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Monday, September 27, 2021

फतेहपुर : किराए में खेल, बीआरसी से शिक्षक ढोते हैं किताबें, मुद्रक के यहां से जिले, फिर स्कूलों तक पहुंचाने की है गाइडलाइन

फतेहपुर : किराए में खेल, बीआरसी से शिक्षक ढोते हैं किताबें, मुद्रक के यहां से जिले, फिर स्कूलों तक पहुंचाने की है गाइडलाइन 

◆  मुद्रक के यहां से जिले, फिर स्कूलों तक पहुंचाने की है गाइडलाइन 
◆ नियमों को दरकिनार करके बीआरसी तक ही जा रहे हैं वाहन।


फतेहपुर : सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रों को निश्शुल्क किताबों का वितरण किया जाता है। शासन से करार होने के बाद मुद्रक इन्हें प्रकाशित करता है और जिलों तक पहुंचाता है। जिले के स्टोर से इन्हें परिषदीय स्कूलों तक पहुंचाने की गाइडलाइन है। लेकिन इस गाइडलाइन का जिले में पालन होता नहीं दिख रहा है और किराए में जमकर खेल किया जा रहा है। ऐसे में मुद्रक के वाहन ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) तक पहुंच रहे हैं और यहां से शिक्षकों को मजबूरी वश किताबें स्कूल तक ले जानी पड़ रही हैं। शासन के निर्देश पर कक्षा आठ तक के छात्रों को निश्शुल्क किताबों की सौगात दी गई है। इसके अलावा अन्य योजनाओं में एमडीएम, बैग, जूता, मोजा, यूनीफार्म छात्रवृत्ति आदि की योजनाएं शासन की गाइडलाइन के अनुसार चल रही हैं।

परिषदीय स्कूल एक नजर में

प्राथमिक स्कूल 1903
उच्च प्राथमिक स्कूल 747
कुल परिषदीय स्कूल 2450 
पंजीकृत विद्यार्थी - 3 लाख 765 हजार, 123

निश्शुल्क किताबों के वितरण की बात करें तो मुद्रक के यहां से जिले और बीआरसी तक किताबें सरकारी खर्चे पर पहुंचाई जाती हैं। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है और शिक्षकों को किताबें स्कूलों तक स्वयं ले जानी 
पड़ रही हैं। विभाग की इस लचर व्यवस्था को लेकर खासी नाराजगी है। अधिकारियों के आगे मुंह खोलने का साहस नहीं कर पाते हैं।

किताबों को स्कूल तक पहुंचाया जाना चाहिए। प्रकरण संज्ञान में आया है। मामले की जांच करवाई जाएगी। खंड शिक्षाधिकारियों से भी रिपोर्ट तलब की जाएगी।

संजय कुमार कुशवाहा, बीएसए

National Achievement Survey On November 12 नेशनल एचीवमेंट सर्वे की तैयारी : केंद्र सरकार जांचेगी स्कूली बच्चों की दक्षता

National Achievement Survey On November 12

NAS नेशनल एचीवमेंट सर्वे की तैयारी : केंद्र सरकार जांचेगी स्कूली बच्चों की दक्षता

नेशनल अचीवमेेंट सर्वे 12 नवंबर को, परिषदीय विद्यालयों में तैयारी तेज


12 नवम्बर को यूपी समेत देशभर के स्कूलों के बच्चों का राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (नेशनल अचीवमेंट सर्वे -‘नैस’) का आयोजन होना है। इस सर्वे के दौरान केन्द्र सरकार हर राज्य के सरकारी स्कूलों की चार कक्षाओं के बच्चों का सैम्पल सर्वे कर यह जानेगी कि उनकी शैक्षिक उपलब्धि क्या है। खासतौर से उम्र और कक्षा के लिहाज ज्ञानअर्जन के स्तर को केन्द्र सरकार अपने पैमाने पर कसेगी और फलाफल के आधार पर उनके शैक्षिक उन्नयन के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर विशेष प्रयास करेगी।


सर्वे कक्षा 3, 5, 8 और 10 के लिए आयोजित होनी है। इन कक्षाओं में भाषा, गणित, ईवीएस, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषय से संबंधित सर्वेक्षण होगा।  बड़ी चुनौती इस मायने में है कि पिछले दो साल से कोरोना ने पठन-पाठन को बुरी तरह प्रभावित किया है। 


गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य के विद्यालयों में लम्बे समय से शिक्षण कार्य बाधित रहे। हालांकि ऑनलाइन क्लासेज तथा दूरदर्शन से पाठशाला संचालित हुए हैं। 

तीसरी से आठवीं कक्षा के छात्रों के तीन साल में होने वाले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) के लिए जिले के परिषदीय विद्यालयों के नौनिहालों को तैयार किया जा रहा है। सर्वे के जरिये सरकारी स्कूलों के बच्चों का शैक्षिक मूल्यांकन किया जाएगा। स्कूली छात्रों के शिक्षा स्तर को जानने के लिए मानव एवं विकास मंत्रालय एनसीईआरटी व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की ओर से इस बार 12 नवंबर को सर्वे होना है। इसको लेकर बेसिक शिक्षा विभाग को अपर परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा सरिता तिवारी ने आदेश जारी करते हुए सभी विद्यालयों के बच्चों को इसके लिए तैयार करने का निर्देश दिए हैं।


