लखनऊ। शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2015 के लिए परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को जिले के अफसरों ने गंभीरता से नहीं लिया है। यही वजह है कि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण नहीं हो सका। जबकि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने केंद्र निर्धारण की समय सीमा 30 दिसंबर तय की थी।दरअसल, टीईटी-2015 का आयोजन इस बार दो फरवरी को किया जाएगा। इस बार टीईटी में कुल 12,32,492 ऑनलाइन आवेदन आए हैं। इनमें प्राथमिक स्तर की टीईटी परीक्षा के लिए 3,50,729 तथा उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8,81763 आवेदन शामिल हैं।
 लखनऊ में प्राथमिक स्तर की टीईटी में 8176 तथा जूनियर स्तर के लिए 28013 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया था कि टीईटी-2015 जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कराई जाएगी। इस समिति में एसएसपी सदस्य, डायट प्राचार्य सदस्य, जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य। सचिव तथा बीएसए सदस्य नामित किए गए हैं। परीक्षा संचालन की पूरी जिम्मेदारी इस कमेटी की होगी। समिति को 30 दिसंबर तक परीक्षा केंद्रों का निर्धारण करते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को भेजा जाना था। लेकिन राजधानी में अब तक टीईटी परीक्षा केंद्रों का निर्धारण नहीं हो सका है।
अच्छी छवि के विद्यालय बनाए जाने हैं परीक्षा केंद्र: सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के मुताबिक परीक्षा केलिए जनपद मुख्यालय पर स्थिति अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त तथा अच्छी ख्याति केमाध्यमिक विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जा सकेगा। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण यथा संभाव शहरी क्षेत्र में कराया जाएगा, जिससे सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की सके। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि परीक्षा के लिए ऐसे इंटर या डिग्री कॉलेज को केंद्र बनाया जाएगा जो अच्छी छवि के हैं साथ ही जिनमें पर्याप्त संस्थागत सुविधाएं जैसे बड़े हवादार कक्षा कक्ष, पर्याप्प्त फर्नीचर, पंखे, पीने का पानी तथा शौचालय आदि की व्यवस्था उपलब्ध हों। प्रत्येक परीक्षा केंद्र के लिए न्यूनतम 500 अभ्यर्थी आवंटित किए जाएंगे।
मुझे कल ही टीईटी परीक्षा केंद्रों के संबंध में संयुक्त शिक्षा निदेशक का पत्र मिला है। जल्द ही केंद्र निर्धारित कर दिए जाएंगे।उमेश कुमार त्रिपाठी, डीआईओएस लखनऊ
 
 
 
 
 
 
 
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