बोर्ड के मूल रिकार्ड बदलने के पीछे सरकारी नौकरी और लाखों रुपए का लालच है। जिन दोषी 22 छात्रों के रिकार्ड बदले गए उन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर राजकीय विद्यालयों की 6645 एलटी ग्रेड भर्ती में नौकरी पा ली थी। अब स्कूल और बोर्ड के बाबुओं से सांठगांठ कर रिकार्ड बदलवाने में लगे थे ताकि भविष्य में कभी सत्यापन हो तो कोई समस्या न हो। सूत्रों के अनुसार एक-एक छात्र के रिकार्ड बदलने के लिए 10 से 15 लाख रुपए तक लिए गए। इस लिहाज से करोड़ों रुपए का खेल हुआ है। चूंकि एलटी ग्रेड भर्ती 10वीं, 12वीं, स्नातक व प्रशिक्षण (बीएड आदि) में प्राप्त अंकों के आधार पर की गई इसलिए मूल रिकार्ड बदलकर नंबर बढ़ाए गए ताकि टीचरी मिल सके।
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