इलाहाबाद । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पदावनत किए गए अधिकारियों, वरिष्ठ शिक्षकों को राज्य स्तरीय विभागों में मनमाने तरीके से समायोजित कर दिया गया है। इन अधिकारियों एवं शिक्षकों की शिक्षा निदेशालय, यूपी बोर्ड, राज्य शिक्षा संस्थान, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, मनोविज्ञानशाला, डायट सहित अन्य राज्य स्तरीय कार्यालयों में तैनाती से सवाल उठने लगे हैं।
यूपी बोर्ड परीक्षा शुरू होने से एक महीने पहले पदावनत करके राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या शशिबाला चौधरी को राज्य शिक्षा संस्थान में इतिहास के रिसर्च प्रोफेसर के पद पर समायोजन प्रदेश सरकार की ओर से किया गया है, जबकि संस्थान में इस विषय के रिसर्च प्रोफेसर पहले से ही तैनात हैं। इसी प्रकार मनोविज्ञानशाला में बिना मानक के कई एलटी ग्रेड शिक्षकों को नियुक्त कर दिया गया है। इन शिक्षकों में एलटी ग्रेड अंग्रेजी सहित अन्य विषयों के शिक्षक शामिल हैं। एलटी ग्रेड अंग्रेजी के शिक्षक को मनोविज्ञानशाला में तैनात करने पर अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाता है।
सूत्रों की माने तो मनोविज्ञानशाला में प्रवक्ता से कम वेतनमान के किसी शिक्षक की तैनाती नहीं हो सकती, जबकि यहां पर पांच एलटी ग्रेड महिला शिक्षिकाओं को दूर ट्रांसफर से बचाने के लिए तैनात कर दिया गया है। डायट सहित शिक्षा निदेशालय में भी इसी प्रकार की तैनाती हुई है।
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