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Sunday, January 7, 2024

12460 शिक्षक भर्ती की ओपन टू आल काउंसिलिंग में आवेदित सूची से इतर दूसरे जिलों को मौका देने से कई ज़िलों में उपजा आक्रोश, देखें न्यूज रिपोर्ट्स

12460 शिक्षक भर्ती की ओपन टू आल काउंसिलिंग में आवेदित सूची से इतर दूसरे जिलों को मौका देने से कई ज़िलों में उपजा आक्रोश, देखें न्यूज रिपोर्ट्स

यूपी : राज्य विवि सौ आंगनबाड़ी केंद्रों का करेगा अध्ययन

यूपी : राज्य विवि सौ आंगनबाड़ी केंद्रों का करेगा अध्ययन



प्रयागराज । आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिशुओं को पोषण सहित उचित आहार, खेलकूद, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाएं कितनी मिल रही है, इससे बच्चों में कितना फायदा हो रहा है। इस पर प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय अध्ययन करेगा। अध्ययन में मिलने वाली रिपोर्ट राज्यपाल को भेजेगा।


राज्य विश्वविद्यालय मंडल के चारों जिलों (प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर) में चरणबद्ध तरीके से अध्ययन करेगा। प्रथम चरण में 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्नित किया गया है। विश्वविद्यालय ने इसकी  जिम्मेदारी समाजकार्य विभाग को दी है। 


कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में विश्वविद्यालय की ओर से गोद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों का अध्ययन होगा। प्रयागराज के 35, प्रतापगढ़ के 30, कौशाम्बी के 25, फतेहपुर के 10 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। 


उन्होंने बताया कि अध्ययन में परखा जाएगा कि आंगनबाड़ी केंद्र में क्या सुविधाएं थीं और वर्तमान में क्या सुविधाएं हैं। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि और बेहतर क्या किया जा सकता है। कुलपति ने बताया कि इसके बाद मंडल के सभी जिलों के केंद्रों का अध्ययन कराया जाएगा। अध्ययन कार्य पूरा होने के बाद रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दिया जाएगा।

जल्द ही जिला मुख्यालयों पर खुलेंगे अटल आवासीय विद्यालय, सीएम योगी का ऐलान

जल्द ही जिला मुख्यालयों पर खुलेंगे अटल आवासीय विद्यालय, सीएम योगी का ऐलान

यूपी में 57 अटल आवासीय विद्यालयों की नींव जल्दः सीएम योगी  

18 विद्यालयों का संचालन फिलहाल मंडल मुख्यालयों पर हो रहा


गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 57 अटल आवासीय विद्यालयों का शिलान्यास जल्द होगा। अभी मंडल मुख्यालयों पर 18 विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। जल्द ही इसकी शुरुआत जिला मुख्यालयों पर होगी।


योगी ने  कहा कि शिक्षा ही किसी सभ्य समाज को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। इसे ध्यान में रखते हुए श्रमिकों के पाल्यों को सभी व्यवस्था के साथ मुफ्त शिक्षा देने के लिए 18 अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है।


जल्द ही जिला मुख्यालयों पर 57 नए अटल आवासीय विद्यालयों का भी शिलान्यास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शुरू किए जा रहे 928 पीएमश्री विद्यालयों और गोरखपुर के सैनिक स्कूल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कॉन्वेंट स्कूलों से बढ़कर उत्कृष्ट शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।

ITEP के तहत अब 2 साल के बीएड (विशेष शिक्षा) के बजाय 4 साल के इंटीग्रेटेड बीएड की मिलेगी मान्यता, भारतीय पुनर्वास परिषद ने दी जानकारी

स्नातक के साथ मिल सकेगी बीएड की भी डिग्रीचार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड (स्पेशल एजुकेशन) कार्यक्रम में प्रावधान

विशेष शिक्षा में दो वर्षीय बीएड बंद, अब नहीं मिलेगी मान्यता


लखनऊ । डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अब दो वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम संचालित नहीं किया जा सकेगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के बाद अब भारतीय पुनर्वास परिषद ने भी दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता पर रोक लगा दी है।


भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने आगामी सत्र से दो वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम की मान्यता देने पर रोक लगा दी है। आरसीआई ने सत्र 2024-25 से किसी भी विश्वविद्यालय, संस्थान व कॉलेज को पाठ्यक्रम संचालित किए जाने को लेकर मान्यता देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। 


इस संबंध में आरसीआई के सदस्य सचिव विकास त्रिवेदी की ओर से सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। पुनर्वास विवि के प्रवक्ता डॉ. यशवंत का कहना है कि दो वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम के भविष्य को लेकर निर्णय विवि की कार्य परिषद बैठक में लिया जाएगा।


नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बीएड के प्रोग्राम में कई अहम बदलाव करने के साथ ही विद्यार्थियों के लिहाज बेहद लचीला बनाया जा रहा है। इसमें विद्यार्थी के लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के तहत विद्यार्थी एक ही पाठ्यक्रम की पढ़ाई के साथ दो डिग्रियां हासिल कर सकेंगे। इससे उन्हें एक वर्ष का फायदा मिलेगा। इंटरमीडिएट के बाद विद्यार्थी सीधे इस पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकेंगे। इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम अभी देश के चुनिंदा संस्थानों में ही संचालित है। 


आगामी सत्र से लखनऊ विश्वविद्यालय में चार वर्ष का बीएड शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए विवि जल्द ही नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेश (एनसीटीई) में आवेदन करेगा। फिलहाल विवि में दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित है।


दो साल के बीएड को मान्यता नहीं देगा आरसीआई

भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने शुक्रवार को पत्र जारी करते हुए सत्र 2024-25 से शैक्षिक संस्थानों को दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम (स्पेशल एजुकेशन) की मान्यता नहीं देने की घोषणा की है। वहीं एनसीटीई की तर्ज पर चार वर्षीय बीएड (स्पेशल एजुकेशन) पाठ्यक्रम बनाने का फैसला किया है। जिसकी सूचना संस्था की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।




ITEP के तहत अब  2 साल के बीएड (विशेष शिक्षा) के बजाय 4  साल के इंटीग्रेटेड बीएड की मिलेगी मान्यता, भारतीय पुनर्वास परिषद ने दी जानकारी


पुरानी दो साल के बीएड ( विशेष शिक्षा) बंद कर अब 4 साल के आईटीइपी कोर्सेज की मान्यता दी जाएगी, जिसमें स्नातक और बीएड एक साथ होगा।




Saturday, January 6, 2024

बेसिक शिक्षकों से जुड़ी मांगों को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने DGSE और बेसिक शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

बेसिक शिक्षकों से जुड़ी मांगों को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने DGSE और बेसिक शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र




12460 शिक्षक भर्ती के अवशेष पदों की काउंसिलिंग में वंचित रह गए अभ्यार्थियों को दूसरे चरण में मिला अवसर, कई ज़िलों में देर रात तक चलती रही प्रक्रिया

