एक ओर स्वच्छता मिशन को लेकर बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर परिषदीय विद्यालयों के शौचालय बदहाल हैं। हालत यह है कि पंचायत राज विभाग के सफाई कर्मी इन शौचालयों की सफाई का कार्य ही नहीं करते। ऐसे में बदहाल शौचालय उपयोग में भी नहीं लाये जा रहे हैं। हालात से निपटने के लिए पंचायत राज विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है। सफाई कर्मियों से परिषदीय विद्यालयों के शौचालयों की सफाई कराने की जिम्मेदारी अब ग्राम प्रधानों की होगी।प्रशासनिक व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण में स्कूलों के शौचालयों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने के मामले मिल रहे हैं। उपयोग में न रहने के कारण शौचालयों के आसपास कूड़ा-करकट के ढेर लग रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि निरीक्षण में पाया गया है कि अधिकांश स्कूलों में सफाई कर्मचारी जाते ही नहीं हैं। इसके चलते शौचालयों में गंदगी पड़ी रहती है। बच्चे इनका उपयोग भी नहीं कर पाते। इससे बच्चों के पूरे समय विद्यालय में ठहराव में भी समस्या आती है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीपीआरओ से विद्यालयों में नियमित रूप से सफाई के लिए कारगर व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा। जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश चंद्र ने बताया कि सभी विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारी पंचायत को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गए हैं। ग्राम प्रधानों से भी कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र के विद्यालयों में सफाई कर्मचारी से स्कूल व वहां के शौचालय की सफाई प्राथमिकता से कराएं।
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