जेल में मां के साथ अनचाही कैद काट रहे बच्चों की तालीम पर अब तलवार लटक गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों के दाखिले में नियम कानून की बंदिशें लगा दी है। शिक्षा विभाग ने सर्व शिक्षा अभियान के नियमों का हवाला देते उनके दाखिले से इन्कार कर दिया। जिला जेल अधीक्षक दधि राम मौर्य ने बीएसए को पत्र भेजकर जेल में रह रहे पांच बच्चों के प्रवेश लेने के लिए कहा था। सभी बच्चों की मां आपराधिक कृत्य में जिला जेल में निरुद्ध हैं। इसके बाद लगभग तय माना जा रहा था कि जेल प्रबंधन की तरफ से उठे अच्छे कदम से जेल के बच्चों को नई दिशा मिलेगी।
बच्चे शिक्षित होंगे। मगर ऐसा नहीं हो सका। बेसिक शिक्षा विभाग ने जवाब में कहा है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत नि:शुल्क शिक्षा के लिए छह साल से 14 वर्ष तक के बच्चों के प्रवेश लिए जाते हैं। छह साल से कम के बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, इसलिए इन बच्चों के प्रवेश नहीं हो सकते हैं।जेल में अपनी मां के साथ रहने वाले पांच बच्चों के एडमिशन के लिए पत्र भेजा गया था, लेकिन जवाब में कहा गया है कि छह साल से कम के बच्चों के एडमिशन नहीं होंगे। - दधि राम मौर्य, जेल अधीक्षक
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