लखनऊ (डीएनएन)। मानक के अंतर्गत आने वाले जूनियर हाईस्कूलों को अनुदान सूची
पर लिए जाने की मांग को लेकर भूखहड़ताल पर बैठे कई शिक्षकों की तबियत
शनिवार को बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया
गया।उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अवधेश कुमार
सिंह के मुताबिक सपा ने वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र
में वादा किया था कि सरकार बनने पर मानक के अंतर्गत आने वाले जूनियर
हाईस्कूलों को अनुदानित किया जाएगा। साथ ही 2006 में अनुदानित विद्यालयों
के शिक्षक-कर्मचारियों (जिनकी नियुक्ति अप्रैल 2005 के पूर्व हुई है) पर
पुरानी पेंशन लागू करने का भी आश्वासन दिया था। लेकिन सरकार के चार साल से
ज्यादा का कार्यकाल बीत जाने के बाद अभी तक इन मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं
की गई है। उन्होंने बताया कि इन्हीं मांगों को लेकर 30 जून 2012, 30 मई
2013 तथा इसी वर्ष बीते 19 फरवरी एवं छह मई को बेसिक शिक्षा मंत्री से
वार्ता भी हुई। जिस पर सहमति बन गई थी। विभाग ने भी अपनी आख्या शासन को भेज
दी। बावजूद इसके अब तक न तो जूनियर हाईस्कूलों को अनुदान सूची पर लिया गया
और न ही शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया गया।21 सितंबर से शुरू हुई
भूख हड़तालप्रांतीय अध्यक्ष ने बताया कि मांगों को लेकर कोई कार्रवाई न होते
देख संघ के नेतृत्व में शिक्षकों ने लक्ष्मण मेला मैदान में अनिश्चितकालीन
भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान शनिवार को भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षक पवन
कुमार, मो. अकरम, श्रीपाल, कैलाश नाथ व चंद्र प्रकाश की तबियत बिगड़ गई,
जिसके बाद इन सभी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि
जब तक मांगों का निस्तारण नहीं होगा, भूखहड़ताल जारी रहेगी। इसके समर्थन में
महेंद्र कुमार बाजपेई, अंकुर चौधरी, प्रदीप, निर्दोष, रामपाल यादव आदि
मौजूद हैं।
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