12460 शिक्षक भर्ती के अवशेष पदों की काउंसिलिंग में वंचित रह गए अभ्यार्थियों को दूसरे चरण में मिला अवसर, कई ज़िलों में देर शाम तक चलती रही प्रक्रिया


वर्ष 2016 में निकली गई 12,460 अध्यापक भर्ती में पहले चरण में शिक्षक बनने से वंचित रह गए अभ्यार्थियों की दूसरे चरण में काउंसलिंग कराई गई। पहले चरण में चयनित अभ्यर्थियों को 30 दिसंबर को नियुक्ति पत्र दिया गया था। 


शेष पदों पर भर्ती के लिए शुक्रवार को अभिलेखों का सत्यापन कल किया गया। इस बार समस्त आवेदकों को अवसर दिया गया है। इससे कई ज़िलों में देर शाम तक काउंसलिंग की प्रक्रिया चली। जल्द एनआइसी की वेबसाइट पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची अपलोड की जाएगी।

न्यायालय के आदेश पर सात वर्ष बाद पहले चरण की काउंसिलिंग में अभ्यर्थी अभिलेख परीक्षण कराने पहुंचे थे। सत्यापन के बाद उन्हें नियुक्ति पत्र के साथ नौकरी की सौगात दे दी गई। दूसरे चरण के लिए कई जनपदों से अभ्यर्थी पहुंचे। जमीन पर बैठ कर आवेदक फार्म भरते दिखे। शीतलहरी के चलते दूर-दराज से काउंसलिंग कराने आए अभ्यर्थियों को दुश्वारियां उठानी पड़ीं। 

Friday, January 5, 2024

मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के ब्लाक अध्यक्ष/मंत्री को पदोन्नति/समायोजन के समय उसी कार्यरत ब्लॉक में ही पदास्थापित किये जाने के सम्बन्ध में RSM ने DGSE को लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की नियमावली में निहित नियम के तहत मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के ब्लाक अध्यक्ष/मंत्री को पदोन्नति/समायोजन के समय उसी कार्यरत ब्लॉक में ही पदास्थापित किये जाने के सम्बन्ध में RSM ने DGSE को दिया स्मरण पत्र


उत्तर प्रदेश के जनपदों में अवस्थित समस्त बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों का समय परिवर्तन के सम्बन्ध में

यूपी : सभी माध्यमिक स्कूल सुबह 10 से तीन बजे तक खुलेंगे


लखनऊ : प्रदेश में शीतलहर के कारण सभी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों के खुलने और बंद होने के समय में परिवर्तन किया गया है। अब ये स्कूल सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक खुलेंगे। अभी तक ये सुबह 8:50 बजे से दोपहर 2:50 बजे तक खुल रहे थे।


 माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश का सख्ती से पालन कराएं। जो विद्यालय इस आदेश का पालन न करें उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अत्याधिक ठंड को देखते हुए कई जिलों में पहले ही नर्सरी से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों की छह जनवरी तक छुट्टी कर दी गई है। ऐसे में कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई कराने वाले माध्यमिक स्कूलों में अभी कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थी ही पढ़ाई करने आ रहे हैं। ऐसे में इन छात्रों को राहत मिलेगी।


यूपी में 12वीं तक के सभी स्कूल अब 10 से 3 बजे तक चलेंगे

लखनऊ। कड़ाके की ठंड को देखते हुए सभी बोर्डों के माध्यमिक विद्यालयों के समय में भी बदलाव किया गया है। शासन ने सभी माध्यमिक विद्यालयों के खुलने का समय सुबह 10 बजे निर्धारित किया है। पढ़ाई दोपहर तीन बजे तक होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने इसके निर्देश जारी किए हैं। जिला स्तर से भी स्कूलों के संचालन को लेकर दिशा-निर्देश जारी हो रहे हैं।


उत्तर प्रदेश के जनपदों में अवस्थित समस्त बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों का समय परिवर्तन के सम्बन्ध में


8264 केंद्रों पर होगी यूपी बोर्ड परीक्षा, अब नहीं होगा कोई बदलाव

8264 केंद्रों पर होगी यूपी बोर्ड परीक्षा, अब नहीं होगा कोई बदलाव 


प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने बृहस्पतिवार को परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची जारी कर दी है। । इस बार कुल 8264 केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 10वीं व 12वीं के मिलाकर कुल 55,08,206 विद्यार्थी शामिल होंगे। सूची में सबसे अधिक केंद्र प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों में बनाए गए हैं।


प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के तहत शामिल जिलों में 10वीं व 12वीं के लिए कुल 2408 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। वहीं, क्षेत्रीय कार्यालयों के अंतर्गत मेरठ में 1528, बरेली 893, वाराणसी 2084 और गोरखपुर में 1351 केंद्र बनाए गए हैं। 10वीं 29,47,324 परीक्षार्थी शामिल हैं। इसमें बालकों की संख्या 1571,687 तो बालिकाओं की 13,75,637 है। वहीं, इंटर में 25,77,964 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें बालकों की संख्या 14,28,731 तो बालिकाओं की 11,49,233 है।


यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कहा, अंतिम सूची जारी होने के बाद अब कोई नया परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। 12वीं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 25 से एक फरवरी तक आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, फैजाबाद, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडल में होंगी। दूसरे चरण की परीक्षाएं दो से नौ फरवरी के बीच अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडल में आयोजित होंगी। 




Thursday, January 4, 2024

HIV पीड़ित अध्यापक का अंतरजनपदीय तबादला विचारणीय : इलाहाबाद हाईकोर्ट, बेसिक शिक्षा सचिव को तबादला आवेदन पर विचार के लिए छह हफ्ते की मोहलत



HIV पीड़ित अध्यापक का अंतरजनपदीय तबादला विचारणीय : इलाहाबाद हाईकोर्ट

बेसिक शिक्षा सचिव को तबादला आवेदन पर विचार के लिए छह हफ्ते की मोहलत


प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को एचआईवी पीड़ित सहायक अध्यापक के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के दावे पर छह हफ्ते में सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आदेश दिया है। यह आदेश पीठ ने बहराइच के एक सरकारी पाठशाला में तैनात सहायक अध्यापक की ओर से अंतर्जनपदीय तबादले की मांग को लेकर दाखिल याचिका निस्तारित करते हुए दिया।


न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की एकल कोर्ट ने कहा कि एचआईवी जैसी बीमारी को सिर्फ इस आधार पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि सरकार द्वारा जारी गंभीर बीमारियों की सूची में उसे शामिल नहीं किया गया है। सचिव ऐसे विशिष्ट मामलों को विशेष परिस्थितियों के अंतर्गत मानते हुए सहानुभूति पूर्वक निर्णय ले सकते है। 


याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा की दलील थी कि याची एचआईवी रोग से ग्रसित है। स्थानांतरण नीति के तहत 2 जून 2023 को याची ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण लिए ऑनलाइन आवेदन करते हुए बहराइच से संभल या बदायूं तबादला किए जाने की मांग की थी। हालांकि, याची ने एचआईवी रोग का जिक्र नहीं किया था, क्योंकि शासन द्वारा गंभीर बीमारियों की सूची में एचआईवी को सूचीबद्ध नहीं किया गया था।


