
Friday, August 30, 2019

फतेहपुर : मध्यान्ह भोजन के लिए प्रधान भी होंगे जिम्मेदार, बीएसए व पंचायतीराज विभाग का उड़नदस्ता करेगा जांच
फतेहपुर : मध्यान्ह भोजन के लिए प्रधान भी होंगे जिम्मेदार, बीएसए व पंचायतीराज विभाग का उड़नदस्ता करेगा जांच।
मध्याह्न् भोजन के लिए प्रधान भी होंगे जिम्मेदार
August 30, 2019
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शासन के नियमों के विपरीत अगर एमडीएम परोसा गया तो इसके लिए केवल शिक्षक ही जिम्मेदार नहीं होंगे बल्कि प्रधानों को भी जवाब देना होगा । शासन की ओर से प्रधानों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। नई व्यवस्था के तहत प्रधानों को योजना के क्रियान्वयन के साथ नियम संगत एमडीएम परोसे जाने की जिम्मेदारी से बांधा गया है। एमडीएम संबंधी जांच बेसिक शिक्षा विभाग और पंचायतीराज विभाग संयुक्त रूप से करेगा।
मध्याह्न भोजन (एमडीएम) की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हाल ही में शासन ने नई व्यवस्था दी है। अभी तक प्रधानों को खाद्यान्न आदि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी थी, लेकिन स्कूल में इसके बनने और परोसने की जिम्मेदारी से ये बाहर थे। एमडीएम के अनियमित होने पर शिक्षक पर शिकंजा कस दिया जाता था। नए बेसिक शिक्षा मंत्री ने पदभार संभालते हुए आला अफसरों के बाद कई ¨बदुओं पर नया फामरूला तैयार किया है। किसी भी शिकायत की जांच में अब बेसिक शिक्षा विभाग और पंचायतीराज विभाग की संयुक्त टीम जांच करेगी।
बिना शिकायत के भी होगी जांच: बिना शिकायत के भी संयुक्त उड़नदस्ता परोसे जाने वाले एमडीएम की जांच करेगा। एमडीएम को लेकर शिक्षक वर्ग प्रधानों पर सहयोग न करने का आरोप लगाता रहा है और कार्रवाई पर नाराजगी जताते रहे हैं। कुल मिलाकर एमडीएम को कसौटी पर खरा उतारने के लिए शासन ने नई नीति लागू की है।
प्राथमिक विद्यालय में फल खाते बच्चे ’ जागरण
एमडीएम को पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए पहले भी आदेश थे। इस आदेश को मजबूती देने के लिए हाल में परिवर्तन किया गया है। प्रधान और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय होने से योजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित होगी।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

मध्याह्न् भोजन के लिए प्रधान भी होंगे जिम्मेदार
August 30, 2019
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शासन के नियमों के विपरीत अगर एमडीएम परोसा गया तो इसके लिए केवल शिक्षक ही जिम्मेदार नहीं होंगे बल्कि प्रधानों को भी जवाब देना होगा । शासन की ओर से प्रधानों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। नई व्यवस्था के तहत प्रधानों को योजना के क्रियान्वयन के साथ नियम संगत एमडीएम परोसे जाने की जिम्मेदारी से बांधा गया है। एमडीएम संबंधी जांच बेसिक शिक्षा विभाग और पंचायतीराज विभाग संयुक्त रूप से करेगा।
मध्याह्न भोजन (एमडीएम) की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हाल ही में शासन ने नई व्यवस्था दी है। अभी तक प्रधानों को खाद्यान्न आदि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी थी, लेकिन स्कूल में इसके बनने और परोसने की जिम्मेदारी से ये बाहर थे। एमडीएम के अनियमित होने पर शिक्षक पर शिकंजा कस दिया जाता था। नए बेसिक शिक्षा मंत्री ने पदभार संभालते हुए आला अफसरों के बाद कई ¨बदुओं पर नया फामरूला तैयार किया है। किसी भी शिकायत की जांच में अब बेसिक शिक्षा विभाग और पंचायतीराज विभाग की संयुक्त टीम जांच करेगी।
बिना शिकायत के भी होगी जांच: बिना शिकायत के भी संयुक्त उड़नदस्ता परोसे जाने वाले एमडीएम की जांच करेगा। एमडीएम को लेकर शिक्षक वर्ग प्रधानों पर सहयोग न करने का आरोप लगाता रहा है और कार्रवाई पर नाराजगी जताते रहे हैं। कुल मिलाकर एमडीएम को कसौटी पर खरा उतारने के लिए शासन ने नई नीति लागू की है।
प्राथमिक विद्यालय में फल खाते बच्चे ’ जागरण
एमडीएम को पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए पहले भी आदेश थे। इस आदेश को मजबूती देने के लिए हाल में परिवर्तन किया गया है। प्रधान और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय होने से योजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित होगी।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


