में 37 व वाराणसी संभाग में 37 केवी का संचालन हो रहा है।




देशभर में खुलेंगे 85 केंद्रीय और 28 नवोदय विद्यालय, 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक होंगे खर्च, केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अंतिम छोर पर बैठे लोगों तक पहुंचाने में जुटी केंद्र सरकार ने देश में 85 केंद्रीय विद्यालयों और 28 नए नवोदय विद्यालयों को खोलने की घोषणा की है। सर्वाधिक 13 केंद्रीय विद्यालय जम्मू-कश्मीर में खोले जाएंगे। जिन 28 नए नवोदय विद्यालयों को खोलने की घोषणा की गई है, उनमें सबसे अधिक आठ नवोदय विद्यालय अरुणालय प्रदेश में खोले जाएंगे। 


इस विद्यालयों के खोलने पर अगले आठ सालों में आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। यह सभी पीएम- श्री स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे। अयोध्या के चांदपुर में भी केंद्रीय विद्यालय खोला जाएगा। 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ये 85 नए केंद्रीय विद्यलाय देश के 19 राज्यों में खोले जाएंगे।



यूपी में पांच नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे

■ पूरे देश में खुलेंगे 85 केंद्रीय और 28 नवोदय विद्यालय खुलेंगे ■ छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर

नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नए केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश में 85 नए केंद्रीय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। इनमें यूपी में पांच नये केन्द्रीय विद्यालय होंगे। ये विद्यालय उन जिलों खोले जाएंगे जिनको नवोदय विद्यालय योजना के तहत कवर नहीं किया गया है। 

उन्होंने कहा कि नए केंद्रीय विद्यालय खुलने से देश भर में 82 हजार से अधिक छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। मौजूदा समय में 1256 कार्यात्मक केंद्रीय विद्यालय हैं। इनमें तीन विदेश में हैं। इनमें मॉस्को, काठमांडू और तेहरान शामिल हैं। 13.56 लाख छात्र इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

Thursday, November 23, 2023

देश भर में अस्थाई भवनों-तंबुओं में चल रहे 51 केंद्रीय विद्यालय, जमीन न देने से बिहार में सबसे ज्यादा 16 कैंपस अस्थाई भवन में

देश भर में अस्थाई भवनों-तंबुओं में चल रहे 51 केंद्रीय विद्यालय,  जमीन न देने से  बिहार में सबसे ज्यादा 16 कैंपस अस्थाई भवन में

यह स्थिति तब है, जब इन्हें बनाने के लिए केंद्र है तैयार



नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को निखारने के लिए केंद्र सरकार जहां सभी राज्यों में पीएम-श्री जैसे सुविधायुक्त स्कूलों को खोलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ी है, वहीं देश में करीब 51 ऐसे केंद्रीय विद्यालय भी हैं, जो वर्षों से अस्थाई भवनों और तंबुओं में संचालित हो रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब इनके स्थाई भवनों को बनाने के लिए केंद्र तैयार है। लेकिन राज्य भूमि ही नहीं मुहैया करा रहे हैं। इनमें सबसे अधिक करीब 16 केंद्रीय विद्यालय अकेले बिहार के हैं। इनमें लखीसराय का एक केंद्रीय विद्यालय तो ऐसा है, जिसे 35 साल पहले अस्थाई भवन और तंबू में ही शुरू किया गया था और आज भी उसी में चल रहा है।


फिलहाल देशभर में वर्षों से अस्थाई भवनों और तंबुओं में चल रहे इन स्कूलों को जल्द स्थाई भवन मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने सक्रियता दिखाई है। साथ ही इसे लेकर सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वह कम से कम अपने बच्चों के भविष्य का ध्यान रखते हुए वर्षों से अस्थाई भवनों में चल रहे हैं इन स्कूलों के लिए जमीन मुहैया कराएं।


केंद्र सरकार का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन के नियमों के तहत स्कूलों के लिए राज्यों को सिर्फ जमीन ही मुहैया करानी है बाकी निर्माण से लेकर संचालन आदि का पूरा खर्च वह खुद ही वहन करेगी। इसके साथ ही स्कूलों की क्षमता को भी विस्तार मिलेगा। इससे और ज्यादा बच्चे इन स्कूलों में पढ़ सकेंगे। बिहार के अतिरिक्त जिन अन्य राज्यों में भी केंद्रीय विद्यालय अस्थाई कैंपस में चल रहे है, उनमें झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश आदि राज्य हैं।


हालांकि, इनमें ऐसे विद्यालयों की संख्या तीन से चार ही है। बाकी राज्यों में भी एक-दो विद्यालय ही अस्थाई कैंपस में चल रहे हैं। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में करीब 13 सौ केंद्रीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों को वैसे तो सेना व केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा के लिए शुरू किया गया था, लेकिन इन विद्यालयों की बढ़ती प्रतिष्ठा के बाद इन्हें स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के लिए राज्यों की मांग के बाद इन्हें अन्य क्षेत्रों में आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया।


