नोटबंदी का असर प्राइमरी स्कूलों में बंटने वाले मिड डे मील पर भी पड़ा है। शिक्षक पैसे की तंगहाली के कारण अब मिड डे मील बांटने की हालत में नहीं है। यह समस्या बुधवार को सुर्खियों में आई तो बीएसए ने डीएम को फाइल भेज दी। उन्होंने फाइल को हरी झंडी दिखाई और पांच करोड़ रुपये भी स्वीकृत कर दिए। पैसे न मिलने से अब दुकानदारों ने राशन उधार देने से मना कर दिया है। दूसरी समस्या यह है कि बैंक 4500 की करंसी ही बदल रहा है। इससे बच्चों को मिड डे मील सही से नहीं मिल पा रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री हरीश बाबू शर्मा के नेतृत्व में बुधवार बीएसए से मिले और एमडीएम और फल वितरण की दिक्कतों की जानकारी दी। कहा कि अब तो दुकानदारों ने भी उधार देने से इनकार कर दिया है। कुछ शिक्षक अपनी जेब से मिड डे मील बांट रहे थे पर नोटबंदी से अब उनके ही भोजन पर संकट आ गया है। बीएसए ने बताया कि विभाग ने रसोइया मानदेय, कॉन्वर्जन कॉस्ट और फल वितरण के बजट की फाइल जिला प्रशासन को भेज दी गई है। जैसे ही फाइल पास होगी पैसा स्कूल समिति के खाते में ट्रांसफर करा दिया जाएगा। उधर, शाम को ही डीएम पंकज यादव ने फाइल पास कर दी। प्रशासन ने पांच करोड़ का बजट भी जारी कर दिया।
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