ओएमआर सीट पर होती है परीक्षा
राष्ट्रीय स्तर पर यह परीक्षा पूरे देश में एक ही दिन संचालित होती है। स्कूलों का चयन प्रदेश स्तर पर एक टीम करेगी। जिले में चयनित स्कूल के छात्र परीक्षा में शामिल होंगे। ओएमआर सीट पर होने वाली परीक्षा में छात्रों को हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व पर्यावरण के जुड़े सवाल पूछे जाएंगे।  सर्वे का उद्देश्य परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का शैक्षिक मूल्यांकन करना है। साथ ही उनकी उपलब्धि का स्तर जांचना है। इस परीक्षा के माध्यम से यह भी जांचा जाएगा कि छात्रों की सीखने की क्षमता कितनी है।

फतेहपुर : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के रिक्त पदों के सापेक्ष चयन हेतु विज्ञप्ति जारी, देखें

फतेहपुर : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के रिक्त पदों के सापेक्ष चयन हेतु विज्ञप्ति जारी, देखें।

यूपी बोर्ड : 30 हजार छात्रों का रिजल्ट रुका, कॅरियर दांव पर

यूपी बोर्ड : 30 हजार छात्रों का रिजल्ट रुका, कॅरियर दांव पर

● 12वीं के 30 हजार छात्रों का परिणाम घोषित नहीं
● स्नातक पाठ्यक्रमों में बगैर रिजल्ट प्रवेश मुश्किल


प्रयागराज : यूपी बोर्ड के इंटर के हजारों छात्रों का कॅरियर दांव पर है। कोरोना काल में बिना परीक्षा कराए 10वीं-12वीं का परिणाम 31 जुलाई को घोषित हुआ था। 12वीं के 30 से 40 हजार छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनका परिणाम विभिन्न कारणों से रोक दिया गया। ये विदहेल्ड श्रेणी में थे।

इनमें अधिकांश वे छात्र थे, जिनका पूर्व की कक्षाओं में से किसी का अंक बोर्ड को नहीं मिला था। सीबीएसई या सीआईएससीई बोर्ड से 10वीं कर यूपी बोर्ड में नाम लिखाने वाले तमाम छात्र भी यह परेशानी झेल रहे हैं।

इंटरनेट पर इन बच्चों को रिजल्ट रुका होने की जानकारी मिली तो स्कूल से संपर्क किया। स्कूल के प्रधानाचार्यों ने बोर्ड की गलती ठहराते हुए वहां शिकायत करने को कहा। इन छात्रों ने क्षेत्रीय कार्यालयों के ग्रीवांस सेल में शिकायत की। लेकिन दो महीना बीतने के बावजूद रिजल्ट नहीं मिल सका है। इस कारण ये बच्चे स्नातक या दूसरे पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे। जमुना क्रिश्चियन इंटर कॉलेज के छात्र अनंत कुमार, मोहित द्विवेदी और विवेक प्रजापति आदि को ही लें। दो महीने से बोर्ड का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन रिजल्ट नहीं मिल सका। मोहित द्विवेदी कहते है कि ईसीसी में प्रवेश के आवेदन की तिथि बीत गई। लेकिन फॉर्म नहीं भर सके। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 3 अक्तूबर है। लेकिन अंकपत्र न मिलने पर वहां भी आवेदन से वंचित होंगे।

यही स्थिति पूरे प्रदेश में बनी है। बच्चे स्कूल, डीआईओएस और यूपी बोर्ड के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।


बिना अंक प्रमोट बच्चे भी होंगे परेशान

बोर्ड ने 12वीं के 62506 बच्चों को बिना अंक दिए प्रमोट किया था। अंकपत्र पर नंबर नहीं होने से ये भी परेशान थे। 12वीं के 41355 बच्चों ने अंकसुधार परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया जिसका परिणाम अक्तूबर अंत तक घोषित हो सकेगा। ऐसे में इनके लिए भी अगली कक्षाओं में प्रवेश में परेशानी होगी।

Sunday, September 26, 2021

शिक्षकों से DBT फीडिंग न कराने एवं MDM खाता पूर्ववत बैंक शाखा में रखे जाने हेतु उ0प्र0 जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ का महानिदेशक को ज्ञापन

शिक्षकों से DBT फीडिंग न कराने एवं MDM खाता पूर्ववत बैंक शाखा में रखे जाने हेतु उ0प्र0 जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ का महानिदेशक को ज्ञापन






 

बिना संसाधन DBT फीडिंग कार्य शिक्षकों से कराए जाने के विरोध में उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) ने महानिदेशक को दिया ज्ञापन

बिना संसाधन DBT फीडिंग कार्य शिक्षकों से कराए जाने के विरोध में उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) ने महानिदेशक को दिया ज्ञापन



 