स्थानांतरण नीति के तहत गंभीर बीमारियों से पीड़ित आवेदकों को 20 अंक का भारांक दिए जाने के प्रावधान है। यदि यह भारांक याची को दिया जाता तो वह अंतर्जनपदीय तबादले का हकदार हो सकता है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से अधिवक्ता अर्चना सिंह ने याचिका का विरोध किया। कहा कि याची ने अपने आवेदन में एचआईवी के आधार पर तबादले की मांग नहीं की है।


याची की ओर से पेश मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को याची के तबादला आवेदन पर छह सप्ताह में सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उचित आदेश पारित करने का आदेश दिया दिया है।




सचिव को एचआइवी पीड़ित शिक्षक के स्थानांतरण पर निर्णय लेने का निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद अपनी शक्ति का करें इस्तेमाल


प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव को एचआइवी पीड़ित सहायक अध्यापक के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एचआइवी गंभीर बीमारी है, किंतु 27 दिसंबर, 2016 को जारी शासनादेश में इसे शामिल नहींकिया गया है। कोर्ट ने कहा, उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली के तहत सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को असामान्य परिस्थितियों में निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है। इसलिए सचिव याची के प्रत्यावेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए छह सप्ताह में सकारण आदेश पारित करें।


यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने बहराइच में नियुक्त एचआइवी पीड़ित सहायक अध्यापक की याचिका पर दिया है। याची ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए दो जून, 2023 को 2016 के शासनादेश के तहत अपना स्थानांतरण बहराइच से संभल या बदायूं करने के लिए आनलाइन आवेदन किया। शासनादेश में प्रविधान है कि जो अध्यापक गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके अंतर्जनपदीय तबादले संबंधी आवेदन पर 20 वरीयता अंक दिए जाएंगे। 

याची के आवेदन पर कोई अंक नहीं दिया गया और यह कहते हुए उसका आवेदन खारिज कर दिया गया कि शासनादेश की गंभीर रोगों की सूची में एचआइवी शामिल नहीं है। कोर्ट ने कहा, 'एचआइवी को गंभीर बीमारियों की सूची में न शामिल करना सही नहीं है। यह सर्वविदित है कि एचआइवी गंभीर रोग है और इससे पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन नहीं जी पाता।' 

बेसिक शिक्षा परिषद की वकील का कहना था कि याची ने अपने आवेदन में रोग को लेकर कोई दावा नहीं किया और अब स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसलिए कुछ नहीं किया जा सकता।

18 वर्ष से कम आयु के छात्र/छात्राओं द्वारा दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाने एवं उक्त के फलस्वरूप होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के सम्बन्ध में शिक्षा निदेशक का सभी डीआईओएस को आदेश

स्कूलों की हर कक्षा में एक छात्र को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाएंगे, वाहन स्कूल में लाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया


18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के लिए बड़ी खबर है। बाइक और कार चलाने पर रोक लगाने और सड़क दुर्घटनाओं में बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब के गठन की कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में अब हर स्कूलों की हर कक्षा में एक छात्र को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा। कैप्टन की ओर से बच्चों को सड़क सुरक्षा विषय पर हर सप्ताह क्लास ली जाएगी।

दरअसल, परिवहन विभाग की ओर से सितंबर 2022 में स्कूलों के लिए रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया गया था। सवा साल तक इस व्यवस्था पर कोई काम नहीं हुआ। अब विभाग की ओर से स्कूलों में रोड सेफ्टी के लिए नोडल शिक्षक भी नामित किए जाएंगे। इस संबंध में जनवरी और जुलाई में होने वाले जिला विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक में गठन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।


बाल अधिकार संरक्षण को लेकर कवायद शुरू

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी की ओर से 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के लिए रोड सेफ्टी के गठन पर कवायद तेज गई है। उन्होंने 15 दिसंबर को अवगत कराया था कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा बिना ड्राइविंग लाईसेंस के एक्टिवा, मोटरसाइकिल व अन्य वाहन चलाने से दुर्घटनाएं हो रही है। कानून का कड़ाई से अनुपालन कराना होगा।


वाहन स्कूल में लाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया

गौरतलब है कि माध्यमिक स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के छात्र- छात्राओं के स्कूटी-मोटर साइकिल या चारपहिया वाहन लाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से मंगलवार को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे सर्कुलर में कहा गया है कि स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के छात्र- छात्राओं को स्कूलों में स्कूटी या मोटर साइकिल या कार लाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। 50 सीसी से कम क्षमता वाले मोटरसाइकिल को इस प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। ऐसा करने की वजह बच्चों को हादसों से बचाना है।


स्कूलों में विद्यार्थियों के कार-स्कूटी लाने पर प्रतिबंध, 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं पर तत्काल रोक लगेगी


माध्यमिक स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं के स्कूटी- मोटर साइकिल या चारपहिया वाहन लाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से मंगलवार को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे सर्कुलर में कहा गया है कि स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के छात्र- छात्राओं को स्कूलों में स्कूटी या मोटर साइकिल या कार लाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। 50 सीसी से कम क्षमता वाले मोटरसाइकिल को इस प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। परिवहन आयुक्त द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा दोपहिया-चार पहिया वाहन चलाने पर रोक के लिए हाल ही में परिवहन कानून में संशोधन की जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग से इसमें सहयोग की अपेक्षा की गई थी।



अब स्कूलों में विद्यार्थियों के वाहन लाने पर होगी सख्ती, परिवहन विभाग नोडल शिक्षकों को करेगा प्रशिक्षित

स्कूलों में बनेंगे रोड सेफ्टी क्लब, बनाए जाएंगे रोड सेफ्टी कैप्टन



लखनऊ : सरकारी व निजी स्कूलों में विद्यार्थियों के दोपहिया व चार पहिया वाहन लाने पर सख्ती की जाएगी। विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब बनाए जाएंगे। सड़क सुरक्षा के लिए जागरुकता फैलाने के लिए प्रत्येक कक्षा में एक विद्यार्थी को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा। ये सप्ताह में कम से कम एक कक्षा में विद्यार्थियों को सड़क दुर्घटनाओं के प्रति जागरूक करेंगे। सड़क सुरक्षा के लिए सभी स्कूलों में नोडल शिक्षक भी बनाए जाएंगे। परिवहन विभाग के सहयोग से इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। 


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव के मुताबिक 899 राजकीय इंटर कालेजों को रोड सेफ्टी क्लब बनाने के लिए 50-50 हजार रुपये की धनराशि दी जा रही है। वहीं 2,373 सरकारी माध्यमिक स्कूलों को पांच-पांच सौ रुपये यातायात नियम दीवारों पर लिखवाने के लिए दिए गए हैं। 


