पदोन्नति को लेकर टालमटोल से खफा जिले भर के दर्जनों प्राथमिक शिक्षक बुधवार की देर रात बीएसए कार्यालय पर अनशन पर बैठ गए। उन्होंने बीएसए पर मनमाना और जानबूझकर वार्ता नहीं करने का आरोप लगाया है। साथ ही चेतावनी दिया है कि जबतक पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती, आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलनरत शिक्षकों ने बताया कि वे पदोन्नति को लेकर सोमवार को ही अनशन पर बैठे थे। देर शाम मौके पर पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट ने उनकी समस्याएं सुनी थीं। बीएसए से वार्ता के बाद उन्होंने दो दिन में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था। दूसरे दिन बुधवार को जब शिक्षक बीएसए से मिलना चाहे तो वह बहाना बनाकर नहीं मिले। यही नहीं मोबाइल पर भी उन्होंने शिक्षकों से वार्ता नहीं की। ऐसे में देर शाम वे सिटी मजिस्ट्रेट के यहां पहुंचे। सिटी मजिस्ट्रेट ने भी बीएसए से वार्ता कर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने की पहल की, लेकिन बीएसए ने कोई सार्थक आश्वासन नहीं दिया। ऐसे में थकहार कर शिक्षकों को देर रात अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ा है। अनशन पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि बीएसए ने रिक्त पदों की गणना कराकर पदोन्नति के लिए आश्वासन दिया था। लेकिन, अबतक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। आस-पास के सभी जिलों में 2010 बैच के शिक्षकों को छह माह पहले ही पदोन्नति मिल गया है। बीएसए और दफ्तर के लिपिकों की मनमानी से शिक्षकों का वाजिब हक भी मारा जा रहा है। अनिल यादव, राजेश सुमन, जितेंद्र कुमार, सुरेंद्र सिंह, मनीष, ज्ञानेंद्र ओझा, अजय कुमार सिंह और नीरज आदि शिक्षक अनशन पर बैठे थे।
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