मदरसे और मिशनरी स्कूलों की तरह गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को भी मिले मान्यता, एक समान शिक्षा संहिता के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार

समान शिक्षा संहिता की मांग : हिंदुओं को भी शिक्षा संस्थान का मूलभूत अधिकार मिले, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल


मदरसे और मिशनरी स्कूलों की तरह गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को भी मिले मान्यता, एक समान शिक्षा संहिता के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार

गुरुकुल, मदरसा, मिशनरी और वैदिक स्कूल के लिए समान शिक्षा संहिता की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल



यूनिफॉर्म एजुकेशन कोड लागू करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें महरसों की तरह गुरुकुल और वैदिक स्कूल खोलने और चलाने की इजाजत मांगी गई है।


नई दिल्ली
देशभर में यूनिफॉर्म एजुकेशन कोड लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया जाए कि हिंदुओं को भी गुरुकुल और वैदिक स्कूल खोलने और चलाने की वैसी ही इजाजत मिलनी चाहिए जैसे मुस्लिमों को मदरसे और क्रिश्चियन को मिशनरी स्कूल खोलने की इजाजत है। गुरुकुल और वैदिक स्कूल को मदरसे व मिशनरी स्कूल की तरह मान्यता देने की गुहार लगाई गई है।


सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें गुरुकुल मदरसा मिशनरी और वैदिक स्कूल के लिए समान शिक्षा संहिता लागू करने की मांग की गई है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान मान्यता दी जाए।


 नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है, जिसमें गुरुकुल, मदरसा, मिशनरी और वैदिक स्कूल के लिए समान शिक्षा संहिता लागू करने की मांग की गई है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान मान्यता दी जाए। समान शिक्षा संहिता लागू करने की मांग वाली यह याचिका वकील और भाजपा नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय और विधि आयोग को पक्षकार बनाया गया है।

गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान मान्यता देने का अनुरोध

इसमें मांग है कि सुप्रीम कोर्ट घोषित करे कि संविधान के अनुच्छेद 29, 30 के अंतर्गत जिस तरह मुस्लिमों को मदरसा और ईसाइयों को मिशनरी स्कूल खोलने का अधिकार है, उसी तरह हिंदुओं को गुरुकुल और वैदिक स्कूल खोलने का अधिकार प्राप्त है। कहा गया कि वर्तमान समय में मदरसा और मिशनरी स्कूल के शैक्षणिक प्रमाणपत्र को सरकारी नौकरियों में मान्यता प्राप्त है, लेकिन गुरुकुल और वैदिक स्कूल के छात्रों को योग्य नहीं माना जाता। मदरसा और मिशनरी स्कूल धार्मिक शिक्षा भी देते हैं। फिर भी उन्हें सरकार मान्यता और फंड भी देती है। जबकि गुरुकुल और वैदिक स्कूलों को न ही मान्यता दी जाती है और न ही फंड दिया जाता है।


भेदभाव की ओर दिलाया गया अदालत का ध्यान
इसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 29 में सिर्फ अल्पसंख्यकों को ही नहीं बल्कि देश के सभी नागरिकों को अपनी संस्कृति, भाषा और स्कि्रप्ट को संरक्षित करने का अधिकार है। इसी तरह अनुच्छेद 30 में केवल अल्पसंख्यकों को नहीं बल्कि बहुसंख्यकों को भी अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और प्रबंधन का अधिकार मिला हुआ है। इसलिए केंद्र सरकार का दायित्व है कि वह गुरुकुल, वैदिक स्कूल, मदरसा और मिशनरी स्कूल के लिए अनुच्छेद 14, 15, 16, 19, 29 और 30 की भावना के अनुकूल समग्र और समान शिक्षा संहिता बनाए।


गुरुकुल और वैदिक स्कूल वैज्ञानिक और पंथनिरपेक्ष शिक्षा दे रहे हैं। फिर भी उन्हें मदरसा और मिशनरी स्कूलों के समान नहीं माना जाता। याचिका में कहा गया है कि लगातार संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 की गलत व्याख्या की जा रही है, जिसके कारण बहुसंख्यक समुदाय अपने सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकारों से वंचित है। अनुच्छेद 29 और 30 में जो अल्पसंख्यक शब्द का उपयोग किया गया है, वह केवल देश के धार्मिक आधार पर हुए विभाजन के बाद भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों को एक अतिरिक्त सुरक्षा देने के लिए किया गया था।


याचिकाकर्ता का कहना है कि यह कोई विशेष अधिकार नहीं है, बल्कि एक अतिरिक्त सुरक्षा दी गई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय 25,000 मदरसों को मान्यता देता है। इसके अलावा जमीयत उलमा-ए- हिंद के भी पूरे देश में करीब 20,000 मदरसे हैं जो कि शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते। इसके बावजूद उनके छात्रों को सरकारी नौकरियों में राज्य शिक्षा बोर्डों और सीबीएसई बोर्ड से पास छात्रों के बराबर माना जाता है। लेकिन गुरुकुल और वैदिक स्कूल के छात्रों को यह मान्यता नहीं है।