सात जनवरी तक विद्यालय प्रबंधन के साथ मिलकर परिवहन विभाग विशेष अभियान चलाएगा और ऐसे विद्यार्थियों के वाहनों का चालान करेगा जो नियम विपरीत उसे लेकर आ रहे हैं। हर तीन महीने में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समित की बैठक होगी। साथ ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनवरी व जुलाई में सभी स्कूलों की बैठक होगी।


उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी की ओर से पत्र लिखकर सचेत किया गया है कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बड़ी संख्या में विद्यार्थी स्कूलों में वाहन लेकर आ रहे हैं। 


उन्होंने केजीएमयू व डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी भी दी है कि सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 40 प्रतिशत तक नाबालिग बच्चे हैं, जिनकी आयु 12 से 18 वर्ष के बीच होती है। सिर्फ 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को 50 सीसी से कम क्षमता के इंजन वाली मोटरसाइकिल चलाने की छूट है। 


स्कूल विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों को भी अलर्ट करेगा कि मोटरवाहन अधिनियम के अनुसार अगर कोई नाबालिग किसी वाहन से दुर्घटना व अपराध करता है तो मोटर वाहन के स्वामी को तीन वर्ष तक की जेल, 25 हजार जुर्माना व गाड़ी का एक वर्ष तक रजिस्ट्रेशन रद किया जा सकता है। ऐसे किशोर को 25 वर्ष की आयु के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा।



18 साल से कम उम्र के बच्चों को न दें वाहन,  स्कूलों में भी होगी सख्ती और चेकिंग अभियान 

लखनऊ : यूपी में उन अभिभावकों के खिलाफ अब ऐक्शन होगा, जो 18 साल से कम उम्र के अपने बच्चों को बाइक और कार चलाने को देते हैं। उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर परिवहन विभाग ने इसको लेकर सख्ती के निर्देश दिए हैं। कानून के मुताबिक, अगर कोई अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे को गाड़ी चलाने के लिए देता है उसे 3 साल की सजा और ₹25 हजार जुर्माने का प्रावधान हैं। अब इस कानून को सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए गए हैं।


उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने इसको लेकर 15 दिसंबर 2023 को इस प्रकरण को लेकर परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा था। पत्र के साथ लोहिया और केजीएमयू के विशेषज्ञों के आंकड़ों - का भी उल्लेख किया था। जिसके मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले 40% नाबालिग बच्चे होते हैं। उन्होंने 18 साल से पहले बच्चों के वाहन चलाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।


परिवहन आयुक्त ने कहा, चेकिंग करें: बाल आयोग के अनुरोध को गंभीरता से लेते हुए परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह की ओर से प्रदेश के सभी आरएम, एआरएम और आरटीओ को पत्र लिख कर चेकिंग के निर्देश दिए हैं। परिवहन आयुक्त ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 4 में स्पष्ट है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे वाहन नहीं चलाएंगे। 2019 में इसमें संशोधन कर एक नई धारा 199 क जोड़ी गई है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी किशोर द्वारा वाहन चलाने का अपराध किया जाता है, तो किशोर के अभिभावक और वाहन मालिक को दोषी मानते हुए दंडित किया जाएगा। साथ ही ऐसे किशोरों का ड्राइविंग लाइसेंस 25 उम्र के बाद ही बन सकेगा। अगर किसी 16 साल के नाबालिग के पास वैध लाइसेंस है तो वह 50 सीसी इंजन का वाहन चला सकते हैं।


शिक्षा निदेशक ने भी लिखा पत्र : परिवहन विभाग के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने दो जनवरी 2024 को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में पत्र लिखा है। निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में इसको लेकर एक हफ्ते का अभियान चलाया जाए और अभियान का पूरा ब्योरा निदेशालय को भेजा जाए।


18 वर्ष से कम आयु के छात्र/छात्राओं द्वारा दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाने एवं उक्त के फलस्वरूप होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के सम्बन्ध में शिक्षा निदेशक का सभी डीआईओएस को आदेश

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की पदोन्नति के लिए महिला-पुरुष की अलग वरिष्ठता सूची तैयार करने पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक, कोर्ट आर्डर अपडेटेड

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की पदोन्नति के लिए महिला-पुरुष की अलग वरिष्ठता सूची तैयार करने पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक

🔴 कोर्ट आर्डर अपडेटेड  👇 


नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की पदोन्नति के लिए महिला-पुरुष की अलग वरिष्ठता सूची तैयार करने पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि पदोन्नति के लिए वरिष्ठता क्रम ही आधार होगा, जिसकी नियुक्ति पहले होगी, वही पहले पदोन्नति पाएगा। इसके लिए महिला-पुरुष के लिए अलग से वरिष्ठता सूची तैयार कर पदोन्नति देना पूरी तरह गैरकानूनी है।


 न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव एवं न्यायमूर्ति ए के मेंदीरत्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि पदोन्नति के लिए महिला-पुरुष में भेदभाव का कोई आधार नहीं है। पीठ ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया एवं पदोन्नति प्रक्रिया में कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि महिला व पुरुष शिक्षकों के लिए अलग से वरिष्ठता क्रम तैयार किया जाए। दरअसल इस मामले में दिल्ली सरकार ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकर (कैट) के एक आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कैट ने एक शिक्षक की याचिका को मंजूर करते हुए सरकार के पुरुष व महिला के आधार पर अलग-अलग पदोन्नति सूची तैयार करने कानून विरुद्ध बताया था। 


उच्च न्यायालय ने भी अब कैट के आदेश पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को एक ही वरिष्ठता सूची तैयार करनी होगी, जिसमें नियुक्ति की तारीख के हिसाब से महिला व पुरुष दोनों शामिल होंगे। इसी के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी।



10 हजार को राहत

सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के समक्ष एक गंभीर मुद्दा यह भी उठा कि वर्ष 2014 व वर्ष 2022 के बीच पदोन्नत हुए शिक्षकों की स्थिति क्या रखी जाए। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि उन शिक्षकों की स्थिति में कोई बदलाव ना किया जाए। क्योंकि इससे व्यवस्था बिगड़ जाएगी। एक अधिकारी के मुताबिक इस बीच करीब दस हजार शिक्षकों ने पदोन्नति पाई है।


2014 का मामला

मामले में वर्ष 2014 में एक शिक्षक ने कैट के समक्ष इस मुद्दे को उठाते हुए याचिका दायर की थी। शारीरिक शिक्षा अध्यापक ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने पहले नियुक्ति पाई। लेकिन उनसे बाद में नियुक्त होने वालों को पहले पदोन्नत कर दिया गया। इस पर सरकार का पक्ष था कि महिला शिक्षकों को अलग वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नत किया गया है।


सरकार की दलील

दिल्ली सरकार की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि राजधानी में दो पाली में स्कूल चलते हैं। पहली पाली में लड़कियों का स्कूल लगता है। जिसमें महिला शिक्षकों की तैनाती की जाती है। क्योंकि महिला सुरक्षा एक बेहद गंभीर मुद्दा है। वहीं दूसरी पाली में लड़कों के लिए स्कूल चलता है इसमें पुरुष शिक्षक होते हैं। ऐसे में जब पदोन्नति की जाती है तो पाली के हिसाब से वरिष्ठता सूची बनती है।


