जुलाई माह शुरू होने के साथ ही जिले में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालन का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में करीब सौ विद्यालय बिना मान्यता के ही संचालित हैं। इन स्कूलों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की योग्यताधारी शिक्षक बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। गैर मान्यता वाले इन स्कूलों का संचालन विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है। जिले के नहरबालागंज, बिजलीपुर, विशुनीपुर, हरिहरगंज , जुआथान, श्रीदत्तगंज, तुलसीपुर, महराजगंज तराई, कौवापुर, पचपेड़वा, गैंसड़ी, गौरा चौराहा, शिवपुरा व सादुल्लानगर सहित अन्य क्षेत्रों में धड़ल्ले से ऐसे स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश विद्यालय टीन शेड, छप्पर अथवा पेड़ के नीचे संचालित हो रहे हैं। कुछ स्कूलों के संचालक मदरसे की मान्यता लेकर यूपी व सीबीएसइ बोर्ड की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण वह हर अभियान में कार्रवाई से बच जाते हैं। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर विभाग द्वारा संचालक को नोटिस जारी कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है। गत वर्ष तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह ने बिजलीपुर स्थित एचडीएम पब्लिक स्कूल, खरदौरी स्थित इंदर प्रसाद मेमोरियल पब्लिक स्कूल, जुंगली गुरचाही रेलवे क्रासिंग के निकट स्थित डीवी शिक्षा निकेतन व श्रीदत्तगंज में स्थित एक विद्यालय सहित छह स्कूलों को बिना मान्यता के संचालित पाया था। बीएसए ने इन स्कूलों को बंद किए जाने का आदेश भी जारी किया था, लेकिन बाद में उनकी जांच फाइलों में गुल हो गई। इनमें से अधिकांश विद्यालय इस समय भी बिना मान्यता अथवा मान्यता के लिए बीएसए कार्यालय में फाइल जमा कर धड़ल्ले से संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे विद्यालय शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। साथ ही अभिभावकों से फीस के नाम पर मोटी रकम भी वसूल रहे हैं एक शिक्षक और 48 बच्चे विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की तैनाती में की जाने वाली मनमानी व शिक्षा के प्रति अध्यापकों की लापरवाही जिले के परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करती जा रही है। मंगलवार को दोपहर सवा बारह बजे नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अचलापुर में प्रधानाध्यापक राजेश कुमार श्रीवास्तव अकेले ही 48 बच्चों को पढ़ाते मिले। इस विद्यालय में कुल 128 बच्चे नामांकित हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा स्कूल में महज एक शिक्षक ही तैनात किया गया है। दोपहर साढ़े 12 बजे जिला मुख्यालय से प्राथमिक विद्यालय धुसाह द्वितीय में पहुंचने पर स्कूल में नामांकित 101 बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक उपस्थित 18 बच्चों को पढ़ा रहे थे। नियमों की कर शिक्षकों की तैनाती से भी परिषदीय स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।प्राथमिक विद्यालय अचलापुर में एक ही कक्ष में बैठाकर बच्चों को पढ़ाता शिक्षक तथा बिजलीपुर में संचालित एचडीएम पब्लिक स्कूलविभागीय अधिकारियों की माने तो पिछले शैक्षिक सत्र में खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट पर शिवम विद्या मंदिर बलरामपुर, गणपति जूनियर हाईस्कूल सहित कुल चार गैर मान्यता वाले स्कूलों को बंद कराया जा चुका है, लेकिन चालू शैक्षिक सत्र में अबतक विभाग द्वारा इस क्षेत्र में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारियों से मिले निर्देश के अनुसार जिले के विभिन्न ब्लॉकों में बिना मान्यता के संचालित स्कूलों पर कार्रवाई करने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया जाएगा। निर्देश जारी होने के बाद भी यदि खंड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र में बिना मान्यता के संचालित स्कूलों में कार्रवाई नहीं करते हैं तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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