बीएड : पहले चरण में 30,031 को अलॉट हुई सीटें, दूसरे चरण में सीट आवंटन के लिए काउंसिलिंग शुरू

बीएड : पहले चरण में 30,031 को अलॉट हुई सीटें, दूसरे चरण में सीट आवंटन के लिए काउंसिलिंग शुरू


लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित की जा रही प्रदेश के प्राइवेट व सरकारी बीएड कॉलेजों की प्रवेश काउंसिलिंग के पहले चरण का सीट अलॉटमेंट शनिवार को जारी कर दिया गया। इसके अनुसार पहले चरण में 30,031 विद्यार्थियों को सीट अलॉट हुई हैं। इसमें सामान्य श्रेणी की 25, 632, अन्य पिछड़ा वर्ग की 1841, अनुसूचित जाति की 1165, अनुसूचित जनजाति की 30 अन्य राज्यों के 728 व आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के 635 अभ्यर्थी शामिल हैं।


प्रवेश परीक्षा की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि पहले चरण में 36,294 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण किया और 35,727 अभ्यर्थियों ने विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के विकल्प लॉक किए थे। 567 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन कोई भी विकल्प लॉक नहीं किया।


उन्होंने बताया कि काउंसिलिंग का दूसरा चरण भी शनिवार से शुरू हो गया। जिसमें स्टेट रैंक 75,001 से 2,00,000 तक के अभ्यर्थी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके बाद काउंसलिंग शुरू होगी। उन्होंने बताया कि कॉलेजों में अभी 2, 19,877 सीटें विद्यार्थियों के लिए खाली हैं। जिन पर वे प्रवेश ले सकते हैं।

सेवाकाल में मृत्यु पर अध्यापक के वारिस को ग्रेच्युटी का हक: हाईकोर्ट का फिर आया फैसला

सेवाकाल में मृत्यु पर अध्यापक के वारिस को ग्रेच्युटी का हक: हाईकोर्ट का फिर आया फैसला



प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्त होने से पहले ही मृत्यु पर अध्यापक के वारिसों को इस आधार पर ग्रेच्युटी देने से इन्कार नहीं किया जा सकता कि अध्यापक ने सेवानिवृत्ति विकल्प नहीं भरा था। यह आदेश न्यायमूíत यशवंत वर्मा ने सुशीला यादव, अभिषेक चंद्र सिन्हा व माया देवी की याचिकाओं पर दिया है।


कोर्ट ने कहा कि सेवा नियमावली के अनुसार तीन साल की सेवा करने वाले अध्यापक को प्राप्त अंतिम वेतन का छह गुना ग्रेच्युटी पाने का अधिकार है। सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़कर 62 किए जाने के बाद ग्रेच्युटी का विकल्प देने का निर्देश जारी किया गया। विकल्प सेवानिवृत्ति से एक वर्ष के भीतर देना था, किंतु विकल्प भरने से पहले ही मौत हो गई। ऐसे में ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इन्कार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने तीन माह में ग्रेच्युटी की गणना कर निर्णय से याची को सूचित करने का निर्देश दिया है।


सभी याची बेसिक स्कूल के अध्यापक के वारिस हैं। कोर्ट ने उषा रानी केस के हवाले से कहा कि मौत कभी भी हो सकती है। यदि विकल्प नहीं भरा गया है तो इस आधार पर ग्रेच्युटी देने से मना नहीं कर सकते। वर्ष 1964 में नियमावली बनी। पहले सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष थी, बढ़कर 60 वर्ष हुई। नौ नवंबर, 2011 को सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। 60 साल में सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों को ग्रेच्युटी पाने का हक है। इसके लिए विकल्प भरना होगा।


 सवाल उठा कि पहले ही मौत हो गई तो विकल्प के अभाव में क्या ग्रेच्युटी से इन्कार कर सकते हैं? कोर्ट ने कहा कि सेवाकाल में मृत्यु की दशा में ग्रेच्युटी देने से इन्कार नहीं किया जा सकता।

डीएलएड में पहले चक्र में 30 हजार रैंक तक के केवल 17402 अभ्यर्थियों ने चुने कालेज

डीएलएड में पहले चक्र में 30 हजार रैंक तक के केवल 17402 अभ्यर्थियों ने चुने कालेज



प्रयागराज: डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) में प्रवेश के लिए एक से 30000 रैंक तक के 17402 अभ्यर्थियों ने कालेज के विकल्प चुने। इस पहले राउंड में 12974 अभ्यर्थियों को परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव की ओर से कालेज आवंटित कर दिए जिसमें 7944 को डायट संस्थान मिले। डायट में कुल 10600 सीटे हैं।



परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय के मुताबिक पहले चरण में तीस हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को 22 से 24 सितंबर तक संस्थान का विकल्प भरने का अवसर दिया गया था। इन्हें शनिवार को संस्थान आवंटित किए गए। दूसरे राउंड में अब 30001 से एक लाख रैंक तक के अभ्यर्थी 27 सितंबर तक संस्थान का विकल्प भर सकेंगे। इन्हें 28 सितंबर को संस्थान एलाट किया जाएगा। इसके बात शेष सभी अभ्यर्थी तीसरे राउंड में संस्थान का विकल्प चुन सकेंगे। सभी अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच और प्रवेश की प्रक्रिया 27 सितंबर से चार अक्टूबर तक चलेगी।

