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Monday, November 4, 2024

पढ़ाएं या 12 ऐप में ब्योरा भरते रहें 'मास्टर जी'? परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का अधिकांश समय बाबूगिरी में रहा बीत

पढ़ाएं या 12 ऐप में ब्योरा भरते रहें 'मास्टर जी'? परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का अधिकांश समय बाबूगिरी में रहा बीत


लखनऊ । प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का अधिकांश समय बाबूगिरी में बीत रहा है। कक्षा में बच्चों को पढ़ाने की फुर्सत नहीं है। 12 तरह की विभागीय ऐप में ब्योरा अपलोड करने में दिन बीत रहा है। शिक्षकों के लिए ये ऐप सुविधा की बजाय बच्चों की पढ़ाई में अचड़न बन गए हैं। 


शिक्षकों का स्कूल के समय मोबाइल व टैबलेट ऑनलाइन ही रहता है। बच्चों के नामांकन, रिपोर्ट कार्ड, आधार लिंक, बच्चों व अभिभावकों का ब्योरा, बैंक डिटेल ऑन लाइन करना, दिव्यांग बच्चों की उपस्थिति से लेकर निपुण भारत समेत अन्य की फीडिंग ऑन लाइन करनी होती है। समीक्षा में सूचना समय से न भेजने पर शिक्षकों के वेतन रोकने समेत कई तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। 


बेसिक शिक्षा विभाग में मौजूदा समय में हर काम ऑनलाइन हो रहा है। हर काम के लिए एक अलग से मोबाइल ऐप या ऑनलाइन पोर्टल बना हुआ है। सभी शिक्षकों को यू डाइस में हर बच्चे की 52 बिन्दुओं पर सूचना भरनी होती है। इसके अलावा नामांकन, निपुण, स्कूल में कायाकल्प से लेकर बच्चों से जुड़ी हर जानकारी इन्हीं ऐप और पोर्टल के माध्यम से विभाग को भेजनी होती है। शिक्षकों के सामने पढ़ाने के साथ ही समय-समय पर स्कूल की गतिविधियों सहित रोज की जानकारी मुहैया कराना चुनौती से कम नहीं है।


ये हैं ऐप और पोर्टल

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रेरणा डीबीटी, दीक्षा, डीबीटी, निपुण, रेड एलोंग, समर्थ, पीएफएमएस, मिशन प्ररेणा, शारदा, पोर्टल जैसे ऐप में शिक्षकों को डिटेल अपलोड करनी होती है। छह ऐप में रोज कुछ न कुछ सूचना भेजनी होती है। इनमें रीड एलोंग ऐप, निपुण, प्रेरणा, डीबीटी, समर्थ, प्रेरणा यूपी डॉट इन आदि शामिल हैं। वहीं अन्य ऐप का इस्तेमाल जुलाई से सितम्बर व अप्रैल व मार्च में करना पडता है। शिक्षकों को ऐप व पोर्टल का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की बड़ी समस्या है। ऐसे में दिक्कतें भी होती हैं।

Monday, July 29, 2024

टैबलेट के संचालन में शिक्षकों को छूट रहे पसीने, कुछ टैबलेट न चार्ज हो रहे तो कुछ नहीं हो पा रहे ऑन

टैबलेट के संचालन में शिक्षकों को छूट रहे पसीने, कुछ टैबलेट न चार्ज हो रहे तो कुछ नहीं हो पा रहे ऑन

साल भर के भीतर ही गड़बड़ाने लगे टैबलेट, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के डिजिटलीकरण के लिए प्रदेश भर में दिए गए थे टैबलेट


टैबलेट्स में इस तरह की आ रहीं समस्याएं

■ कनेक्टिविटी काफी कम होना।
■ बैटरी बैकअप कम होने से बिजली नहीं आने पर जल्द बन्द हो जाता है टैबलेट।
■ 4जी सिम से ही संचालित होने से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालन काफी मुश्किल।
■ रोजाना अपडेट करने की समस्या।
■ जरूरत के हिसाब से काफी कम मेमोरी।


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों को डिजिटल करने के लिए दिए गए टैबलेट को साल भर पूरे नहीं हुए परन्तु अब वे दिक्कतें देने लग गए हैं। आलम यह है कि टैबलेट के संचालन में शिक्षकों को पसीने छूट रहे हैं। दूरदराज ही नहीं ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में टैबलेट पर काम करना काफी कठिन हो रहा है।

