परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई से ज्यादा खाना, दूध व फलों पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे बच्चे विद्यालयों की तरफ आकर्षित होंगे लेकिन हालत यह है कि सरकारी विद्यालयों से बच्चों का मोह भंग हो रहा है। हाउस होल्ड सर्वे के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। कारण जो भी हो लेकिन सरकारी विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम हो रही है तो निजी में बढ़ती जा रही है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि अभी हाउस होल्ड सर्वे को अंतिम रूप दिया जाना है और जांच हो रही है।
सरकार बेसिक शिक्षा पर काफी ध्यान दे रही है। परिषदीय स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों का प्रवेश कराने को लेकर न जाने कितने कार्यक्रम चलाए जाते हैं। वैसे विद्यालयों में नामांकन बढ़ा है और स्कूल जाने वाले बालक बालिकाओं की संख्या भी बढ़ी लेकिन परिषदीय विद्यालयों की तरफ बच्चों का रुझान बढ़ाने की कोशिश सफल नहीं होती नजर आ रही है। हाउस होल्ड सर्वे में देखा जाए तो जिले में 23 हजार 26 बच्चों की संख्या कम हो गई वहीं सभी विद्यालयों से भी 22 हजार 883 बच्चे कम हुए हैं और सबसे ज्यादा तो परिषदीय विद्यालयों से ही बच्चे कम हुए। हाउस होल्ड सर्वे के आंकड़ों को देंखे तो गत शैक्षिक सत्र में शासकीय विद्यालयों में पांच लाख 15 हजार 253 बच्चे पढ़ाई करते थे। इसी तरह सहायता प्राप्त विद्यालयों में 39 हजार 521, मान्यता प्राप्त स्कूलों में दो लाख 27 हजार 702, मान्यता प्राप्त मदरसों में 19 हजार 45, गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पांच हजार 194, गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में नौ हजार 333 बच्चे पढ़ाई करते थे। अब शैक्षिक सत्र 2016-17 के हाउस होल्ड सर्वे के आंकड़ों को देंखे तो शासकीय विद्यालयों में चार लाख 82 हजार 226 बच्चे हो गए हैं। यानी कि गत वर्ष की तुलना में 33 हजार से अधिक बच्चे कम हो गए। इसी तरह सहायता प्राप्त विद्यालयों में 31 हजार 584 बच्चे रह गए। जोकि गत वर्ष की अपेक्षा करीब सात हजार 937 कम हैं। अब दूसरी तरफ देखा जाए तो मान्यता प्राप्त विद्यालयों में दो लाख 38 हजार 975 हो गए। यानी गत वर्ष की तुलना में 11 हजार 273 बढ़ गए। इसी तरह मान्यता प्राप्त मदरसों में 20 हजार 968 बच्चे हो गए, जोकि गत वर्ष की अपेक्षा एक हजार 923 अधिक हैं। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में इस वर्ष पांच हजार 706 बच्चे हैं जोकि गत वर्ष से करीब 512 अधिक हैं। गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में इस वर्ष के सर्वे में 13 हजार 706 बच्चे बताए जा रहे हैं जोकि गत वर्ष से करीब चार हजार 373 अधिक हैं। इस हिसाब से अब हाउस होल्ड सर्वे की मानें तो परिषदीय स्कूलों के साथ ही सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम हो रही है। इन सभी विद्यालयों में ही मिड-डे मील, ड्रेस, दूध और फल मिलता है लेकिन बच्चों की संख्या कम होना चिंता का विषय बन रही है। वैसे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी का कहना है कि बच्चों की संख्या कम होने और बढ़ने के कई और कारण हो सकते हैं। अभी सर्वे का परीक्षण ही चल रहा है और जब तक सर्वे को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता तब तक कोई बात नहीं कही जा सकती है।
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