शिक्षक भर्ती : समाज कल्याण के स्कूलों में भर्ती से प्रबंधक बाहर, अब डीएम की अध्यक्षता में गठित होगी चयन कमेटी, इससे पहले प्रबंधक भी चयन समिति में होते थे शामिल

शिक्षक भर्ती : समाज कल्याण के स्कूलों में भर्ती से प्रबंधक बाहर, अब डीएम की अध्यक्षता में गठित होगी चयन कमेटी, इससे पहले प्रबंधक भी चयन समिति में होते थे शामिल

● अब डीएम की अध्यक्षता में गठित होगी चयन कमेटी
● इससे पहले प्रबंधक भी चयन समिति में होते थे शामिल


प्रयागराज : समाज कल्याण विभाग के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से प्रबंधकों को बाहर कर दिया गया है। प्रदेशभर के 571 स्कूलों में चयन के मानक बदलते हुए शासन ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चयन समिति की व्यवस्था बनाई है।

22 सितंबर को प्रमुख सचिव के. रविन्द्र नायक की ओर से जारी आदेश के अनुसार भर्ती के लिए गठित चयन समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी या उनके नामित अधिकारी होंगे। संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अल्पसंख्यक वर्ग का एक अधिकारी सदस्य होंगे। जबकि जिला समाज कल्याण अधिकारी को सदस्य सचिव नियुक्त किया जाएगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी चयन समिति से अनुमोदित सूची निदेशक समाज कल्याण को भेजेंगे। इन पदों पर नियुक्ति के लिए शासन का अनुमोदन प्राप्त होने पर प्रबंधक एक महीने के अंदर चयनित के लिए नियुक्ति पत्र जारी करेंगे।

जिले में समाज कल्याण के 31 स्कूल

जिले में समाज कल्याण विभाग के 31 स्कूल हैं। इनमें प्रबंधक पहले बीएसए और समाज कल्याण अधिकारी से अनुमोदन लेकर नियुक्ति कर देते थे। लेन-देन के आरोप लगते थे। कुछ समय पहले एक स्कूल ने बिना बीएसए का अनुमोदन लिए शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया था।

Saturday, September 25, 2021

हाथरस : डीएम के निर्देश पर दिनाँक 21 सितम्बर 2021 को 132 विद्यालयों के निरीक्षण में अनुपस्थित 53 कार्मिकों के वेतन कटौती के सम्बन्ध में

हाथरस : डीएम के निर्देश पर दिनाँक 21 सितम्बर 2021 को 132 विद्यालयों के निरीक्षण में अनुपस्थित 53 कार्मिकों के वेतन कटौती के सम्बन्ध में

 










सीतापुर : परिषदीय शिक्षकों को DBT डाटा फीडिंग से मुक्त रखते हुए निजी एजेंसी अथवा अभिभावकों से आवेदन प्राप्त किये जाने के सम्बन्ध में प्रा0शि0संघ का ज्ञापन

सीतापुर : परिषदीय शिक्षकों को DBT डाटा फीडिंग से मुक्त रखते हुए निजी एजेंसी अथवा अभिभावकों से आवेदन प्राप्त किये जाने के सम्बन्ध में प्रा0शि0संघ का ज्ञापन



 

DBT फीडिंग कार्य शिक्षकों के माध्यम से न कराए जाने हेतु उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ (पाण्डेय गुट) का बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र

DBT फीडिंग कार्य शिक्षकों के माध्यम से न कराए जाने हेतु उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ (पाण्डेय गुट) का बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र



 

छात्रवृत्ति के लिए 75 उपस्थिति जरूरी, 75 प्रतिशत अटेंडेंस के बिना छात्र छात्रवृत्ति के लिए होंगे अपात्र, एनआईसी पर जमा होगा हाजिरी का डाटा

छात्रवृत्ति के लिए 75 उपस्थिति जरूरी, 75 प्रतिशत अटेंडेंस के बिना छात्र छात्रवृत्ति के लिए होंगे अपात्र, एनआईसी पर जमा होगा हाजिरी का डाटा

लखनऊ : छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति के लिए छात्र-छात्राओं को अब आधार बेस अटेंडेंस से गुजरना होगा। यानी कि छात्रवृत्ति के जरिए पढ़ाई करने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से बॉयोमिट्रिक पहचान के जरिए हाजिरी लगानी होगी। इसके लिए विश्वविद्यालयों समेत सभी संस्थानों को आधार बेस उपस्थिति प्रणाली को स्थापित करना होगा।


75 प्रतिशत अटेंडेंस के बिना छात्र छात्रवृत्ति के लिए अपात्र होंगे।

सरकार ने छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों के मामले में हाजिरी के नियम सख्त कर दिए हैं। इसके मुताबिक संस्था को आधार बेस हाजिरी को हर माह प्रमाणित करते हुए छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड करना होगा।

