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Wednesday, May 15, 2024

शिक्षक को सेवानिवृत्ति की तिथि से पेंशन का अधिकार : हाईकोर्ट

शिक्षक को सेवानिवृत्ति की तिथि से पेंशन का अधिकार : हाईकोर्ट

अदालत ने माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक का आदेश किया रद्द


लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा कि शिक्षक को पेंशन पाने का अधिकार उसके रिटायरमेंट की तिथि से पैदा होगा। न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की एकल पीठ ने यह फैसला अयोध्या के एक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक रुद्रभान सिंह की याचिका को मंजूर करके दिया। 


याची का कहना था कि पिछले साल 30 अप्रैल को वह सेवानिवृत्त हुआ। जब उसने पेंशन के लिए आवेदन किया तो इसे माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक अयोध्या ने 21 मार्च 2024 को यह कहकर वापस भेज दिया कि 12 दिसंबर 2023 के शासनादेश के तहत पेंशन के लिए अर्ह सेवा को उसकी मौलिक नियुक्ति से गिना जाएगा। ऐसे में याची शिक्षक पेंशन पाने का हकदार नहीं है। याची ने उप निदेशक के इस आदेश को चुनौती दी थी।


फैसला देकर माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याची 12 दिसंबर 2023 के शासनादेश के काफी पहले रिटायर हुआ। ऐसे में याची को पेंशन का अधिकार उसकी सेवानिवृत्ति की तिथि से पैदा होगा। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याची के पेंशन मामले को यूपी निदेशक को वापस भेज दिया। साथ ही पहले दिए गए फैसले और आदेशों के प्रकाश में 8 सप्ताह में इसे नए सिरे से निस्तारित करने का आदेश उप कोर्ट ने इस कानूनी सवाल पर निदेशक को दिया।

Sunday, September 24, 2023

'सेवानिवृत्ति से पूर्व मृत्यु पर ग्रेच्युटी रोकना सही नहीं' – हाईकोर्ट

'सेवानिवृत्ति से पूर्व मृत्यु पर ग्रेच्युटी रोकना सही नहीं' – हाईकोर्ट


प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु होने पर विकल्प न भरने के कारण अध्यापक की ग्रेच्युटी के भुगतान से इनकार करने के डीआईओएस शामली के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने गुरुचरण केस के फैसले के आलोक में दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।


यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने मोहम्मद शाहिद की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक ने अपनी बहस में कहा कि याची की मां अमीना बेगम वीवी इंटर कॉलेज शामली में सहायक अध्यापिका थीं। वह 15 जुलाई 2009 को सेवानिवृत्त होने वाली थीं।


Wednesday, September 6, 2023

सेवानिवृत्ति के बाद शादी तो भी मिलेगी पारिवारिक पेंशन

सेवानिवृत्ति के बाद शादी तो भी मिलेगी पारिवारिक पेंशन


प्रयागराज :  प्रदेश के 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद किए गए विवाह, पति या पत्नी जैसी भी स्थिति हो, को पारिवारिक पेंशन मिलेगी। विशेष सचिव एसपी सिंह ने चार सितंबर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में लिखा है कि यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी। साथ ही साफ किया है कि पूर्व की अवधि के लिए एरियर अनुमन्य नहीं किया जाएगा।


गिरधारी सिंह इंदर कुंवर इंटर कॉलेज लखनऊ से सेवानिवृत्त सहायक अध्यापक नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने सेवानिवृत्ति के बाद शादी की और पत्नी को पारिवारिक पेंशन के लिए नामित कर दिया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 19 जुलाई 2021, 21 अक्तूबर 2021 व 23 मार्च 2022 को इस संबंध में रिपोर्ट भेजते हुए मार्गदर्शन मांगा था। इस मामले में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने भी विधान परिषद में सूचना मांगी थी।


विशेष सचिव ने लिखा है कि 25 जून 1991 के शासनादेश में सरकारी सेवकों के सेवानिवृत्ति के बाद किए गए विवाह को पारिवारिक पेंशन दिए जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई है। इसी प्रकार एडेड कॉलेज के शिक्षकों के लिए भी यह सुविधा अनुमन्य होगी। इसके लिए वित्त विभाग ने भी 28 अगस्त को सहमति प्रदान की है।





Sunday, August 20, 2023

राजकीय शिक्षकों ने मांगा 62 वर्ष में सेवानिवृत्ति का विकल्प और एसीपी का लाभ

राजकीय शिक्षकों ने मांगा 62 वर्ष में सेवानिवृत्ति का विकल्प और एसीपी का लाभ 


● एडेड माध्यमिक व वेसिक के शिक्षकों के पास है 60 या 62 वर्ष का अवसर 
● राजकीय शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा एसीपी का लाभ


प्रयागराज : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के पास सेवानिवृत्ति को लेकर विकल्प है, लेकिन राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के पास विकल्प की सुविधा नहीं है। उन्हें 60 वर्ष की आयु पर ग्रेच्युटी लाभ के साथ सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। राजकीय शिक्षक भी सेवानिवृत्ति को लेकर 62 वर्ष का विकल्प चाहते हैं। इसके लिए महानिदेशक (डीजी) स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद को पत्र भेजा गया है।