परिषदीय विद्यालयों में दैनिक कामकाज के लिए रखे गए 12 रजिस्टरों को पूरी तरह से डिजिटल करने के लिए सरकार ने सभी विद्यालयों को ये टैबलेट दिए हैं। विद्यालयों में इन पर काम शुरू भी हो गया है लेकिन बीते अप्रैल में मिले टैबलेट को चलाने की समस्याएं आने लगी हैं। टैबलेट के लिए सरकार ने 2023 में ही टेंडर किया था और पिछले वर्ष ही इसकी आपूर्ति हुई है, लिहाजा उस हिसाब से शिक्षकों द्वारा इसे पुराना वर्जन कहा जा रहा है। 

जानकारों के अनुसार स्कूल शिक्षा महानिदेशालय को रोज दो से ढ़ाई सौ शिकायतें टैबलेट के संचालन को लेकर मिल रही हैं। कुछ शिकायतें तो वीडियो काल से दुरुस्त किये जा रहे हैं लेकिन जहां गम्भीर समस्याएं रहती हैं, वहां महानिदेशालय से तकनीकी टीम जाकर गड़बड़ियों को दुरुस्त कर रही है या फिर टैबलेट बदले जा रहे हैं।


क्या कहते हैं जिम्मेदार
जिलों से टैबलेट को लेकर जो शिकायतें मिल रही हैं, उनमें ज्यादातर उसे काफी दिनों से रखे रह जाने या काम नहीं लिये जाने की वजह से हैं। जहां से शिकायतें आती हैं वहां वेंडर जाकर उसे ठीक भी कर रहा है। जहां बदलने की जरूरत है उसे बदल भी रहे हैं। जल्द ही समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा। - कंचन वर्मा, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश



सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए उपलब्ध कराए गए कई टैबलेट बने बेसिक शिक्षकों के लिए सिरदर्द 

🔴 प्राइमरी स्कूलों के टैबलेट खराब, 5G सिम सपोर्ट नहीं

🔴 टैबलेट नहीं चलने से आनलाइन किए जाने वाले कार्यों में समस्या

🔴 बैटरी या और दिक्कत पर बनवाने जाना पड़ेगा सर्विस सेंट


प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में आनलाइन उपस्थिति, सेल्फी, 12 तरह के रजिस्टर सहित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए उपलब्ध कराए गए कई टैबलेट सिरदर्द बन गए हैं। कुछ जिलों में टैबलेट की बैटरी खराब हो जाने से वे चालू नहीं हो रहे हैं। जो चालू हैं उनकी स्पीड मोबाइल फोन से भी काफी कम है। 5जी के दौर में 3जी 4जी सिम के सपोर्ट से चलने वाले इन टैबलेट में नेटवर्क की समस्या है। खराब होने पर इन्हें बनवाने के लिए सर्विस सेंटर की जो सूची जारी की गई है, उनके दूर होने से वहां आना-जाना संकट भरा है। कुछ जिलों में सर्विस सेंटर ही नहीं हैं।


परिषदीय स्कूलों में उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, स्टाक पंजिका, बैठक पंजिका, निश्शुल्क सामग्री वितरण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, बाल गणना पंजिका, पुस्तकालय पंजिका, छात्र विवरण, खेलकूद पंजिका, आय व्यय एवं चेक इश्यू पंजिका सहित कई कार्यों की जानकारी दी जानी है। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को दो-दो टैबलेट, सिम और रिचार्ज करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है। टैबलेट खरीदने के लिए 2018-19 में टेंडर हुआ था।


अब दौर 5जी का है। ऐसे में 5जी सिम पांच साल पुराने वर्जन के टैबलेट में सपोर्ट न करने से कई जिलों में संकट है। लखीमपुर खीरी और अन्य जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या से शिक्षक परेशान हैं। टैबलेट में शिकायतें आने के बाद महानिदेशालय स्कूल शिक्षा की ओर सौ से ज्यादा सर्विस सेंटर की सूची जारी की गई है, जहां संपर्क करके उसे ठीक कराने के निर्देश दिए गए थे। 


