लाख प्रयास के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल नहीं बन पा रहा। कहीं शिक्षक नहीं पहुंच रहे, तो कहीं छात्रों का टोटा है। कहीं ड्रेस की गुणवत्ता पर सवाल है, तो कहीं गंदगी की भरमार। बीएसए के नेतृत्व में छह ब्लाक के 26 विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान विद्यालयों में अनियमितता पाई गई।
जंगल कौड़िया स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक तो एक दिन पहले ही रजिस्टर पर हस्ताक्षर बना चुके थे। प्राथमिक विद्यालय के छात्रों में तो ड्रेस भी नहीं बंटा है। कैंपियरगंज स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय भगवानपुर में छात्र अपनी किताब ही नहीं पढ़ पा रहे थे। गैरहाजिरी और अव्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव ने 39 अध्यापक का वेतन रोक दिया दिया है, जिसमें 19 अध्यापक का वेतन अगले आदेश तक रोका गया है। 19 का एक दिन का वेतन काटा गया है। एक अध्यापक का दो दिन का वेतन रोका गया है। इसके अलावा छह शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निरीक्षण अभियान में खंड शिक्षा अधिकारी जनार्दन यादव, ब्रrाचारी शर्मा, अरुण सिंह, मुसाफिर पटेल, सुरेंद्र सिंह, महेंद्र नाथ त्रिपाठी, प्रभावती, निधि और अनीता तिवारी के अलावा सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक विवेक जायसवाल की टीम ने अहम भूमिका निभाई।
बीएसए रोक रहे वेतन, विभाग कर रहा जारी : परिषदीय विद्यालयों में कार्रवाई हो रही हैं, लेकिन वह भी खानापूरी बनकर रह गई हैं। एक तरफ बीएसए गैरहाजिर शिक्षकों का वेतन रोक रहे हैं तो दूसरी तरफ विभाग जारी कर दे रहा है। बीएसए ने अक्टूबर में 13 शिक्षकों का वेतन अगले आदेश तक रोका था, लेकिन उनके आदेश को ताक पर रखते हुए लेखा विभाग ने वेतन जारी कर दिया है। बीएसए के अनुसार अगर ऐसा हुआ है तो जांच कराई जाएगी। सूत्रों का कहना है शिक्षक विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से कार्रवाई को ही दबा देते हैं। मौके पर कार्रवाई तो होती है, लेकिन विभाग में वह ठंडे बस्ते में चली जाती है। खोराबार स्थित विद्यालय की एक महिला शिक्षक को गैरहाजिर होने के बाद भी वेतन जारी किया गया है। शिक्षक की शिकायत प्रधानाध्यापक ने बीएसए से की थी।
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