समाज कल्याण के सहायक निदेशक सिद्धार्थ मिश्रा बताते हैं कि आधार बेस हाजिरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार एससी-एसटी नियमावली में इसे शामिल भी किया गया है।

एनआईसी पर जमा होगा हाजिरी का डाटा

आधार बेस अटेंडेंस अंगूठे या उंगलियों के निशान, चेहरे की पहचान या कॉलेज में पहुंच कर लगाई जा सकेगी। अटेंडेंस का ब्योरा एनआईसी में रखने की व्यवस्था बन रही है। आधार बेस अटेंडेंस का सिस्टम संस्थान में स्थापित होगा। संस्थान जिस विवि या एजेंसी से संबद्ध हैं, हाजिरी वहां जाएगी। वहां से एनआईसी को जाएगी। एनआईसी डाटा समाज कल्याण को देंगे।

मदरसा बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, सेकेंडरी में 95,624, सीनियर सेकेंडरी में 25,659 छात्र पास

मदरसा बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, सेकेंडरी में 95,624, सीनियर सेकेंडरी में 25,659 छात्र पास

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 का परीक्षा परिणाम शुक्रवार को घोषित किया गया। प्रयागराज में राज्य में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कम्प्यूटर का बटन क्लिक करके परीक्षा परिणाम जारी किया। परीक्षा में उत्तीर्ण सभी छात्र छात्राओं को मंत्री नन्दी ने शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।



मंत्री नन्दी ने परीक्षाफल घोषित करते हुए कहा कि शासन द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अन्य परीक्षा बोर्ड की तरह परीक्षा वर्ष 2021 की उ.प्र. मदरसा शिक्षा परिषद की सेकेण्डरी (मुन्शी/मौलवी), सीनियर सेकेण्डरी (आलिम) की परीक्षा को निरस्त करते हुए पंजीकृत परीक्षार्थियों को उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा अपनाई गई पद्धति के अनुसार कक्षोन्नति प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया। 

मंत्री नन्दी ने कहा कि बोर्ड परीक्षा 2021 में सेकेण्डरी कक्षा में 96,213 और सीनियर सेकेण्डरी कक्षा में 25,919 कुल 1,22,132 छात्र-छात्राओं का परीक्षाफल घोषित किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में सेकेण्डरी कक्षा में 96,213 परीक्षार्थियों के सापेक्ष 95,624 छात्र/छात्राएं उत्तीर्ण/प्रोमोट हुए हैं जो कि 99.38 प्रतिशत है, जिसमें 54630 छात्र एवं 40994 छात्राएं हैं। सीनियर सेकेण्डरी कक्षा में 25919 परीक्षार्थियों के सापेक्ष 25659 छात्र/छात्रायें उत्तीर्ण / प्रोन्नत हुए हैं जो कि 98.99 प्रतिशत है, जिसमें 13734 छात्र एवं 11925 छात्राएं हैं।

मंत्री नन्दी ने कहा कि हमारी सरकार की मूल नीति ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास’ है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा ’’एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कम्प्यूटर’’ से अल्पसंख्यकों में एक नए मनोबल, चेतना और विश्वास का संचार हुआ है।

Friday, September 24, 2021

शामली : सभी शिक्षक संगठनों ने एकजुट होकर खोला मोर्चा, गैर शैक्षणिक कार्य न करने के सम्बन्ध में ज्ञापन देकर DBT फीडिंग से किया इंकार

शामली : सभी शिक्षक संगठनों ने एकजुट होकर खोला मोर्चा, गैर शैक्षणिक कार्य न करने के सम्बन्ध में ज्ञापन देकर DBT फीडिंग से किया इंकार

 





हाथरस : जल जीवन मिशन के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में कराए गए कार्यों के सत्यापन के सम्बंध में

हाथरस : जल जीवन मिशन के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में कराए गए कार्यों के सत्यापन के सम्बंध में



 

हाथरस : छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में धनराशि DBT के सम्बन्ध में बीएसए के नवीन निर्देश जारी

हाथरस : छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में धनराशि DBT के सम्बन्ध में बीएसए के नवीन निर्देश जारी



 

हाथरस : यू-डायस पोर्टल पर बन्द/डीसीएफ नहीं प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं के विरुद्ध कार्यवाही के सम्बन्ध में

हाथरस : यू-डायस पोर्टल पर बन्द/डीसीएफ नहीं प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं के विरुद्ध कार्यवाही के सम्बन्ध में









 

हाथरस : मध्याह्न भोजन निधि का जीरो बैलेंस सब्सिडरी एकाउंट (ZBSA) खोलने के सम्बन्ध में

हाथरस : मध्याह्न भोजन निधि का जीरो बैलेंस सब्सिडरी एकाउंट (ZBSA) खोलने के सम्बन्ध में


 

यूपी : चुनाव से पहले प्राथमिक शिक्षकों की बंपर भर्ती की तैयारी, UPTET का भी होगा जल्द आयोजन