अनुदेशक भी प्रेरणा एप से हाजिरी का करेंगे विरोध, सेल्फी के जरिए नहीं दर्ज कराएंगे उपस्थिति : प्रदेश अध्यक्ष
प्रेरणा एप से हाजिरी के विरोध में अनुदेशक भी
प्रयागराज | वरिष्ठ संवाददाता**30 Aug 2019
परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस 5 सितंबर से प्रेरणा एप से सेल्फी के जरिए लागू होने जा रही हाजिरी के विरोध में अनुदेशक भी उतर आए हैं। उच्च प्राथमिक अनुदेशक कल्याण समिति ने निर्णय लिया है कि सेल्फी के जरिए उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे।
प्रदेश अध्यक्ष भोलानाथ पांडेय ने कहा कि जब तक सरकार उन्हें 17 हजार रुपये मानदेय नहीं देती और अनुदेशकों को उनके आवास के पास तैनाती नहीं मिलती वह सेल्फी से हाजिरी नहीं देंगे। 2013 में नियुक्ति के बाद से अनुदेशकों का तबादला नहीं हुआ है। एक-एक अनुदेशक 100 किमी दूर नौकरी कर रहा है। उच्च प्राथमिक स्कूलों के अनुदेशकों ने निर्णय लिया है कि इन विषम परिस्थितियों में सेल्फी से हाजिरी लगाना हमारे लिए मुमकिन नहीं। जिले में 668 अनुदेशक कार्यरत हैं।
प्रेरणा एप के विरोध में डीएम को देंगे ज्ञापन
अंतर्जनपदीय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रेरणा एप के विरोध में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन दो सितंबर को डीएम को देने का निर्णय लिया है। जिलाध्यक्ष अनुराग पांडेय ने शिक्षकों से सहयोग की अपील की है।

प्रयागराज | वरिष्ठ संवाददाता**30 Aug 2019
परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस 5 सितंबर से प्रेरणा एप से सेल्फी के जरिए लागू होने जा रही हाजिरी के विरोध में अनुदेशक भी उतर आए हैं। उच्च प्राथमिक अनुदेशक कल्याण समिति ने निर्णय लिया है कि सेल्फी के जरिए उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे।
प्रदेश अध्यक्ष भोलानाथ पांडेय ने कहा कि जब तक सरकार उन्हें 17 हजार रुपये मानदेय नहीं देती और अनुदेशकों को उनके आवास के पास तैनाती नहीं मिलती वह सेल्फी से हाजिरी नहीं देंगे। 2013 में नियुक्ति के बाद से अनुदेशकों का तबादला नहीं हुआ है। एक-एक अनुदेशक 100 किमी दूर नौकरी कर रहा है। उच्च प्राथमिक स्कूलों के अनुदेशकों ने निर्णय लिया है कि इन विषम परिस्थितियों में सेल्फी से हाजिरी लगाना हमारे लिए मुमकिन नहीं। जिले में 668 अनुदेशक कार्यरत हैं।
प्रेरणा एप के विरोध में डीएम को देंगे ज्ञापन
अंतर्जनपदीय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रेरणा एप के विरोध में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन दो सितंबर को डीएम को देने का निर्णय लिया है। जिलाध्यक्ष अनुराग पांडेय ने शिक्षकों से सहयोग की अपील की है।


