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Thursday, February 6, 2025

उत्तर प्रदेश के 13 लाख निरक्षरों को बनाया जाएगा साक्षर

उत्तर प्रदेश के 13 लाख निरक्षरों को बनाया जाएगा साक्षर


लखनऊ। राजधानी सहित उत्तर प्रदेश में 13 लाख निरक्षरों को साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय ने चिह्नित किया है। इन सभी को शिक्षित किया जाएगा। ये जानकारी बुधवार को साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक भगवती सिंह ने दी।

कानपुर रोड स्थित साक्षरता निकेतन में आयोजित उल्लास मेले के दौरान उन्होंने बताया कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सर्वे एप से करीब 13 लाख निरक्षर और 1.50 लाख वालंटियर चिह्नित किए गए हैं।

पांच लाख निरक्षरों को साक्षर किया गया है। कार्यक्रम में नवसाक्षर सुजाता व भोपाल ने अपने जीवन में आए सकारात्मक बदलाव को साझा किया। इस मौके पर शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा, इंडिया लिट्रेसी बोर्ड के निदेशक संध्या तिवारी, एससीईआरटी के निदेशक गणेश कुमार और बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल, एडीबेसिक श्याम किशोर तिवारी, बीएसए राम प्रवेश उपस्थित रहे।


निरक्षर व्यक्ति नहीं उठा पाता सुविधाओं का लाभ : संदीप

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि निरक्षर व्यक्ति अपनी बात स्पष्ट रूप से नहीं रख पाता है। वो केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं उठा पाता है। शिक्षा व्यक्ति के विकास के रास्ते खोलने के साथ रोजगार के अवसर मुहैया कराती है।

स्टॉल पर दी गई जानकारी

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की गतिविधियों की जानकारी देने के लिए स्टॉल भी लगाए गए, जहां प्रदेश के 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर को साक्षर करने के लिए चलाए जा रहे नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया। स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी को साक्षर किया जाए।

Monday, September 9, 2024

छह साल पहले बंद कर दिए गए लोक शिक्षा केन्द्र, निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वालंटियर्स खोजे नहीं मिल रहे, अब बेसिक शिक्षकों के भरोसे साक्षरता !

छह साल पहले बंद कर दिए गए लोक शिक्षा केन्द्र, निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वालंटियर्स खोजे नहीं मिल रहे, अब बेसिक शिक्षकों के भरोसे साक्षरता !

पहले से ही गैर शैक्षणिक कार्यों से जूझ रहे हैं शिक्षक, अब और होगी दिक्कत 

करीब छह साल पहले बंद कर दिए गए लोक शिक्षा केन्द्र, अन्य व्यवस्था नहीं


लखनऊ । 15 वर्ष से अधिक निरक्षरों को साक्षर बनाने की मुहिम धीमी पड़ती नजर आ रही है। 2018 में निरक्षरों के लिए डेडीकेटेड लोक शिक्षा केन्द्रों को बंद कर दिया गया। अब पहले से ही तमाम गैर शैक्षणिक कार्यों से जूझ रहे बेसिक शिक्षकों को यह कार्य थमा दिया गया है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि साक्षरता मिशन को कैसे अंजाम दिया जाएगा।
साक्षर भारत मिशन के अन्तर्गत 2012 में लोक शिक्षा समिति का गठन कर प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक लोक शिक्षा केन्द्र की स्थापना की गई थी। प्रत्येक लोक शिक्षा केन्द्र पर दो प्रेरक नियुक्त किए गए थे। इन प्रेरकों का कार्य 15 से 65 वर्ष की आयु के निरक्षरों को कर उन्हें साक्षर बनाना था।

नियमित अंतराल पर निरक्षरों की परीक्षा आयोजित कर उन्हें साक्षर बनाया जाता था। प्रेरकों को दो हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय भी दिया जाता था लेकिन 2018 में इस योजना को बंद कर दिया गया। प्रेरकों के मानदेय का मामला अब भी शासन के पास है।


