📌 शिक्षामित्र से बना था सहायक अध्यापक, बुधवार को मिला था वेतन, कमरे में मिले 23 हजार रुपये, चार किलो मिठाई
शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने उमेश चंद्र भारतीय (50) की बृहस्पतिवार को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। सुबह बच्चे शिक्षक के कमरे पर ट्यूशन पढ़ने पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। बच्चों ने यह बात पड़ोसियों को बताई तो गांव के प्रधान और लालापुर पुलिस पहुंची। पुलिस से खबर पाकर परिवार के लोग भी पहुंचे, फिर दरवाजा तोड़ा गया। कमरे में बिस्तर पर शिक्षक का शव पड़ा था। उनकी नाक से खून निकला था। पुलिस को कमरे से 23 हजार रुपये और चार किलो मिठाई रखी मिली। यह शिक्षक ने वेतन मिलने की खुशी में बच्चों को बांटने के लिए खरीदी थी।
फूलपुर में प्रतापपुर के पवरी बरिस्ता कला गांव निवासी उमेश चंद्र भारतीय शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने थे। सात महीने पहले उनकी नियुक्ति लालापुर के नगरवार गांव में हुई थी। वह गांव के ही भगौती प्रसाद के यहां किराए पर कमरा लेकर रहते थे। बुधवार को उमेश को वेतन मिला था। वह वेतन मिलने से काफी खुश थे।बृहस्पतिवार सुबह बच्चे उमेश से ट्यूटशन पढ़ने पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। बच्चों ने काफी आवाज दी, लेकिन दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोस में रहने वाले लोगों को बताया। सूचना पाकर ग्राम प्रधान और लालापुर पुलिस पहुंची। दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर चारपाई पर शिक्षक का शव पड़ा था।
उमेश पांच भाइयों में चौथे नंबर के थे। पति के मौत की खबर सुनकर पत्नी रीना और बच्चों दिव्या और अतुल रोने बिलखने लगे। पोस्टमार्टम में हार्टअटैक से मौत की बात सामने आने पर विसरा प्रिजर्व कर लिया गया है। शिक्षक के भाई अशोक चंद्र ने बताया कि उनके भाई हार्ट पेशेंट थे। ग्राम प्रधान नगरवार नेजानकारी एबीएसए सुमन केशरवानी को फोन पर दी, लेकिन किसी शिक्षाधिकारी के न पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश है।
वहीं शिक्षक के मौत की खबर सुनकर लालापुर थाने के एसआई शैलेंद्र पांडेय बाइक से रवाना हुए तो रास्ते में सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए।
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