बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 19 आवेदकों की नियुक्ति सत्यापन के फेर में फंस गई है। नियुक्ति के पूर्व ही कराए गए सत्यापन में कुछ खामी मिली है। जिस पर बीएसए ने इन सभी 19 आवेदकों के नियुक्ति पत्रों पर रोक लगा दी है। गड़बड़ी के संबंध में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से विवरण मांगा जा रहा है।पूर्व में हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में खेल हुआ था। फर्जी अभिलेखों पर भी नौकरी पा ली गई और सत्यापन में पोल खुल गई। 72825 व बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी आदि में 19 फर्जी अभ्यर्थी पाए गए थे और उन सभी के विरुद्ध कार्रवाई हुई। इसको ध्यान में रखते हुए चल रही बीटीसी नियुक्ति प्रक्रिया में नौकरी के पूर्व ही सत्यापन कराया जा रहा है। प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में जिले में 300 पद हैं और इन सभी आवेदकों में 242 बीटीसी प्रमाण पत्र सहित कुछ अन्य अभिलेखों का सत्यापन मांगा गया था। इनमें अन्य का तो सत्यापन आ गया लेकिन 19 के सत्यापन में गड़बड़ी बता दी गई। किसी के पिता का पूरा नाम सही नहीं मिला तो किसी के सर नेम और अन्य खामियां मिली हैं। इन सभी के अभिलेखों को संदेह के दायरे में आ जाने पर बीएसए ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है और सचिव ने सत्यापन के संबंध में फिर से आख्या मांगी जा रही है। बीएसए ने बताया कि सचिव को भेजे गए पत्र में गड़बड़ी वाले आवेदकों का पूरा ब्योरा मांगा गया है। सही जानकारी नहीं मिलती है तो इनके नियुक्ति पत्र रोकने के साथ ही रिपोर्ट तक दर्ज हो सकती है वहीं केवल लिपिकीय त्रुटि होने पर उसे सुधार कर नियुक्ति दे दी जाएगी। बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बताया जिन आवेदकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध हैं उनका पुन: सत्यापन कराया जाएगा। उसके उपरांत ही नियुक्ति पत्रों का वितरण किया जाएगा
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