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बेसिक शिक्षक भर्ती करेगी यूपी सरकार,  अगले हफ्ते हो सकता है ऐलान

यूपी : चुनाव से पहले प्राथमिक शिक्षकों की बंपर भर्ती की तैयारी, UPTET का भी होगा जल्द आयोजन


सरकारी टीचर बनने की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षकों की बड़े पैमाने पर भर्ती की योजना बना रही है और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी किया जा सकता है। राज्य में इस वक्त शिक्षकों के बहुत सारे पद खाली हैं और राज्य सरकार चुनावों से पहले इन पदों को भरने की भरपूर कोशिश कर रही है। अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती से संबंधित सूचनाओं के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखनी चाहिए। अगर आप भी शिक्षक बनना चाहते हैं और इसके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो बेहतर हो आपकी तैयारी भी।

इस भर्ती में पदों की संख्या को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद में 51,112 रिक्तियों का हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में जानकारी दी थी। साथ ही सरकार की तरफ से ट्वीटर के माध्यम से भर्ती की घोषणा भी की गई थी। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जून 2021 को हुए PAB की बैठक में केंद्र सरकार को प्रदेश में 73,711 खाली शिक्षक पदों की जानकारी दी गई है। इसलिए इस भर्ती में पदों की संख्या को लेकर पूरी जानकारी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही सामने आ पाएगी।


विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के लिए शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दिसम्बर में शुरू कर सकती है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 28 नवम्बर को अध्यापक पात्रता परीक्षा का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि अभी तक रिक्त पदों की संख्या तय नहीं है। 


राज्य सरकार ने 51 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा की है जबकि समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना के मुताबिक 73 हजार रिक्त पद हैं। राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही रिक्त पदों की अंतिम संख्या तय हो सकेगी। 


प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 51,112 रिक्त पदों का हलफनामा दायर किया था और सरकार ने ट्वीट कर भर्ती का भी ऐलान किया था। वहीं इसी वर्ष जून में हुई पीएबी की बैठक में परिषदीय स्कूलों में 73711 पद रिक्त होने की जानकारी केन्द्र सरकार को दी गई है। 


अगले हफ्ते हो सकता है ऐलान
कमेटी अगले हफ्ते रिपोर्ट सौंप सकती है और इसके बाद ही रिक्त पदों की संख्या तय करके नई शिक्षक भर्ती का ऐलान होगा। इसकी प्रक्रिया सरकार दिसम्बर में शुरू कर सकती है। भले ही शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन या फिर इसका रिजल्ट नई सरकार आने के बाद घोषित हो क्योंकि इस बीच चुनावी अधिसूचना जारी होने की संभावना है। 


2018 में भी तेजी से कराई गई थी भर्ती
लोकसभा चुनाव से पहले वर्ष 2018 में 68500 शिक्षक भर्ती के नियुक्ति पत्र सितम्बर में बांटे गए थे। उसी मंच से मुख्यमंत्री ने रिकार्ड समय में 69 हजार शिक्षक भर्ती कराने की घोषणा कर दी थी। इसके लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा नवम्बर के पहले हफ्ते में करवाई गई। वहीं 22 दिसम्बर से शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन लेकर 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा करा दी गई थी जबकि इससे पहले एक परीक्षा कराने में न्यूनतम तीन महीने का समय लग रहा था लेकिन राज्य सरकार ने अपना वायदा निभाते हुए शिक्षक भर्ती को तेजी से करवाया।

हाईकोर्ट : प्रबंध समिति की ओर से नियुक्त अध्यापकों को भर्ती में वरीयता देने से इनकार, याचिका खारिज

हाईकोर्ट : प्रबंध समिति की ओर से नियुक्त अध्यापकों को भर्ती में वरीयता देने से इनकार, याचिका खारिज



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रबंध समिति द्वारा खाली पद पर नियुक्त अध्यापक को बोर्ड की नियमित भर्ती में वरीयता देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि इंटरमीडिएट एक्ट में प्रबंध समिति को केवल शिक्षा सत्र के लिए नियुक्ति का अधिकार है। वह पिछली रिक्तियों पर नियुक्ति नहीं कर सकता, जो बोर्ड को अधिसूचित की जा चुकी है।


 यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने आशुतोष कुमार मिश्र व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रतिवाद किया।


याची का कहना था कि वह 2018 से कार्यरत है। वेतन नहीं दिया गया तो याचिका दायर की। कोर्ट ने डीआईओएस बलिया को निर्णय लेने का निर्देश दिया। पालन नहीं किया तो अवमानना याचिका पर भी निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। इसी बीच बोर्ड ने भर्ती निकाली। 


याचीगण ने भी आवेदन दिया है। याचिका दायर कर इस भर्ती में अध्यापन अनुभव के आधार पर वरीयता देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने वरीयता देने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। संवाद

यूपी बोर्ड: जानिए क्या है हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए फार्म भरने की आखिरी तारीख

यूपी बोर्ड: जानिए क्या है हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए फार्म भरने की आखिरी तारीख

