अब 15 दिन मिलेगा बच्चों को खाना
रामपुर निज संवाददातानए साल से कुछ बेहतरी की उम्मीद लगाए बैठे मासूमों के पेट को झटका लगा है। अब उन्हें महीने में 15 दिन ही खाना मिल सकेगा। शासन ने बाल विकास विभाग की हॉट कुक्ड योजना का बजट आधा कर दिया है, जबकि जनपद में कुपोषण से जंग चल रही है। जिले में 70 हजार कुपोषित और अति कुपोषित बच्चे हैं। मंहगाई बढ़ती जा रही है। लोगों की जरुरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में विभाग और योजनाओं का बजट भी बढ़ रहा है, लेकिन बाल विकास विभाग के साथ नए साल में उल्टा हुआ है। छोटे बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा देने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र चलाए जा रहे हैं, जहां तीन से छह साल तक के बच्चों का पंजीकरण है। जनपद में 2700 केन्द्र हैं, जिन पर 2.5 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें अधिकतर गरीब परिवारों के बच्चे हैं, जो कुपोषण का भी शिकार हैं। शासन ने कुपोषण दूर करने के लिए राज्य पोषण मिशन शुरू किया है। इसके तहत कराए गए सर्वे में जो तस्वीर उभर कर आई, वह हैरान करने करने वाली है। कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की संख्या 70 हजार है। बच्चों को तीन श्रेणी में रखा गया। सामान्य श्रेणी में पूरी तरह स्वसथ्य बच्चे शामिल किए गए, जबकि पीली श्रेणी में आंशिक रूप से कुपोषित बच्चों को शामिल किया गया और लाल श्रेणी में अति कुपोषित बच्चे रखे गए। इनकी सेहत सुधारने के लिए हर गांव को अफसरों ने गोद लिया है। एक ओर हर माह बच्चों की देखभाल पर जोर दिया गया है, जबकि दूसरी ओर विभाग के बजट में कटौती कर दी गई है। बच्चों को केन्द्रों पर हल्का-फुल्का भेजन मिलता रहे, इसके लिए हॉट कुक्ड योजना चलाई जा रही है। बच्चों के खाने को पैसा दिया जाता है, जिसका एक माह का बजट 83 लाख है। लेकिन, जैसे-जैसे कुपोषण के खिलाफ जंग जोर पकड़ रही है, वैसे-वैसे ही हॉट कुक्ड योजना कमजोर होती जा रही है। इस बार शासन ने सिर्फ 15 दिन के खाने का ही पैसा दिया है। इसलिए एक जनवरी से 15 जनवरी तक ही बच्चों को खाना मिल सकेगा, जिसके बाद वह मुंह ताकने को मजबूर होंगे। इस तरह कुपोषण से जंग जीतना मुश्किल है। विभाग ने 15 दिन के खाने का 41.5 लाख रुपये जारी किए हैं।
शासन से जो बजट मिला था, उसे जारी कर दिया गया है। बजट कम करने और बढ़ाने का शासन का पॉलिसी मैटर है। विभाग को अधिकतर बजट इस योजना में केन्द्र सरकार से प्राप्त होता है। राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी
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