कोर्ट आर्डर 👇



अब शैक्षिक कोर्स में शामिल होगा मतदाता जागरूकता

अब शैक्षिक कोर्स में शामिल होगा मतदाता जागरूकता 

■ मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने की वीडियो कांफ्रेंसिंग 

■ 25 को राष्ट्रीय मतदाता दिवस आयोजित करें


लखनऊ । प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा है कि जल्द ही प्रदेश के शैक्षिक पाठ्यक्रम में मतदाता जागरूकता विषय को भी शामिल किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने शिक्षा मंत्रालय के साथ दो नवम्बर 2023 को एमओयू किया है और सतत् चुनावी एवं लोकतंत्र शिक्षा को स्वीप का अभिन्न अंग माना है, जिसके तहत कक्षा 6 से लेकर कक्षा- 12 और उच्च शिक्षा के छात्रों को मतदाता शिक्षा प्रदान की जानी है। 


इसके लिए यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीईआरटी को निर्वाचन आयोग की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं। जल्द ही राज्य स्तर पर भी मतदाता जागरूकता को पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा। स्वीप योजना के तहत मतदाता जागरूकता पर समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों व स्वीप नोडल अधिकारियों से उन्होंने बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की।

परिषदीय शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर बढ़ा विवाद, बगैर टीईटी प्रमोशन की तैयारी पर कोर्ट पहुंचे कुछ शिक्षक

परिषदीय शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर बढ़ा विवाद, 
बगैर टीईटी प्रमोशन की तैयारी पर कोर्ट पहुंचे कुछ शिक्षक


■ टीईटी के आधार पर प्रमोशन मांग रहे शिक्षकों का दावा, प्रमोशन में टेट है अनिवार्य


प्रयागराज । परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों के सालों बाद होने जा रहे प्रमोशन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ शिक्षकों ने बगैर टीईटी प्रमोशन करने को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका कर दी है। टीईटी के आधार पर प्रमोशन की मांग कर रहे शिक्षकों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 12 नवंबर 2014 की अधिसूचना के अनुसार सहायक अध्यापकों का प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर प्रमोशन करने के लिए प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य है। वहीं प्राइमरी के सहायक अध्यापकों के उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर पदोन्नति देने के लिए उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी पास होना चाहिए। 


मद्रास हाईकोर्ट ने भी दो जून 2023 के आदेश में पदोन्नति में यह व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद एनसीटीई ने 11 सितंबर 2023 को स्पष्टीकरण पत्र जारी किया है। हालांकि प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीईटी अनिवार्यता की अनदेखी की जा रही है। जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के अफसरों ने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है कि प्रमोशन में समय-समय पर जारी एनसीटीई गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है।

माध्यमिक स्कूलों में 12 जनवरी को मनाया जाएगा युवा उत्सव

माध्यमिक स्कूलों में 12 जनवरी को मनाया जाएगा युवा उत्सव



लखनऊ : माध्यमिक स्कूलों में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। 12 दिवसीय युवा उत्सव का समापन 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर किया जाएगा।


युवा उत्सव में मैराथन दौड़, संगीत प्रतियोगिता, मीम प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, संक्षिप्त वीडियो, पोस्टर मेकिंग, योग एवं ध्यान इत्यादि के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि इन कार्यक्रमों को सभी विद्यालय अनिवार्य रूप से आयोजित करें। जिला स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। इंटरनेट मीडिया पर प्रतियोगिताओं की फोटो पोस्ट की जाएंगी। 23 जनवरी को प्रदेश भर में जिला मुख्यालय स्थित केंद्रीय विद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

Wednesday, January 3, 2024

यूपी सरकार का बड़ा फैसला, स्कूली वैन और बस में अनिवार्य होगा CCTV कैमरा (CCTV in School Van & Bus)

यूपी सरकार का बड़ा फैसला, स्कूली वैन और बस में अनिवार्य होगा CCTV कैमरा (CCTV in School Van & Bus) 


उत्तर प्रदेश परिवहन के प्रमुख सचिव लक्को वेंकटेश्वरलू ने अहम आदेश जारी किया है. स्कूल वैन और बसों में अनिवार्य सीसीटीवी कैमरों का प्रावधान होगा. जारी आदेश के अनुसार, सीसीटीवी लगवाने के लिए 3 माह का समय दिया गया है.


स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रमुख सचिव परिवहन लक्को वेंकटेश्वरलू द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 के नियम 222 के तहत स्कूल वैन और बसों में अनिवार्य सीसीटीवी कैमरों का प्रावधान होगा. इसमें राज्य में स्कूली बच्चों को लाने ले जाने में लगी बसें भी शामिल होंगी.


परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किया है. जारी आदेश के अनुसार, सीसीटीवी लगवाने के लिए 3 माह का समय दिया गया है. स्कूल मैनेजमेंट के साथ वैन के मालिकों की जिम्मेदारी होगी कि यह आदेश का पालन समय से हो जाए.


क्या कहता है कानून?
उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 में कहा गया है कि बसों और वैन को पीले रंग से रंगा जाना चाहिए और ‘स्कूल बस’ शब्द को आगे और पीछे दोनों तरफ लिखा जाना चाहिए. वाहनों में प्रेशर हॉर्न या मल्टी-टोन हॉर्न नहीं लगाए जा सकते, न ही आपात स्थिति के लिए उनमें अलार्म घंटी या सायरन लगाया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि वाहनों में अग्निशामक यंत्र, जीपीएस ट्रैकिंग और एक परिचारक भी होना चाहिए.


परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो CCTV लगने से बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी. साथ ही स्कूल वैन की निगरानी भी हो सकेगी. वहीं, बच्चों के साथ होने वाली अप्रिय घटना पर भी अंकुश लगेगी. प्राइवेट स्कूल वैन में भी ये सीसीटीवी कैमरे लगेंगे.