चिन्हित बच्चों को पढ़ाएं या वालंटियर खोजें?
वर्तमान समय में निरक्षरों और उन्हें साक्षर करने वाले वालंटियर्स को खोजने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षकों को दी गई है। पहले से ही अनेक गैर शैक्षणिक कार्यों में उलझे बेसिक शिक्षकों के पास पूरी गंभीरता से इस कार्य को करने के लिए समय नहीं है। सूत्र बताते हैं कि किसी तरह चिन्हित किए गए निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वालंटियर्स खोजे नहीं मिल रहे हैं। इस मसले पर सिर्फ कागजी बाजीगरी की जा रही है। बीते साल 23 हजार निरक्षर चिन्हित किए गए थे। इस वर्ष चिन्हीकरण जारी है।


Thursday, September 8, 2022

उत्तर प्रदेश के 17 लाख लोग होंगे साक्षर, बिना मानदेय साक्षर करेंगे स्वयंसेवक

उत्तर प्रदेश के 17 लाख लोग साक्षर बनेंगे, 15 सितम्बर तक सर्वे वालेंटियर का चयन

नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सत्र 2022-23 का लक्ष्य


लखनऊ :  प्रदेश के 17 लाख निरक्षर लोगों को नव साक्षरता कार्यक्रम के तहत एक साल के भीतर साक्षर किया जाएगा। ऑनलाइन पाठ्य सामग्री और माड्यूल के जरिए साक्षर किया जाएगा।


मुख्यत महिलाओं, एससी-एसटी, अल्पसंख्यक, दिव्यांग और श्रमिक इनमें शामिल हैं। 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों का सर्वे व इन्हें साक्षर करने वाले वालेंटियर का चयन 15 सितम्बर तक पूरा करना है। इनको पढ़ने-लिखने से लेकर व्यवहारिक जानकारी दी जाएगी। साक्षरता विभाग ने पूरे कार्यक्रम का प्रारूप बनाया है। बता दें कि अन्तरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस आठ सितम्बर को मनाया जाता है।

साक्षरता विभाग के सहायक निदेशक राज कुमार का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा नव साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके तहत्र निरक्षरों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। वालेंटियर में प्राइमरी, जूनियर स्कूल के छात्र, एनसीसी, एनएसएस, बीटीसी, डीएलएड छात्र एवं स्वयं सेवक शामिल होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत साक्षर बनाने के साथ संख्या ज्ञान और व्यवहारिक ज्ञान देना जरूरी है। एससीईआरटी ने पाठ्यक्रम और माड्यूल तैयार किया है। पाठ्यक्रम में रुपयों के लेनदेन, कानूनी जानकारी, बाल देखभाल आदि शामिल है।


लखनऊ में 57 हजार निरक्षर हैं वर्तमान में

लखनऊ में करीब 57 हजार निरक्षर हैं। वर्ष 2021 के सर्वे में मलिहाबाद में सबसे ज्यादा 15366 लोग निरक्षर थे। इनमें 19738 पुरुष तथा 37227 महिलाएं हैं। काकोरी में 11,196 निरक्षर मिले। सरोजनी नगर में 922 और सबसे कम 804 निरक्षर गोसाईगंज में हैं।

बिना मानदेय साक्षर करेंगे स्वयंसेवक

निरक्षरों को साक्षर करने के लिए बिना किसी मानदेय के योगदान देने वाले स्वयंसेवकों का चिह्नांकन क्षेत्रवार चल रहा है। इसके तहत विभिन्न विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जोड़ा जा रहा है। स्वयंसेवक के रूप में कक्षा पांच व उससे ऊपर के स्कूली छात्रों को भी जुड़ने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है। ऐसे बच्चे अपने परिवार या पड़ोसियों को साक्षर करेंगे। इसके अलावा एमएड, बीएड, बीटीसी, जेबीटी आदि पाठ्यक्रमों के पूर्व छात्रों को भी जोड़ने के लिए कहा गया है।