देश मे 12वीं के छात्र बन सकेंगे पर्यटन सहायक, एससी-एसटी और जम्मू कश्मीर व लेह के बच्चों के लिए निःशुल्क रहेगा कोर्स, अन्य क्षेत्र के बच्चों को लगेगी दो हजार फीस
देश में 12वीं के छात्र बन सकेंगे पर्यटन सहायक: प्रह्लाद पटेल
आगरा | मुख्य संवाददाता
देश के छात्र-छात्राएं बेरोजगार न रहें, इसके लिए जल्द ही 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए पर्यटन सहायक का कोर्स शुरू किया जाएगा। छह माह के इस कोर्स को एससी-एसटी, जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख के लिए बच्चों के लिए नि:शुल्क रखा जाएगा। ये बात गुरुवार को आगरा आए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कही। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को पर्यटन के क्षेत्र में काम करने के अवसर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने भी इस दिशा में काम करने का संकल्प लिया है। उसी को देखते हुए 12वीं पास छात्र-छात्राओं को पर्यटन सहायक का कोर्स कराया जाएगा। कोशिश होगी कि जो जहां है, वहीं पर रोजगार प्राप्त कर सके। एससी-एसटी, जम्मू-कश्मीर और पिछड़े इलाकों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों के बच्चों से दो हजार रुपये फीस ली जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बहाली की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। एक सितंबर से चार दिनों के लिए वह अधिकारियों के साथ वहां जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएनबी) स्कीम को शुरू करने का विचार है। इसमें वहीं के लोग अपने मकानों को पर्यटकों को दे सकते हैं। इससे उनकी कमाई भी होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा विश्व की अन्य प्रमुख तीन भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को स्मारकों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
एससी-एसटी और जम्मू-कश्मीर व लेह के बच्चों के लिए नि:शुल्क रहेगा कोर्स, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बहाली की दिशा में तेजी।

आगरा | मुख्य संवाददाता
देश के छात्र-छात्राएं बेरोजगार न रहें, इसके लिए जल्द ही 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए पर्यटन सहायक का कोर्स शुरू किया जाएगा। छह माह के इस कोर्स को एससी-एसटी, जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख के लिए बच्चों के लिए नि:शुल्क रखा जाएगा। ये बात गुरुवार को आगरा आए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कही। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को पर्यटन के क्षेत्र में काम करने के अवसर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने भी इस दिशा में काम करने का संकल्प लिया है। उसी को देखते हुए 12वीं पास छात्र-छात्राओं को पर्यटन सहायक का कोर्स कराया जाएगा। कोशिश होगी कि जो जहां है, वहीं पर रोजगार प्राप्त कर सके। एससी-एसटी, जम्मू-कश्मीर और पिछड़े इलाकों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों के बच्चों से दो हजार रुपये फीस ली जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बहाली की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। एक सितंबर से चार दिनों के लिए वह अधिकारियों के साथ वहां जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएनबी) स्कीम को शुरू करने का विचार है। इसमें वहीं के लोग अपने मकानों को पर्यटकों को दे सकते हैं। इससे उनकी कमाई भी होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा विश्व की अन्य प्रमुख तीन भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को स्मारकों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
एससी-एसटी और जम्मू-कश्मीर व लेह के बच्चों के लिए नि:शुल्क रहेगा कोर्स, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बहाली की दिशा में तेजी।


MDM की सब्जियां उगाने को स्कूलों-कॉलेजों व सरकारी भवनों की खाली जमीन का होगा इस्तेमाल, स्कूलों में उगाएंगे लौकी, तरोई व भिंडी
प्रयागराज | अभिषेक मिश्र **30 Aug 2019
इस तरह तय की गई जिम्मेदारी
प्रदेश सरकार ने पोषण वाटिका की योजना तैयार की है। सबकुछ ठीक रहा तो स्कूलों-कॉलेजों, आंगनबाड़ी केंद्रों सहित सरकारी भवनों की खाली जमीन पर लौकी, तरोई, भिंडी, फूलगोभी व मौसमी शाक-भाजी उगाई जाएगी। हरी सब्जियों का इस्तेमाल मिड-डे-मील में किया जाएगा। साथ ही जो गरीब परिवार महंगी सब्जियां नहीं खरीद सकते, उन्हें भी हरी सब्जियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
पोषण वाटिका के लिए राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। शिक्षा, उद्यान, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास व सिंचाई विभाग इसमें सीधे तौर पर शामिल होंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज राव का कहना है कि पोषण वाटिका तैयार करने की योजना पर काम शुरू हो रहा है। जल्द ही स्कूलों की खाली जमीन पर हरी सब्जियों की फसल दिखेगी। यह अपने-आप में एक अनूठी योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों-कालेजों और सरकारी भवनों में जमीन खाली पड़ी रहती है। ऐसी जमीन का इस्तेमाल होगा और बच्चे हरी सब्जी का महत्व सीखेंगे व सेहतमंद होंगे।
Thursday, August 29, 2019
Wednesday, August 28, 2019
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