शिक्षा विभाग के अजब कारनामों की गजब कहानी खुलकर सामने आने लगी है। पाली ब्लाक के विद्यालय में बीआरसी के एक जिम्मेदार के मौखिक आदेश पर महिला ने सात माह पूर्व बतौर विज्ञान शिक्षक कार्यभार ग्रहण किया। मामले की पोल तब खुली जब खंड शिक्षा अधिकारी ने दो अप्रैल को निरीक्षण किया। उधर मामले की जांच की तैयारी चल ही रही थी कि शिक्षिका ने डाक से प्रधानाचार्य को त्याग पत्र भेज दिया। पाली ब्लाक में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरकार के बनाए नियमों से नहीं बल्कि जिम्मेदारों की सुविधा के अनुसार संचालित किए जाते हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय नचनी में कार्यरत रही शिक्षिका व एबीआरसी के एक जिम्मेदार की मिलीभगत की कलई भी खुल गयी है। महानगर की रहने वाली शगुफ्ता नामक शिक्षिका सितंबर 2015 में पूर्व मा.विद्यालय नचनी में बतौर विज्ञान अध्यापक कार्यभार ग्रहण किया था, यह तैनाती मौखिक आदेश के तहत हुई। पांच दिन तक विद्यालय आने के बाद बिना बताए गायब हो गईं। जब कार्रवाई का डर दिखा तो उन्होंने मेडिकल भेज दिया। अभी मेडिकल अवकाश पर चल रही थीं कि बीते दो अप्रैल को खंड शिक्षा अधिकारी जांच के लिए पहुंच गए। उन्होंने रजिस्टर पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी। एबीआरसी के जिम्मेदारों को इसकी भनक लगी तो शिक्षिका की एक रजिस्ट्री हेड मास्टर के पास 12 अप्रैल को पहुंची, जिसमें त्याग पत्र था। हेडमास्टर ने बीआरसी को 22 अप्रैल को यह पत्र रिसीव करा दिया। एबीएसए हरि गोविंद सिंह का कहना है कि हेड मास्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है और एबीआरसी के खिलाफ भी जांच कराई जाएगी।
No comments:
Write comments