10वीं व 12वीं के छात्रों को मिला एक और मौका, अब इस तारीख तक भर सकते हैं अपना आवेदन फार्म


यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ 19 अक्टूबर तक फॉर्म स्वीकार होंगे। वहीं कक्षा 9 व 11 में प्रवेश के अग्रिम पंजीकरण की तारीख 16 अक्टूबर तक बढ़ाई गई है। कोरोना के कारण फीस जमा न हो पाने के कारण एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी बोर्ड ने अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की थी।



इससे पहले 10वीं-12वीं के परीक्षा फॉर्म व 9-11 के अग्रिम पंजीकरण की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर थी। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि कक्षा 10 व 12 के छात्र-छात्राओं से मिले परीक्षा शुल्क को कोषागार में चालान के माध्यम से जमा करने की अंतिम तिथि 22 सितंबर से बढ़ाकर 6 अक्टूबर किया गया है।विलंब शुल्क के साथ फीस कोषागार में 13 अक्टूबर तक जमा होगी। प्रधानाचार्य छात्रों की चेकलिस्ट 20 से 23 अक्टूबर तक प्राप्त कर उनकी जांच करेंगे। 24 से 30 अक्टूबर तक संशोधन का मौका मिलेगा। पंजीकृत अभ्यर्थियों की फोटोयुक्त नामावली व कोषपत्र की प्रति क्षेत्रीय कार्यालयों को 9 नवंबर तक भेजे जाएंगी।

यूपी बोर्ड : दसवीं और बारहवीं में अब छह अक्तूबर तक होगा छात्रों का दाखिला, पंजीकरण और परीक्षा के आवेदन की तिथि बढ़ी

छात्रों के ब्योरे और जमा परीक्षा शुल्क की सूचना ऑनलाइन माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने की तिथि 16 अक्तूबर की मध्य रात्रि तक है। इसके बाद विलंब शुल्क के साथ परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 13 अक्तूबर तक निर्धारित की गई है।

यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ व 11 के छात्रों के पंजीकरण और कक्षा 10 व 12 के छात्रों के बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। नई समय सारिणी के तहत कक्षा 10 और 12 में अब स्कूल 6 अक्तूबर तक दाखिला ले सकते हैं। वहीं बोर्ड परीक्षा के आवेदन के लिए परीक्षा शुल्क कोषागार में जमा करने की अंतिम तिथि भी 6 अक्तूबर निर्धारित कर दी गई है।

वहीं छात्रों के ब्योरे और जमा परीक्षा शुल्क की सूचना ऑनलाइन माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने की तिथि 16 अक्तूबर की मध्य रात्रि तक है। इसके बाद प्रति छात्र 100 रुपये की दर से विलंब शुल्क के साथ परीक्षा शुल्क  कोषागार में जमा करने की अंतिम तिथि 13 अक्तूबर तक निर्धारित की गई है। विलंब शुल्क वाले छात्रों का विवरण 19 अक्तूबर मध्य रात्रि तक ऑनलाइ जमा करना होगा। वहीं कक्षा नौ व 11 के छात्रों का पंजीकरण शुल्क कोषागार में जमा करने और वेबसाइट पर ऑनलाइन ब्योरा अपलोड करने की अंतिम तिथि 16 अक्तूबर की मध्य रात्रि तक है।

तीन स्तर पर होंगे हस्ताक्षर
अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य साहब लाल मिश्रा ने बताया कि नई समय सारिणी के तहत ही दाखिला लेने और आवेदन करने के निर्देश हैं। अब काफी संख्या में छात्र पंजीकरण व बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन करने हेतु स्कूल में पहुंच रहे हैं। छात्रों के ब्योरे सही हों इसके लिए उनके विवरण को अभिभावक, कक्षाध्यापक और प्रधानाचार्य से हस्ताक्षरित कर अपलोड करना होगा। ताकि नाम, विषय आदि में किसी प्रकार की त्रुटि न हो।



इंटर-हाईस्कूल फार्म 16 अक्तूबर तक भरेंगे

प्रयागराज  : हाईकूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 16 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है। 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ 19 अक्तूबर तक फॉर्म स्वीकार होंगे। वहीं कक्षा 9 और 11 में प्रवेश के अग्रिम पंजीकरण की तारीख 16 अक्तूबर तक बढ़ाई गई है। कोरोना के कारण फीस जमा न हो पाने से एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने बोर्ड से अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की थी।

इससे पहले 10वीं-12वीं के परीक्षा फॉर्म व 9-11 के अग्रिम पंजीकरण की अंतिम तिथि 6 अक्तूबर थी। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि कक्षा 10 व 12 के छात्र-छात्राओं से मिले परीक्षा शुल्क को कोषागार में चालान के माध्यम से जमा करने की अंतिम तिथि 22 सितंबर से बढ़ाकर 6 अक्तूबर की गई है।

विलंब शुल्क के साथ फीस कोषागार में 13 अक्तूबर तक जमा होगी। प्रधानाचार्य छात्रों की चेकलिस्ट 20 से 23 अक्तूबर तक प्राप्त कर उनकी जांच करेंगे।