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Tuesday, July 23, 2024

डिजिटल अटेंडेंस : एक सप्ताह बाद भी नहीं हुआ कमेटी का गठन और न जारी हुआ बैठक का कार्यवृत्त, विभागीय अधिकारियों ने साधी चुप्पी, 29 जुलाई से घेराव की तैयारी में शिक्षक

डिजिटल अटेंडेंस : एक सप्ताह बाद भी नहीं हुआ कमेटी का गठन और न जारी हुआ बैठक का कार्यवृत्त, विभागीय अधिकारियों ने साधी चुप्पी, 29 जुलाई से घेराव की तैयारी में शिक्षक


लखनऊ । Digital Attendance: यूपी के प्राइमरी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस फिलहाल स्थगित तो कर दी गई थी लेकिन तय हुआ था कि इसको लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी। एक सप्ताह के बाद इसका गठन नहीं हो सका है। 


परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस स्थगित कर दी गई है। बीते मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ हुई वार्ता में तय हुआ था कि इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई जाएगी, लेकिन एक सप्ताह बाद भी कमेटी का गठन नहीं हुआ है। इससे शिक्षक परेशान हैं। शिक्षक संगठन फिर से 29 जुलाई को प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं।


बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में आठ जुलाई से शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस का निर्देश जारी किया था। शिक्षकों के भारी विरोध व सीएम योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद मुख्य सचिव ने पिछले मंगलवार को शिक्षक संगठनों के साथ बैठक की थी। इसमें डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने व शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए कमेटी बनाने की बात कही गई थी।


इसके अगले दिन महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के साथ शिक्षक संगठनों की बैठक में भी कई मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक इस बैठक का कार्यवृत्त नहीं जारी किया गया है। विभागीय अधिकारी इस पर कुछ बताने को भी तैयार नहीं हैं। इससे शिक्षकों का इंतजार लंबा होता जा रहा है।


एस-फोर की बैठक 26 को
परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर चल रहे विरोध व अन्य मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एफ-फोर) की बैठक 26 जुलाई को बुलाई गई है। संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह के निर्देश पर राजधानी में होने वाली बैठक में आगे के आंदोलन पर निर्णय होगा।

Thursday, December 2, 2021

देश भर के स्कूलों के लिए बने के एक कामन पाठ्यक्रम, संसदीय समिति की अहम सिफारिश

देश भर के स्कूलों के लिए बने के एक कामन पाठ्यक्रम, संसदीय समिति की अहम सिफारिश



नई दिल्ली : सीबीएसई आइसीएससी और राज्य शिक्षा बोडर्डों में बंटी स्कूली शिक्षा को एक जैसा स्वरूप देने के लिए संसद की स्थायी समिति ने देश भर के स्कूलों के लिए एक समान (कामन) पाठ्यक्रम विकसित करने का सुझाव दिया है। साथ ही शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि वह इससे जुड़ी संभावनाओं पर काम करें। स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले सभी विषयों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए। 


समिति का कहना है कि इससे स्कूली शिक्षा में एकरूपता आएगी और देश भर के सभी स्कूली छात्रों का एक ही शैक्षणिक स्टैंडर्ड होगा।


भाजपा सांसद डा विनय सहस्त्रबुद्धे की अगुवाई वाली शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने स्कूली शिक्षा को लेकर यह अहम सिफारिश उस समय की है, जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल का काम तेजी से चल रहा है। इसके तहत स्कूलों के लिए नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें भी तैयार होनी हैं। 


हालांकि इससे पहले ही समिति की स्कूली पाठ्यपुस्तकों की विषयवस्तु और डिजाइन में सुधार के संबंध में यह सिफारिश इसलिए भी अहम है, क्योंकि मौजूदा समय में देश अलग-अलग शिक्षा बोर्डों से संबंद्ध स्कूल है। ऐसे में इन स्कूलों में अभी एक जैसा पाठ्यक्रम नहीं है। 