डीजी को भेजे पत्र में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय एवं प्रांतीय महामंत्री सत्यशंकर मिश्र ने बताया कि एडेड माध्यमिक के शिक्षकों की तरह बेसिक शिक्षा के शिक्षकों के पास भी विकल्प भरने की सुविधा है कि वह 60 वर्ष की आयु पर ग्रेच्युटी लाभ के साथ सेवानिवृत्ति चाहते हैं या 62 वर्ष की आयु पर। 


62 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्ति होने पर ग्रेच्युटी का लाभ नहीं दिया जाता । इसके विपरीत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के एलटी, प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्यों को 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्ति दी जाती है। मांग की गई है उन्हें भी विकल्प का अवसर दिया जाए कि वह ग्रेच्युटी के साथ 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति या बिना ग्रेच्युटी लाभ के 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति चुन सकें। 


यह भी बताया है कि राजकीय शिक्षकों को राज्य कर्मचारी नहीं माना गया है और न ही उन्हें एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) का लाभ दिया जा रहा है। मांग की गई है कि समानता के अधिकार के तहत उन्हें भी विकल्प की सुविधा दी जाए।

Saturday, April 29, 2023

सेवानिवृत्ति का विकल्प देने वाले शिक्षक को पहले ही वीआरएस लेने पर ग्रेच्युटी पाने का हक, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नौ फीसदी ब्याज समेत ग्रेच्युटी के भुगतान का दिया निर्देश

सेवानिवृत्ति का विकल्प देने वाले शिक्षक को पहले ही वीआरएस लेने पर ग्रेच्युटी पाने का हक, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नौ फीसदी ब्याज समेत ग्रेच्युटी के भुगतान का दिया निर्देश


प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 60 साल में सेवानिवृत्ति विकल्प देने वाले 50 वर्ष की आयु में 27 साल, नौ माह 28 दिन की सेवा के बाद वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वाले शिक्षक को नौ फीसदी ब्याज सहित ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दिया है।


कोर्ट ने कहा कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर 29 अगस्त 1981 का शासनादेश लागू नहीं होगा। कोर्ट ने ग्रेच्युटी का भुगतान करने का हकदार न मानने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि ग्रेच्युटी का भुगतान पहले से मिल रही पेंशन के अतिरिक्त होगा।


यह आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र ने डॉ. अशोक कुमार तोमर की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। मामले में याची की 1982 में लेक्चरर पद पर नियुक्ति की गई और अक्तूबर 2002 में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त हुआ। 2009 में याची ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी दी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। उसे सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान नहीं किया गया तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 


कोर्ट ने संयुक्त शिक्षा निदेशक सहारनपुर को निर्णय लेने का निर्देश दिया। उन्होंने नौ दिसंबर 2010 को पेंशन का आदेश दिया किंतु ग्रेच्युटी का हकदार नहीं माना। कहा कि याची ने 60 साल में सेवानिवृत्ति का विकल्प भरा था। ग्रेच्युटी भुगतान एक्ट के अंतर्गत इस आदेश को लेकर नियंत्रक प्राधिकारी के समक्ष वाद दायर किया। छह सितंबर 2013 को नियंत्रक प्राधिकारी ने छह लाख 46 हजार 041 रुपये ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दिया। जिसके खिलाफ अपील मंजूर करते हुए आदेश रद्द कर दिया गया। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।


याची के अधिवक्ता का कहना था कि कानून की गलत व्याख्या की गई है और शासनादेश याची के मामले में लागू नहीं होगा। कोर्ट ने याची को ग्रेच्युटी पाने का हकदार माना और गणना कर मय ब्याज भुगतान का निर्देश दिया है।


कोर्ट आर्डर 👇


Sunday, February 19, 2023

शिक्षामित्रों ने भी मांगी 62 साल में सेवानिवृत्ति, 20 फरवरी को होने वाले महासम्मेलन वेतन बढ़ाने की मांग और यह मुद्दा उठाएंगे

शिक्षामित्रों ने भी मांगी 62 साल में सेवानिवृत्ति,  20 फरवरी को होने वाले महासम्मेलन वेतन बढ़ाने की मांग और यह मुद्दा उठाएंगे



लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों ने नियमित शिक्षकों की तरह सेवानिवृत्ति अवधि को 62 वर्ष तक निर्धारित करने की मांग की है। वहीं 20 फरवरी को रमाबाई अंबेडकर मैदान में होने वाले महासम्मेलन को लेकर सभी संगठन एकजुट हैं। सम्मेलन में भी शिक्षा मित्र इस मांग को उठाएंगे। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सरकार ने शिक्षामित्रों की सेवा अवधि 60 साल तय की थी।



बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि सभी परिषदीय शिक्षकों की सेवानिवृत्त अवधि 62 वर्ष है। ऐसे में मात्र शिक्षामित्रों के लिए शासन ने सेवानिवृत्त का समय 60 साल करके उनके साथ अन्याय किया है। सरकार को इस आदेश को रद्द करना चाहिए। शिक्षामित्रों का भी सेवानिवृत्त की आयु परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की भांति 62 वर्ष करनी चाहिए।


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा मित्रों को भी। सातवें वेतन का लाभ दिया जाए। क्योंकि शिक्षा मित्र भी 20 साल से काम कर रहे हैं। मात्र 10 हजार रुपए में उनके लिए परिवार चलाना संभव नहीं हो पा रहा है।