कई शिक्षकों ने बताया कि कुछ जिलों में सर्विस सेंटर ही नहीं है। ऐसे में उन्हें दूसरे जिले के सर्विस सेंटर पर जाना पड़ेगा। इसके अलावा एक दिन टैबलेट देने जाएं। न बनने पर दूसरे दिन या किसी अन्य दिन लेने जाएं तो हाजिरी का क्या होगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र से 60-70 किमी चलकर जिला मुख्यालय जाने आने या दूसरे जिले में जाने-आने का व्यय व अन्य खर्च कहां से करेंगे। इस तरह कई समस्याओं के चलते शिक्षकों में नाराजगी है।


समस्या पर विद्या समीक्षा केंद्र से करें संपर्क

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि डिजिटल रजिस्टर या फिर टैबलेट के उपयोग में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षक राज्य स्तर पर बनाए गए विद्या समीक्षा केंद्र से संपर्क कर अपनी समस्याओं का समाधान करा सकते हैं। विद्या समीक्षा केंद्र का फोन नंबर 05223538777 है। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों व खंड शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सर्विस सेंटर की सूची भी जिलों को दी जा चुकी है। शिक्षकों को टैबलेट के उपयोग करने से जुड़ी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए जानकारी उपलब्ध कराई गई है। फिर भी कोई कठिनाई हो तो विद्या समीक्षा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

Saturday, July 13, 2024

शिक्षा अधिकारी पहुंचे स्कूल, अटेंडेंस की अपेक्षा टैबलेट चलाने पर दिया गया जोर

शिक्षा अधिकारी पहुंचे स्कूल, अटेंडेंस की अपेक्षा टैबलेट चलाने पर दिया गया जोर

परिषदीय विद्यालय : शिक्षक मांगे पूरी होने तक विरोध जारी रखने पर अड़े, सोमवार को देंगे ज्ञापन


लखनऊ। प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस अभी गति आती नहीं दिख रही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल पहुंचे तो उन्हें टैबलेट चलाने व्यवहारिक दिक्कतें समझ आईं। साथ ही उनका जोर डिजिटल अटेंडेंस की अपेक्षा टैबलेट संचालन और अन्य रजिस्टर डिजिटल करने पर रहा।


 हालांकि दूसरी तरफ शिक्षकों का विरोध जारी है और वह अपनी मांगे पूरी होने तक डिजिटल अटेंडेंस लगाने को तैयार नहीं हैं। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आज सुबह ही एडी बेसिक, बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी आदि स्कूल पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों से वार्ता भी की और उन्हें डिजिटलीकरण के फायदे भी बताए। हालांकि शिक्षक जब अटेंडेंस लगाने को नहीं तैयार हुए तो अधिकारी अन्य रजिस्टर मिड-डे-मील, छात्रों की उपस्थिति आदि को सुचारू करने की बात करने लगे। वहीं कई जगह पर जब टैबलेट खोला गया तो वह अभी तक प्रयोग में ही नहीं लिया गया था। 

ऐप का नया वर्जन डाउनलोड नहीं था। कई जगह पर शिक्षकों को इसको संचालित करना भी नहीं आ रहा था। इसे विभाग ने तकनीकी विशेषज्ञों से वार्ता कर ठीक कराया। कई जगह पर अधिकारियों ने खुद नेटवर्क की दिक्कत भी पाई। अधिकारियों ने शिक्षकों को टैबलेट चलाने के तरीके बताए और कई की अटेंडेंस भी लगवाई। वाराणसी समेत कई जिलों में इसके लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया। हालांकि उपस्थिति देने वाले शिक्षकों की संख्या आज भी बहुत ही कम रही।


Sunday, July 7, 2024

सरकारी टैबलेट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, अफसरों के फरमान पर बेसिक शिक्षकों में गुस्से का माहौल

सरकारी टैबलेट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, अफसरों के फरमान पर बेसिक शिक्षकों में गुस्से का माहौल


परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को विभाग की ओर से टैबलेट मुहैया कराए गए हैं ताकि उनके आने-जाने के समय पर राज्य स्तर तक निगरानी रखी जा सके। इस महीने से ऑनलाइन सेल्फी के साथ उपस्थिति प्रक्रिया लागू कर दी गई।


सूबे के ज्यादातर स्कूलों में हालांकि अभी यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जिन स्कूलों में शुरू हुई है वहां से टैबलेट हैंग होने और ऑन  न होने की बहुत शिकायतें सामने आ रही हैं। इसको लेकर शिक्षकों में रोष का माहौल है। उन्होंने विभाग पर परेशान करने का आरोप लगाया है।

