सरकारी धनराशि का सदुपयोग न करना दो शिक्षकों को भारी पड़ गया है। दोनों निर्माण प्रभारी शिक्षकों से विद्यालयों में निर्माण कार्य के लिए भेजी गई धनराशि वसूली जाएगी। हालांकि बीएसए ने उन्हें एक महीने का समय दिया है। विकास खंड कोथावां के अंतर्गत वर्ष 2011-12 में स्वीकृत प्राथमिक विद्यालय बरगदिया का निर्माण इसी विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय भैनगांव में तैनात सहायक अध्यापक ब्रजेश दुबे ने कराया था। बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बताया कि गड़बड़ी की शिकायतों पर अवर अभियंता मनोज श्रीवास्तव से जांच कराई गई तो पता चला कि प्राथमिक विद्यालय बरगदिया में शौचालय के लिए 24 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन निर्माण प्रभारी ने शौचालय निर्माण नहीं कराया। विद्यालय में वायरिंग भी नहीं कराई गई। अवर अभियंता ने अपनी रिपोर्ट में दर्शाया कि निर्माण प्रभारी द्वारा बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए एक लाख 40 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन निर्माण प्रभारी ने बाउंड्रीवाल नहीं बनवायी और न खाते से धनराशि आहरित की। ऐसी दशा में प्राथमिक विद्यालय रामपुर के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार ने निर्माण कराया लेकिन महज 35 मीटर बाउंड्रीवाल का निर्माण कराने के बाद कार्य बंद हो गया। अवर अभियंता ने उक्त बाउंड्रीवाल को गिरा पुन: नई बाउंड्री बनाने की संस्तुति की है। निर्माण प्रभारी राकेश कुमार से धनराशि खाते में जमा करने को कहा गया। बीएसए ने बताया अवर अभियंता ने प्राथमिक विद्यालय बरगदिया के निर्माण प्रभारी ब्रजेश दुबे और सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय रमापुर विकास क्षेत्र भरखनी ब्रजेश सिंह ने पांच वर्ष के बाद भी निर्माण कार्य नहीं कराया। दोनों शिक्षकों से दो लाख 95 हजार रुपये की वसूली अथवा एक माह में निर्माण पूरा कराने तथा बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए शिक्षक राकेश को 15 दिन का समय देते हुए निर्देशित किया है कि बाउंड्रीवाल को तुड़वा कर एक लाख 40 हजार विद्यालय खाते में जमा करें। बीएसए ने चेतावनी दी है कि निर्धारित अवधि में दिए गए निर्देशों का अनुपालन किए जाने की दशा में गबन का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
No comments:
Write comments