संस्कृत शिक्षा परिषद अब नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा नहीं कराएगा

संस्कृत शिक्षा परिषद अब नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा नहीं कराएगा



लखनऊ । संस्कृत शिक्षा परिषद इस बार से 9वीं की परीक्षा नहीं करायेगा। बोर्ड ने इस साल से 9वीं और अगले वर्ष से 11 वीं की परीक्षा नहीं कराने का निर्णय किया है। 


इस साल से 9वीं और अगले साल से 11 वीं की परीक्षा स्कूल अपने स्तर से कराएंगे। बाकी बोर्डों से समानता बनाने के लिए संस्कृत शिक्षा परिषद के स्कूलों में भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा संस्कृत शिक्षा परिषद की ओर से कराने का निर्णय किया है।

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के जनवरी सत्र में प्रवेश शुरू, 29 फरवरी तक प्रवेश का मौका

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के जनवरी सत्र में प्रवेश शुरू,  29 फरवरी तक प्रवेश का मौका

कुलपति ने किया ऑनलाइन प्रवेश का शुभारंभ

124 कार्यक्रमों में 29 फरवरी तक प्रवेश का मौका


प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के सत्र जनवरी 2024 में ऑनलाइन प्रवेश मंगलवार से शुरू हो गया। कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने ऑनस्पॉट प्रवेश लेने वाले एमए हिन्दी के छात्र घनश्याम यादव को शुभकामनाएं दी। खास बात यह है कि विश्वविद्यालय ने जनवरी सत्र से छह नए डिप्लोमा कार्यक्रम प्रोडक्शन एंड ऑपरेशन मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट और स्ट्रैटेजिक एंड एंटरप्रेन्योरियल बिजनेस मैनेजमेंट शुरू किया है।


कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने बताया कि ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रदेश के सभी 12 क्षेत्रीय केंद्रों से सम्बद्ध लगभग 1400 अध्ययन केंद्रों पर शुरू की गई है जो 29 फरवरी तक चलेगी। प्रो. सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार पाठ्यक्रमों से विश्वविद्यालय के छात्र लाभान्वित होंगे। जनवरी सत्र में 22 परास्नातक, 08 स्नातक, 28 डिप्लोमा, 52 सर्टिफिकेट एवं 14 जागरूकता कार्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा। इस तरह विश्वविद्यालय ने जनवरी सत्र में 124 कार्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की है।


एक लाख प्रवेश का लक्ष्य

कुलपति प्रो. सीमा सिंह के अनुसार सत्र जुलाई 2023-24 में कुल 71 हजार प्रवेश हुए थे और जनवरी सत्र में एक लाख का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य रखा गया है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रवेश पोर्टल पर सुधार किए गए हैं जिससे प्रवेशार्थी आसानी से सभी प्रविष्टियां पूर्ण कर सकें। उन्होंने सभी अध्ययन केंद्र समन्वयकों को निर्देशित किया कि शिक्षार्थियों के प्रवेश फार्म को त्वरित गति से सत्यापित करते हुए विवि भेजें जिससे उनकी पाठ्य सामग्री सही समय पर पहुंचाई जा सके। जिससे शिक्षार्थियों काँ सेमेस्टर प्रणाली की परीक्षाओं से पूर्व पढ़ाई का उचित अवसर प्रदान होगा। विश्वविद्यालय स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से छात्रों को उनके विषय से संबंधित विद्वानों के लेक्चर मुहैया करा रहा है।

Tuesday, January 2, 2024

एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ जोड़े टूटने की आशंका, जनवरी में मिलेगा पदोन्नति व परस्पर तबादले का मौका

एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ जोड़े टूटने की आशंका,  जनवरी में मिलेगा पदोन्नति व परस्पर तबादले का मौका


बेसिक शिक्षा: पहले होंगे प्रमोशन, टूटेगी कइयों के तबादले की आस, 

पहले प्रमोशन से प्रभावित होंगे शिक्षकों के पेयर, फंसेगा म्यूचुअल ट्रांसफर

बेसिक शिक्षा परिषद ने तय की शिक्षकों के प्रमोशन और ट्रांसफर की मियाद


बेसिक शिक्षा परिषद ने आखिरकार शिक्षकों के प्रमोशन और तबादलों की डेडलाइन तय कर दी है। हालांकि, पहले प्रमोशन और इसके बाद तबादले होने की वजह से कई शिक्षकों की उम्मीदें टूट सकती हैं। दरअसल, तबादले म्युचुअल मोड में होने हैं, जिसके आवेदन हो चुके हैं। वहीं तबादले के पहले प्रमोशन होने से म्यूचुअल तबादलों में तय किए गए शिक्षकों के पेयर टूटने की आशंका है, जिसकी वजह से उनका तबादला अटक सकता है। शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।


बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने जूनियर बेसिक स्कूलों में तैनात सहायक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया छह जनवरी तक पूरी करने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि प्रमोशन और उसके बाद विद्यालयों के ऑनलाइन आवंटन की प्रक्रिया छह जनवरी तक सभी BSA को पूरी करनी होगी। वहीं, शिक्षकों के अंतरजनपदीय (एक जिले से दूसरे जिले में) और अंतर्जनपदीय (जिलों के भीतर) तबादले 11 से 13 जनवरी के बीच किए जाएंगे। इसके आदेश सभी BSA को दे दिए गए हैं। दोनों तरह के तबादले आपसी समन्वय के आधार पर होने हैं।


शिक्षक पहले से कर रहे थे विरोध: एक साथ दोनों आदेश होने के बाद ऐसे कई शिक्षकों के तबादले फंस जाएंगे, जिनका तबादला पेयर बनाने के बाद म्यूचुअल तौर पर हो सकता था। कारण यह है कि प्रमोशन के साथ ही स्कूल ऑनलाइन आवंटित होगे। ऐसे में प्रमोशन के बाद पेयर टूट जाएंगे और फिर ट्रांसफर में अड़चन आएगी। शिक्षकों ने पहले भी इस पर आपत्ति जताई थी। 

शिक्षकों का तर्क था या तो प्रमोशन की प्रक्रिया ट्रांसफर के बाद की जाए या प्रमोशन करने के बाद ट्रांसफर के लिए नए सिरे से आवेदन मांगे जाएं। प्रमोशन के बाद अगर फिर आवेदन मांगे जाएंगे तब एक बार फिर शिक्षक अपने म्यूचुअल तबादले के लिए संबंधित शिक्षकों से संपर्क करके अपना आवेदन दुरुस्त कर सकेंगे। नहीं तो एक साल से चली आ रही तबादला प्रक्रिया का लाभ उन सभी लोगों को नहीं मिल सकेगा, जो इसके पात्र हैं।


क्या होगी दिक्कत?

शिक्षको का तर्क है कि किसी जिले मे तैनात एक शिक्षक ने दूसरे जिले में तैनात किसी शिक्षक के साथ ट्रांसफर की बात तय की थी। इसके अलावा वह प्रमोशन का भी पात्र है। ऐसे में पहले प्रमोशन हो गया और उसे दूसरा विद्यालय आवंटित हो गया तो पहले तबादले के लिए भरा गया डेटा मैच नहीं होगा।

 यह भी हो सकता है कि प्रमोशन के बाद मिले विद्यालय में दूसरे जिले से आने वाला शिक्षक न जॉइन करना चाहे। इसके अलावा म्यूचुअल तबादला चाहने वाले शिक्षको मे से एक का प्रमोशन हो और दूसरा प्रमोशन की श्रेणी में न आए। ऐसी सूरत में दोनो के पद अलग होगे और वे तबादले की श्रेणी मे नही आ सकेंगे।



कई साल से पदोन्नति व परस्पर तबादले का इंतजार कर रहे बेसिक शिक्षकों को मिली राहत, पदोन्नति पहले होने से कुछ शिक्षकों के पेयर टूटने की बनी संभावना