शिक्षकों का कहना है कि विभाग की ओर से दिया गया टैबलेट बहुत ही घटिया गुणवत्ता का एवं 4 जी पर आधारित है। सेल्फी के लिए 2 मेगा पिक्सल का फ्रंट कैमरा, 3 जीबी रैम और 32 जीबी रोम दी गई है। इसमें जरूरी एप के अलावा ऑनलाइन कार्यों के लिए विभाग की ओर से 24 से भी अधिक एप डाउनलोड कराए गए हैं। 


शिक्षकों का कहना है कि तकनीकी खामी के चलते उपस्थिति के लिए प्रेरणा पोर्टल ज्यादातर खुलता ही नहीं। यदि खुलता भी है तो फोटो अपलोड  करना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों से इस समस्या के बारे में बताने पर वे शिक्षकों पर अपने मोबाइल से फोटो अपलोड करने का दबाव बना रहे हैं।

Friday, March 8, 2024

बेसिक शिक्षकों को टैबलेट तो दिया लेकिन सिम और डाटा का पता नहीं, अधिकारी कार्यवाही की दे रहे चेतावनी

बेसिक शिक्षकों को टैबलेट तो दिया लेकिन सिम और डाटा का पता नहीं, अधिकारी कार्यवाही की दे रहे चेतावनी 


■ ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगा पा रहे शिक्षक

■ स्कूलों को टैबलेट दिए लेकिन काम शुरू नहीं


लखनऊ । प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन उपस्थित्ति व अन्य कामों के लिए शिक्षकों को टैबलेट तो दिये, लेकिन सिम और डाटा का पता नहीं। शिक्षक सिम और इंटरनेट कनेक्शन मांग रहे हैं। वहीं अधिकारी वेतन रोकने की घुड़की दे रहे हैं। टैबलेट देने के तीन माह बाद भी बच्चों को ऑनलाइन उपस्थिति व अन्य किसी काम में इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। टैबलेट स्कूल के कार्यालय में बंद रखे हैं।


बेसिक शिक्षा विभाग ने नवम्बर में सूबे के सभी प्राथमिक स्कूलों में टैबलेट दिये थे। इस टैबलेट से बच्चों की ऑन लाइन उपस्थिति, एमडीएम समेत अन्य सभी काम ऑन लाइन किये जाने थे। ताकि बच्चों की उपस्थिति और सभी योजनाओं की निगरानी मुख्यालय से की जा सके।


विभाग ने मार्च तक टैबलेट में इंटरनेट के प्रयोग के लिए कम्पोजिट ब्रांट से 1500 रुपये खर्च करने की व्यवस्था दी थी, लेकिन शिक्षकों ने इसका उपयोग नहीं किया। शिक्षक लगातार मांग कर रहे हैं विभाग उन्हें सीयूजी नम्बर का सिम कार्ड और डाटा मुहैया कराए। तभी वो टैबलेट का उपयोग करेंगे।



कम्पोजिट स्कूलों में बिना इंटरनेट नहीं होगा संचालन

शहर व ग्रामीण क्षेत्र के काफी कम्पोजिट स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं हैं। यहां पर 10 से लेकर 20 कम्प्यूटर लगाए गए हैं। इन्हें चलाने के लिए इंटरनेट की जरूरत होगी। यह कम्प्यूटर सिम कार्ड से नहीं संचालित हो सकते हैं। शिक्षक लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। 

Wednesday, March 6, 2024

40 लाख स्मार्टफोन और टैबलेट खरीदने के लिए 4000 करोड़, यूपी कैबिनेट का फैसला

40 लाख स्मार्टफोन और टैबलेट खरीदने के लिए 4000 करोड़, यूपी कैबिनेट का फैसला 


लखनऊ। युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट से लैस करने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मुहर लग गई। स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत मुफ्त टैबलेट वितरण के लिए चुनी गई संस्थाओं को खरीद आदेश जारी करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।


योजना के तहत 40 लाख टैबलेट व स्मार्टफोन युवाओं को दिए जाने हैं। इनमें से 25 लाख स्मार्टफोन और 15 लाख टेबलेट हैं। पांच वर्ष के लिए बनी इस योजना के तहत 40 लाख स्मार्टफोन व टैबलेट की खरीद इस साल व अगले साल भी की जाएगी। इसके लिए 4000 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई। है। 


पिछले साल इस मद में 3600 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। राज्य सरकार ने स्वामी विवेकानंद युवा सतक्तिकरण योजना की शुरुआत की थी।