 मौजूदा समय में सेना और केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को दाखिला देने के बाद खाली सीटों पर आम बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। एयर फोर्स स्टेशन पूर्णिया, सीआरपीएफ झाफांन ( मुजफ्फरपुर), एसएसबी, वीरपुर सुपौल और सीआरपीएफ बारचट्टी (गया)। केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुताबिक, ये केंद्रीय विद्यालय अभी भी सिर्फ इसलिए अस्थाई भवनों में चल रहे है, क्योंकि इन्हें चिन्हित जमीन की रजिस्ट्री के लिए राज्य सरकार की ओर से भारी शुल्क की मांग की जा रही है।


मंजूरी के बाद भी नहीं शुरू हो पाए विद्यालय

जमीन मिलने के विवाद को देखते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन अब बिहार में तब तक कोई केंद्रीय विद्यालय शुरू करने को तैयार नहीं है, जब तक उसे जमीन आवंटित नहीं कर दी जाती। इसके चलते नवादा और देवकुंड में 2018 में स्वीकृत किए गए विद्यालय अब तक शुरू नहीं सके हैं। इससे पहले राज्य सरकारों के भरोसे पर संगठन नया स्थाई भवन बनने तक वहां किसी अस्थाई कैंपस में विद्यालय का संचालन शुरू कर देता था।

Sunday, March 12, 2023

केंद्रीय विद्यालयों में विशेष शिक्षकों के नियमित नियुक्ति के लिए 1239 पद सृजित नहीं किए जाने पर उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) को लगाई फटकार

केंद्रीय विद्यालय में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति न करने पर KVS व केंद्र सरकार से जवाब तलब



केंद्रीय विद्यालयों में विशेष शिक्षकों के नियमित नियुक्ति के लिए 1239 पद सृजित नहीं किए जाने पर उच्च न्यायालय ने  केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को फटकार लगाई है। 


न्यायालय से सरकार और केवीएस से कहा कि आदेश के बाद भी विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पद का सृजन क्यों नहीं हुआ। न्यायालय ने 17 नवंबर को मूक, बधिर और दृष्टिहीन एवं मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को समुचित शिक्षा देने के लिए केंद्रीय विद्यालय में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश दिए थे।


मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केंद्र सरकार और केवीएस को केंद्रीय विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 1239 पद सृजित करने के लिए 4 सप्ताह का वक्त दिया है। पीठ ने इसके साथ ही सरकार के शिक्षा सचिव और केवीएस के आयुक्त को यह बताने के लिए कहा है कि पिछले आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।


 मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल व कुमार उत्कर्ष ने पीठ को बताया कि विशेष जरूरत वाले दिव्यांग बच्चे शिक्षा पाने के लिए इंतजार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सरकार और केवीएस को इस मसले पर संवेदनशील होने की जरूरत है। 

Saturday, September 3, 2022

चार साल से शिक्षकों की कोई भर्ती न होने के कारण केंद्रीय विद्यालयों में 10344 पद खाली

चार साल से शिक्षकों की कोई भर्ती न होने के कारण केंद्रीय विद्यालयों में 10344 पद खाली

2018  के बाद से केंद्रीय विद्यालयों में नहीं हुई शिक्षकों की भर्ती


● वर्तमान में पीजीटी के 1942 टीजीटी के 3850 पद रिक्त
● प्राथमिक में पढ़ाने वाले पीआरटी के 4552 पद रिक्त



प्रयागराज, चार साल से भर्ती न होने के कारण देश-विदेश में स्थित 1248 केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में कक्षा एक से लेकर 12वीं तक शिक्षकों के कुल स्वीकृत तकरीबन 46917 पदों में से 10344 (22 प्रतिशत) पद खाली हैं।

सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत केंद्रीय विद्यालय संगठन के सहायक आयुक्त एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी धर्मेन्द्र पटले की ओर से 25 मई 2022 को दी गई सूचना के मुताबिक 31 मार्च 2022 तक केंद्रीय विद्यालयों में पीआरटी, टीजीटी और पीजीटी के कुल 36,573 शिक्षक कार्यरत थे।

एक साल पहले रिक्त पदों की संख्या 9236 थी। एक अन्य आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय विद्यालयों में एक दिसंबर 2020 तक शिक्षकों के कुल 7470 पद खाली थे। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति और कोरोना के दौरान संक्रमण से निधन होने के कारण रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है। चार साल से भर्ती नहीं होने के कारण कुछ स्कूलों में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के मानक के अनुसार शिक्षकों की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती न होने से उत्तर प्रदेश के युवाओं में भी निराशा है क्योंकि बड़ी संख्या में यहां के अभ्यर्थी आवेदन करते हैं।

पदनाम कार्यरत रिक्त

पीजीटी 9181 1942
टीजीटी 14571 3850
पीआरटी 12821 4552
योग 36573 10344