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Wednesday, April 23, 2025

परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, स्मार्ट पढ़ाई पर जोर

परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, स्मार्ट पढ़ाई पर जोर


लखनऊः परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देकर स्मार्ट तरीके से पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। इन विद्यालयों में 2.09 टैबलेट दिए गए हैं और 18 हजार से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जा चुकी हैं। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देकर निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में भी पढ़ाई कराई जा रही है। छात्रों को आडियो-वीडियो के माध्यम से रोचक ढंग से कठिन से कठिन पाठ आसानी से समझाए जा रहे हैं।


प्रदेश के सभी ब्लाक में एक-एक इन्फार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनाई गई है। यहां पर परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के मुताबिक आपरेशन कायाकल्प की मदद से विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और इसके साथ ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है।


शिक्षकों को जो टैबलेट दिए गए हैं, उसमें इंटरनेट की सुविधा दी गई है। विद्यालय में उपस्थिति सहित सभी 12 रजिस्टर को डिजिटल रजिस्टर में तब्दील कर आनलाइन सूचनाएं बेसिक शिक्षा विभाग को भेजी जा रही हैं और इस पर आनलाइन पाठ्य सामग्री भी भेजी जा रही है। नवभारत उदय कार्यक्रम के तहत डिजिटल शिक्षा की नींव तैयार कर ली गई है। वर्ष 2022 से लेकर वर्ष 2024 तक सीतापुर में 59 स्मार्ट टीवी और पांच कंप्यूटर लैब स्थापित की गईं। अब आगे 501 प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट टीवी का वितरण किया जाएगा। छात्रों को रोचक ढंग से पढ़ाई कराने पर जोर दिया जा रहा है।

Wednesday, January 1, 2025

नए साल 2025 में बेसिक शिक्षा विभाग की उम्मीदें, 7,409 प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास सहित 5258 प्राइमरी स्कूलों स्कूलों में आईसीटी लैब की भी स्थापना की तैयारी

नए साल 2025 में बेसिक शिक्षा विभाग की उम्मीदें, 7,409 प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास सहित 5258 प्राइमरी स्कूलों स्कूलों में आईसीटी लैब की भी स्थापना की तैयारी 


लखनऊ । नए वर्ष में प्रदेश के 7,409 प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू किए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश भर के 18381 स्कूलों में स्मार्ट क्लास चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा 5258 प्राइमरी स्कूलों स्कूलों में आईसीटी लैब की भी स्थापना होगी जबकि लखनऊ स्थित स्कूल शिक्षा महानिदेशालय में नए वर्ष में स्टेट लेवल डिजिटल स्टूडियो की स्थापना की जाएगी।


बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षा के आधुनिकीकरण के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय खोले जाएंगे। इसमें पहले चरण में 27 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों की स्थापना का कार्य जल्द ही शुरू किए जाने की योजना है। वहीं 34 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय उच्चीकृत किए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति मिल चुकी है। नई शिक्षा नीति 2020 की संस्तुतियों के तहत प्राइमरी स्कूलों में नए वर्ष में और भी कई बदलाव करने की तैयारी है।


शिक्षा के क्षेत्र में किए जाएंगे कई कार्य

■ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, लिपिकों आदि के रिक्त पद भरे जाएंगे

■ 1265 प्राइमरी स्कूलों के जर्जर भवनों का कायाकल्प होगा

■ माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में लैब व स्मार्ट क्लास को मंजूरी

■ तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों के बाद अब पढ़ाई शुरू करने की कवायद शुरू होगी

■ उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी में अब तक अपलोड 134 विषयों के 77,000 ई-कंटेंट को बढ़ाकर एक लाख तक किया जाएगा

■ 172 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क की स्थापित होंगे

■ 83 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लास शुरू किया जाएगा

Wednesday, January 31, 2024

अब तक नहीं आई कंपोजिट ग्रांट! कैसे होंगे स्कूलों के विकास के काम? नहीं बन पाएंगी स्मार्ट क्लास

अब तक नहीं आई कंपोजिट ग्रांट!  कैसे होंगे स्कूलों के विकास के काम? नहीं बन पाएंगी स्मार्ट क्लास

 📢 प्राइमरी का मास्टर PKM
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75 फीसदी स्कूल कम्पोजिट ग्रांट नहीं निकाल पाए थे

पिछले वर्ष प्रधानाध्यापकों ने अपनी तनख्वाह से काम कराया था

कम्पोजिट ग्रांट के पांच करोड़ रुपये वापस हो गए थे पिछले साल


लखनऊ। प्राथमिक स्कूलों में इस साल स्मार्ट कक्षाएं नहीं बन पाएंगी। स्कूलों को अभी तक कम्पोजिट ग्रांट नहीं मिली है। ऐसे में स्कूलों में रंगाई पोताई, पठन पाठन की सामाग्री की खरीददारी के साथ ही मरम्मत के काम कैसे होंगे? 


पिछले वर्ष प्रधानाध्यापकों ने अपनी तनख्वाह से काम कराया था। जिसका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि बजट जारी भी हो जाएगा तो उनका और स्कूल में काम कराने वाले वेंडर के पंजीकरण की प्रक्रिया में मार्च गुजर जाएगा। लखनऊ में 1618 प्राथमिक, जूनियर और कम्पोजिट स्कूल हैं। 


सरकार हर साल इन स्कूलों में में स्मार्ट क्लास बनाने समेत दूसरे विकास कार्यों के लिए कम्पोजिट ग्रांट देती है। 100 बच्चों पर 25 हजार, 100 से 250 बच्चों पर 50 हजार व 250 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को 75 हजार रुपये कम्पोजिट ग्रांट की व्यवस्था है। पिछले साल शासन ने लखनऊ को 6 करोड़ 32 लाख रुपये जारी किये थे। यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि बीते साल 75 फीसदी स्कूल कम्पोजिट ग्रांट नहीं निकाल पाए थे।


बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि कम्पोजिट ग्रांट की राशि एक हफ्ते में आने की उम्मीद है। इसका भुगतान बीते साल की तर्ज पर पोर्टल से ही किया जाएगा।

Thursday, November 2, 2023

नए सत्र से परिषदीय स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को लगेंगे पंख, 18,381 स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जा रहीं, 880 कंप्यूटर लैब, एक हजार करोड़ होगा खर्च

नए सत्र से परिषदीय स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को लगेंगे पंख, 18,381 स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जा रहीं, 880 कंप्यूटर लैब, एक हजार करोड़ होगा खर्च


लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र वर्ष 2024-25 से डिजिटल लर्निंग को तेजी से बढ़ावा दिया जाएगा। 18,381 उच्च प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट क्लास तैयार की जा रही हैं। विद्यार्थियों को इसमें रोचक ढंग से पाठ पढ़ाया जाएगा। वहीं 880 ब्लाक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) पर इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनाई जा रही हैं। 2.09 लाख शिक्षकों को टैबलेट भी वितरित किए जा रहे हैं। 


डिजिटल लर्निंग की मदद से उच्च कोटि की शिक्षा देने के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। स्मार्ट क्लास रूम तैयार करने और विद्यार्थियों को ई कंटेंट उपलब्ध कराने पर कुल 781 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर 53 करोड़ रुपये की लागत से आइसीटी लैब तैयार की जा रही हैं। यहां विद्यार्थियों को कंप्यूटर का आधारभूत ज्ञान दिया जाएगा।

Sunday, September 10, 2023

हर जिले में खुलेंगे स्मार्ट क्लास युक्त आवासीय संस्कृत विद्यालय

हर जिले में खुलेंगे स्मार्ट क्लास युक्त आवासीय संस्कृत विद्यालय


लखनऊ । प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और संस्कृत शिक्षा के प्रति बच्चों का रुझान बढ़े इसके लिए सरकार प्रदेश के हर जिले में आवासीय संस्कृत विद्यालय खोलने जा रही है। नये संस्कृत आवासीय स्कूल आधुनिक सुविधा सम्पन्न होंगे। कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर स्थापित होने वाले इन विद्यालयों में संस्कृतमय माहौल होगा तथा ज्यादातर स्मार्ट क्लास होंगे।


आधुनिक विषयों का समावेश कर एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई होगी। इन आवासीय संस्कृत विद्यालयों में न सिर्फ +2 तक की पढ़ाई होगी बल्कि उसके बाद की रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाएगी। पहले चरण में 35 और दूसरे चरण में 40 संस्कृत विद्यालयों की स्थापना की है यह योजना। इस योजना के तहत एक ही परिसर के भीतर पूरी तरह से संस्कृतमय वातावरण में संस्कृत शिक्षा मुहैय्या कराना है। दो माह पूर्व शिक्षा विभाग की ओर से तैयार एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया था जिस पर विभिन्न एजेन्सियों से राय लेने के बाद वित्त विभाग ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। अब विभागीय औपचारिकताओं के बाद इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा।


सरकार संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में सुधार कार्य करा रही है वहीं पुराने जर्जर संस्कृत विद्यालयों के भवनों का कायाकल्प किया जा रहा है। लखनऊ में नये संस्कृत शिक्षा निदेशालय के निर्माण के लिए पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है। वहीं स्थाई संस्कृत शिक्षकों के कार्यकाल का फिर से नवीनीकरण किया जा चुका है संस्कृत विषय से सिविल सर्विस की तैयारी करने वालों को प्रदेश के प्रमुख जिलों में निःशुल्क कोचिंग की सुविधा मुहैय्या कराने पर भी विचार चल रहा है और जल्द ही इस पर निर्णय की सम्भावना है।


प्रदेश में हैं 1246 संस्कृत विद्यालय

वर्तमान में प्रदेश में 1246 संस्कृत विद्यालय हैं जिनमें से 973 सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालय हैं जबकि दो राजकीय संस्कृत विद्यालय हैं। शेष निजी क्षेत्र के संस्कृत विद्यालय हैं।


प्रदेश में लम्बे समय से संस्कृत शिक्षा उपेक्षित रही है । सरकार अब संस्कृत को आसान तरीके से हर व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास में जुट गई है। - जे पी सिंह, सदस्य, उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद

Tuesday, January 17, 2023

सभी प्राथमिक स्कूलों को स्मार्ट बनाया जाए, ऑपरेशन कायाकल्प 2.0 के तहत प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में टेबल, बेंच आदि उपलब्ध कराया जाए, मुख्य सचिव का फरमान

सभी प्राथमिक स्कूलों को स्मार्ट बनाया जाए, ऑपरेशन कायाकल्प 2.0 के तहत प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में टेबल, बेंच आदि उपलब्ध कराया जाए, मुख्य सचिव का फरमान

 
लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि सभी प्राथमिक विद्यालयों को स्मार्ट विद्यालयों के रुप में विकसित किया जाए। ऑपरेशन कायाकल्प 2.0 के तहत प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में टेबल, बेंच आदि उपलब्ध कराया जाए।


सोमवार को परिषदीय विद्यालयों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के संबंध में हुई बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के अंतर्गत प्रत्येक विकास खंड में 4 से 5 कम्पोजिट विद्यालय का चरणबद्ध तरीके से आधुनिकीरण कराया जाए। 


दीक्षा एवं निष्ठा जैसे कार्यक्रमों के द्वारा स्कूल लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षकों का क्षमता संवर्द्धन किया जाए। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के लिए आत्म रक्षा शिविर का भी आयोजन किया जाए।