बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर बनाएं अपनी पहचान
बीएसए ने मिहींपुरवा, नवाबगंज, बलहा में किया शैक्षिक उन्नयन सम्मेलन
अमर उजाला ब्यूरो
बहराइच। बुनियादी शिक्षा में सुधार को बीएसए ने अभिनव प्रयोग करते हुए गुरुवार को पहली बार जिले के मिहींपुरवा, नवाबगंज और बलहा विकास खंड में शिक्षकाें के साथ सम्मेलन कर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। स्कूलों में छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। छात्रों की कम हो रही संख्या पर चिंता भी जतायी। बीएसए ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर शिक्षक समाज में अपनी अलग पहचान बना सकते हैं।
स्कूलों में गिर रही शिक्षा की गुणवत्ता के मद्देनजर बीएसए ने ब्लॉकवार शिक्षक सम्मेलन की शुरुआत की है। गुरुवार सुबह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह मिहींपुरवा पहुंचे। मिहींपुरवा संवाददाता ने बताया कि गल्लामंडी परिसर में आयोजित शिक्षक सम्मेलन व गोष्ठी में बीएसए ने कहा कि स्कूलों में छात्रों की शत प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। इसके लिए शिक्षकों को पहल कर अभिभावकों को सचेत करना होगा। बाबागंज संवाददाता के अनुसार ब्लॉक संसाधन केंद्र बाबागंज परिसर में शिक्षक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बीएसए डॉ. सिंह ने कहा कि इन दिनों अध्यापकों की शैक्षिक आहर्ता को लेकर एक-दूसरे में ईर्ष्या भाव देखने को मिल रहा है। यह उचित नहीं है। जो भी योग्यता है, उसके अनुरूप सभी शिक्षण करें। शिक्षक अपने दायित्वों को समझें। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल छात्रों की संख्या में 10 हजार की कमी आई है। कॉन्वेंट स्कूलों की दौड़ में हम तभी शामिल हो पाएंगे। जब छात्र संख्या भरपूर हों और उन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले। इस मौके पर बीईओ आशीष कुमार सिंह, संकुल प्रभारी कैलाश वर्मा, कौशल किशोर वर्मा, बनारस गिरि, करुण कृष्ण श्रीवास्तव, पाटनदीन आदि मौजूद रहे। उधर, बलहा में ब्लॉक संसाधन केंद्र पर भी शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी से अवगत कराते हुए बीएसए ने पठन-पाठन व्यवस्था चौकस करने के टिप्स सुझाए।
बाढ़ में सहायता करने वाले शिक्षकों का सम्मान
मिहींपुरवा में सम्मेलन के दौरान बीएसए ने बीते साल आई बाढ़ में जिन शिक्षकों ने सराहनीय कार्य किया था उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। अन्य शिक्षकों को प्रेरणा लेने की बात कही। बीएसए द्वारा सम्मानित होने वालों में शिक्षक व एबीआरसी सुनील कुमार, विजय भास्कर, सुनील चौधरी, सत्यभामा देवी, मिथलेश कुमार, सरवन सिंह, मामून रशीद, हबीबुल्लाह, बलवंत सिंह, गीता देवी, कनीज फातिमा शामिल रहे।
...सोने की कलाई में, पत्थर के कड़े हैं
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