यूपी सरकार ने बेसिक विद्यालय में कई साल से पदोन्नति व परस्पर तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। सरकार के इस आदेश से शिक्षकों को अपने घर या पास के जिले में आने का मौका मिलेगा।


🔵 पारस्परिक ट्रांसफर ब्रेकिंग



बेसिक विद्यालय में कई साल से पदोन्नति व परस्पर तबादले का इंतजार कर रहे शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने पदोन्नति और जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले का आदेश जारी कर दिया है।


पदोन्नति में लगभग 5000, जिले के अंदर परस्पर तबादले में 20 हजार और, एक से दूसरे जिले के तबादले में 2000 शिक्षको को इसका लाभ मिलेगा। इससे शिक्षकों को अपने घर में या जिले के पास आने का लाभ मिलेगा। हालांकि पहले पदोन्नति होने से कुछ शिक्षकों के पेयर टूटने की भी संभावना है। 


यही वजह है कि शिक्षक पहले परस्पर तबादले और बाद में पदोन्नति करने की मांग कर रहे थे, लेकिन विभाग ने पहले पदोन्नति और फिर परस्पर तबादले का आदेश जारी किया है। पदोन्नति की प्रक्रिया छह जनवरी से शुरू होगी। परस्पर तबादले की रिलीविंग और ज्वाइनिंग 11 से 13 जनवरी के बीच होगी। 15 जनवरी से जाड़े की छुट्टी के बाद विद्यालय खुलेंगे।

पहले करें म्यूचुअल ट्रान्सफर, फिर पदोन्नति; जोड़ा बचाने के लिए बेसिक निदेशालय पहुंचे शिक्षक, महानिदेशक स्कूल शिक्षा से की मांग

पहले करें म्यूचुअल ट्रान्सफर, फिर पदोन्नति;  जोड़ा बचाने के लिए बेसिक निदेशालय पहुंचे शिक्षक, महानिदेशक स्कूल शिक्षा से की मांग



लखनऊ। बेसिक विद्यालय के हजारों शिक्षकों के सामने अब अजीब स्थिति पैदा हो गई है। अगर वह पदोन्नति चुनते हैं तो उन्हें अपने जिले के पास आने को नहीं मिलेगा और अगर वह अपने जिले के पास आने का विकल्प चुनते हैं तो उनको पदोन्नति व इसके लाभ नहीं मिलेंगे। यही वजह है कि सोमवार को साल के पहले दिन ही काफी शिक्षक महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मिलने पहुंचे।


निदेशालय पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि पूर्व में भी वह महानिदेशक समेत सभी आला अधिकारियों से मिलकर यह मांग कर चुके हैं कि पहले परस्पर तबादले कर दिए जाएं। उसके बाद पदोन्नति की जाए, किंतु विभाग की ओर से इसके विपरीत ही आदेश जारी कर दिया गया है। 


महानिदेशक से शिक्षकों ने कहा कि अगर पदोन्नति पहले होती है तो परस्पर तबादले के लिए बनाए गए उनका जोड़ा टूट जाएगा। इसके बाद शिक्षक बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से मिलने पहुंचे, हालांकि वह मौजूद नहीं थे। शिक्षकों का नेतृत्व कर रहे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के निर्भय सिंह ने कहा कि पदोन्नति वाले शिक्षकों का विद्यालय आवंटन छह जनवरी और परस्पर तबादले में शिक्षक कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कार्य 11 से 13 जनवरी के बीच होंगे। 


महानिदेशक ने उन्हें इस मामले में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। महानिदेशक से मुलाकात करने वालों में शुभम शुक्ला, प्रमोद पांडेय, शेखर वर्मा, गणेश दीक्षित, अमित, नीतू सिंह, गरिमा पांडेय, राज वर्मा आदि शामिल थे।


मांग : 12460 शिक्षक भर्ती में हो दूसरे चरण की काउंसिलिंग

मांग : 12460 शिक्षक भर्ती में हो दूसरे चरण की काउंसिलिंग


लखनऊ। प्रदेश में बेसिक विद्यालयों में हाईकोर्ट के आदेश से 12,460 शिक्षक भर्ती के खाली पदों पर पहले चरण की काउंसिलिंग पूरी हो गई है। 

सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे अभ्यर्थियों ने कहा कि इसमें काफी कम अभ्यर्थी पहुंचे हैं और सीटें अभी खाली हैं। ऐसे में पदों को भरने के लिए दूसरे चरण की काउंसिलिंग भी कराई जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि शासन ने निर्देश दिया है कि 2017 में काउंसिलिंग कराने वालों को ही मौका मिलेगा, जबकि काउंसिलिंग छोड़ने वाले भी अब अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे लोगों को काउंसिलिंग में शामिल न कराया जाए

देश के पहले पूर्ण बालिका सैनिक स्कूल में 21 जनवरी को प्रवेश परीक्षा, अप्रैल से पढ़ाई

देश के पहले पूर्ण बालिका सैनिक स्कूल में 21 जनवरी को प्रवेश परीक्षा, अप्रैल से पढ़ाई


वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संबोधन में की थी घोषणा


मथुरा। देश के पहले पूर्ण बालिका सैनिक स्कूल में बेटियां किताबी शिक्षा के साथ युद्ध की नीतियां भी सीखेंगी। कक्षा 6 से 12 तक संचालित समविद गुरुकुलम गर्ल्स सैनिक स्कूल में हर वर्ष 120 बेटियां शिक्षा ग्रहण करेंगी। पहला सत्र अप्रैल से शुरू होगा और दाखिले के लिए लिखित परीक्षा 21 जनवरी को प्रस्तावित है।

2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि सैनिक स्कूल, जो परंपरागत रूप से केवल लड़कों को प्रवेश देते हैं, अब लड़कियों के लिए भी खुलेंगे। मुझे देश भर से लाखों लड़कियों से सैनिक स्कूलों में पढ़ने की इच्छा व्यक्त करने वाले संदेश मिले हैं। इसलिए, सरकार ने फैसला किया है कि देश भर में ऐसे स्कूल खुलेंगे। 


2024 की मंगल प्रभात पर किया यह वादा सोमवार को साकार हो गया। देश भर की बालिकाओं ने परीक्षा में भाग लेने को पहले ही आवेदन कर रखा है। इस स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई भी होगी । सेना के पूर्व अधिकारी व एनसीसी के अधिकारी बालिकाओं को युद्ध कौशल का प्रशिक्षण देंगे। 

ओबीसी के सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने की तैयारी, गड़बड़ी रोकने के लिए आधार आधारित पेमेंट किया गया अनिवार्य

ओबीसी के सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने की तैयारी, गड़बड़ी रोकने के लिए आधार आधारित पेमेंट किया गया अनिवार्य


लखनऊ। प्रदेश सरकार इस सत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए 922 करोड़ रुपये ज्यादा बजट की व्यवस्था है। अधिकारियों का कहना है कि गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के लिए आधार आधारित पेमेंट अनिवार्य किया गया है। इससे 'जेनुइन' छात्र ही लाभ पा सकेंगे।


