आरटीई के तहत लिए जाने वाले दाखिले को एक बार फिर मना कर दिया गया। इस बार मामले में नया यह है कि बच्चे को एक माह पढ़ाने के बाद विद्यालय प्रबंधन ने दाखिला लिए जाने से इन्कार किया है। विद्यालय प्रबंधन के तानाशाही रवैये से आहत बच्चे के माता पिता ने मामले की शिकायत बीएसए से की है।शनिवार पुराना महानगर निवासी जान मोहम्मद ने बताया कि 2 अगस्त को शिक्षा के अधिकार के तहत उसके बेटे मो. शान का दाखिला डॉ. वीरेंद्र स्वरूप स्कूल में हुआ था, लेकिन एक माह बीतने के बाद अचानक स्कूल प्रशासन ने बच्चे को सीएमएस में स्थानांतरित किए जाने की बात कहते हुए आगे से बच्चे को स्कूल न भेजने की बात कही गई। स्कूल प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना हरकत से आहत पिता ने मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी की। जान मोहम्मद का कहना है कि वह बड़ी मुश्किल से गुजर बसर कर परिवार का पालन कर रहे हैं। ऐसे में नए सिरे से किताबें खरीद कर बच्चे को पढ़ाना उनके बस की बात नहीं। पीड़ित पिता ने बीएसए से बच्चे का दाखिला स्कूल में बनाए रखने की मांग की है।1उधर, स्कूल की प्रधानाचार्य मीनू श्रीवास्तव का कहना है उन्होंने नियमों को ध्यान में रखते हुए बच्चे का दाखिला ले लिया था, लेकिन स्कूल प्रबंधन का फैसला है कि किसी भी दशा में आरटीई के तहत दाखिले न लिए जाएं। प्रबंधन की ओर से दाखिला न लिए जाने के आदेश के बाद यह निर्णय लिया गया। इस संबंध में बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।
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