समिति से जुड़े सदस्यों की मानें तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जब स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार ही होना है, तो फिर इन सिफारिशों पर भी विचार किया जा सकता है। संसदीय समिति ने इसके साथ ही स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली इतिहास से जुड़ी विषयवस्तु तैयार करने में पूरी सतर्कता से काम करने की जरूरत पर जोर दिया है। समिति ने अपनी सिफारिश में करीब 25 बिंदु शामिल किए हैं।

जिले के अंदर तबादले, पदोन्नति आदि पर समिति की रिपोर्ट जल्द, िशिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कमेटी से रिपोर्ट तलब

जिले के अंदर तबादले, पदोन्नति आदि पर समिति की रिपोर्ट जल्द

शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कमेटी से रिपोर्ट तलब



लखनऊ। बेसिक और माध्यमिक शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में गठित कमेटी को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।


 इससे उम्मीद है कि शिक्षकों की वाजिब समस्याओं का समाधान जल्द होगा। दरअसल, शिक्षकों की पदोन्नति, वेतन विसंगति दूर करने, जिले के अंदर तबादले, पारस्परिक तबादले, पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षकों के आश्रितों को लिपिक के पद पर नियुक्ति सहित अन्य मामले लंबित हैं। 


इन्हीं मांगों को पूरा कराने के लिए शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले मंगलवार को राजधानी में हुई महारैली में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए थे। महारैली के बाद मुख्य सचिव ने शिक्षकों व कर्मचारियों से जुड़े मामलों की समीक्षा में कमेटी को जल्द रिपोर्ट जल्द पेश करने के निर्देश दिए हैं। अवस्थी ने बताया कि कमेटी जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। शिक्षक संगठनों के प्रत्यावेदन पर विभागों से बात की जा रही है।

Friday, February 5, 2021

जिलों में शिक्षा नीति पर विमर्श के लिए बनेगी समिति : शर्मा

जिलों में शिक्षा नीति पर विमर्श के लिए बनेगी समिति : शर्मा


लखनऊ। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने जिला स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विचार विमर्श के लिए शिक्षाविदों के साथ विभिन्न विभागों की समिति बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के रूप में मनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस मौके पर भाषा से संबंधित कार्यक्रम आयोजित कराएं। वे बृहस्पतिवार को विधानमंडल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में बोल रहे थे। 


उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कंपोजिट स्कूल के लिए बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के मध्य समन्वय स्थापित किया जाएगा। टास्क फोर्स की बैठक में एक एमओयू भी साइन किया गया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एमओयू से विश्वविद्यालयों की ओर से किए जा रहे अनुसंधान औद्योगिक क्षेत्र के लिए उपयोगी होंगे।

Tuesday, August 11, 2020

कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को समाचार पत्रों के जरिए पढ़ाने का संसदीय सामिति का प्रस्ताव

कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को समाचार पत्रों के जरिए पढ़ाने का संसदीय सामिति का  प्रस्ताव

 
नई दिल्ली : कोरोना संकट काल में घरों में बैठे स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार वैसे तो सभी जरूरी कदम उठा रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों तक उसकी पहुंच अभी भी अधूरी है। शिक्षा मंत्रलय की संसदीय मामलों की स्थायी समिति ने सोमवार को इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। साथ ही सुझाव दिया है कि ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ाने के लिए समाचार पत्रों की मदद ली जाए।


समिति का कहना था कि इस संकट काल में भी गांव-गांव तक समाचार पत्र पहुंच रहे हैं। ऐसे में छात्रों तक उसके जरिए अध्ययन सामग्री पहुंचाई जाए। शिक्षा मंत्रलय से जुड़ी स्थायी समिति की बैठक भाजपा के वरिष्ठ सांसद डा.विनय सहत्रबुद्धे की अगुवाई में हुई। इसके कुल 30 सदस्यों में से करीब 17 बैठक में पहुंचे थे। 


संसद भवन परिसर में हुई इस बैठक में मंत्रलय के सामने परीक्षाओं के तरीकों को लेकर भी चर्चा हुई। जिसमें क्वेश्चन बैंक आधारित सिस्टम को अपनाने पर जोर दिया गया। इस पर मंत्रलय ने अपनी सहमति दे दी है। साथ ही समाचार पत्रों के जरिए दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों तक पहुंचने के सुझाव पर भी अपनी सहमति जताई है।