सरकार दो लाख रुपये सालाना आमदनी वाले ओबीसी परिवारों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क भरपाई की सुविधा देती है। बशर्ते, पिछली कक्षा में उनके न्यूनतम अंक 50 प्रतिशत रहे हों। 2022-23 में 24 लाख ओबीसी विद्यार्थियों को लाभ मिला था, जबकि बजट की कमी के चलते 5 लाख छात्र वंचित रह गए थे। पिछले वित्त वर्ष में 1514.86 करोड़ रुपये की व्यवस्था थी।


 इस बार अनुपूरक बजट में 330 करोड़ देने से मद में 2437 करोड़ रुपये की व्यवस्था हो गई है। इससे करीब 30 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलने की संभावना है। पिछड़ा वर्ग कल्याण के प्रमुख सचिव ने बताया कि पर्याप्त बजट है। उम्मीद है कि इस बार सभी पात्र छात्रों को लाभांवित किया जा सकेगा। 

Monday, January 1, 2024

यूपी बोर्ड में नए सत्र से सेमेस्टर प्रणाली होगी लागू, तैयारी शुरु

यूपी बोर्ड : नए सत्र से सेमेस्टर प्रणाली होगी लागू, 9 से 12 तक कुल आठ सेमेस्टर में होगी पढ़ाई


यूपी बोर्ड में नए सत्र से सेमेस्टर प्रणाली होगी लागू, तैयारी शुरू

🔴 नौवीं से 12वीं कक्षा तक कुल आठ सेमेस्टर में होगी पढ़ाई, 

🔴 साहित्य में रुचि रखने वाले छात्र विज्ञान पढ़ सकेंगे


लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े छात्रों पर अब पढ़ाई का बोझ कम होगा। नए सत्र से नौवीं से 12वीं कक्षा तक कुल आठ सेमेस्टर में पढ़ाई और परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। यही नहीं विज्ञान, कला व वाणिज्य वर्ग को समाप्त कर एक ही वर्ग का कोर्स चलाया जाएगा, जिनमें बोर्ड के सभी विषय शामिल होंगे। नई शिक्षा नीति के अनुसार उच्च शिक्षा की तरह अब माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम में बदलाव की योजना बनाई जा रही है।


बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ जाता है। एक साथ उन्हें साल भर की पढ़ाई करनी होती है। छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत मिले, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग अब खंड-खंड में बोर्ड की परीक्षा लेगा, ताकि परीक्षा के लिए छात्र बेहतर तैयारी कर सकें। 


शिक्षा विभाग के मुताबिक सेमेस्टर में 50 नंबर के सवाल प्रयोगात्मक होंगे। इनमें से 20 अंक के सवालों के जवाब ओएमआर शीट पर देने होंगे। वहीं 50 नंबर की लिखित परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा में भी सवालों में विकल्प दिए जाएंगे। वहीं, विज्ञान की पढ़ाई करने वाला छात्रा इतिहास की पढ़ाई भी कर सकेगा। इसी तरह इसी तरह भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र व गृह विज्ञान पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले छात्र इच्छानुसार गणित या विज्ञान विषय की पढ़ाई कर सकेंगे।


माध्यमिक शिक्षा विभाग में एनसीएफ- 2023 को पूरी तरीके से लागू किया जाएगा। नए साल में इसके लिए कई तरह की योजना बनाई गई है। उच्च शिक्षा की तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी। मार्कशीट की तरह छात्रों को समग्र व्यक्तित्व मूल्यांकन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। खेलकूद में प्रतिभाग, विज्ञान प्रदर्शनी व अन्य तरह के प्रशिक्षण कार्य के प्रमाण पत्र शामिल होंगे।
- डॉ. प्रदीप कुमार, संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ मंडल


छात्रों में समग्र शिक्षा का होगा विकास

माध्यमिक शिक्षा विभाग के कोर्स में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से छात्रों में समग्र शिक्षा का विकास होगा। पढ़ाई का भार कम होने के साथ ही अपनो रुचि के विषय को पढ़ने का मौका मिलेगा। पाठ्यक्रम के साथ ही कौशल विकास से जुड़े कोर्स में भी छात्र पढ़ सकेंगे, इसके जरिए उन्हें तकनीक व समाज से जुडी शिक्षा लेने का अवसर मिलेगा। कम समय में मूल्यांकन व विषय बंधन से छात्रों को मिलेगी मुक्ति सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से कम समय में छात्रों का मूल्यांकन हो सकेगा। जिस विषय में वे कमजोर हैं, उसमें सुधार करने का मौका मिलेगा। विज्ञान वर्ग की पढ़ाई करने वाले छात्र की रुचि साहित्य में है, तो वह इसे एक पाठ्यक्रम के रूप में पड़ सकेंगे।

बच्चों की शुरुआती पढ़ाई से AI को जोड़ने की तैयारी, छह से 12 तक विद्यार्थियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर SCERT तैयार कर रहा विशेष पाठ्यक्रम

बच्चों की शुरुआती पढ़ाई से AI को जोड़ने की तैयारी, छह से 12 तक विद्यार्थियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर SCERT तैयार कर रहा विशेष पाठ्यक्रम 


लखनऊ : 2024 से विद्यालयों में पढ़ने कक्षा छह से 12 के बच्चों को भी तमाम उम्मीदें हैं। एससीईआरटी सत्र 2024-25 के कक्षा छह से 12 तक विद्यार्थियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया है। 


कक्षा छह से आठ तक बच्चों के लिए बेसिक स्तर और कक्षा 12 के बच्चों के लिए एडवांस लेवल कोर्स तैयार किया गया है। छात्र इंटेलीजेंस की अवधारणा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, दैनिक जीवन में उपयोग, एआई का विकास, सीखने की प्रक्रिया, डेटा बेस, डेटा साइंस, डेटा विश्लेषण, लाभ, हानिया, सीमाएं को जान सकेंगे। इसके लिए प्रशिक्षण तैयार किए जा रहे हैं।

परीक्षा के तनाव के कम करने के लिए CBSE ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर 1800-11-8004

परीक्षा के तनाव के कम करने के लिए CBSE ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर 1800-11-8004


The CBSE will provide psychological counselling facility to students and parents from 1 January, 2024. The exam schedule for practical and theory papers has already been announced from 1st January, 2024 and 15th February, 2024 respectively. The psychological counselling has been aligned accordingly for students' facilitation," as per a press note from the Central Board of Secondary Education.

As per the press note, counselling facilities in 2024 are as follows: "IVRS: Free of cost IVRS facility will be made available 24x7 for students and parents on Board's toll free number 1800-11-8004. 

 
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए एक जनवरी से छात्रों और अभिभावकों को मनोवैज्ञानिक परामर्श की सुविधा देगा। 


यह सुविधा निशुल्क दी जाएगी। सीबीएसई ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-11-8004 जारी किया है।