पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलनरत शिक्षकों ने अब आर-पार की लड़ाई की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में रविवार को स्थानीय बीआरसी में पेंशन विहीन शिक्षकों की एक बैठक हुई। जिसमें 13 नवंबर को लखनऊ में पुरानी पेंशन बहाली के लिए आवाज बुलंद करने की बात कही गई। अटेवा ब्लॉक संयोजक कौशल प्रजापति की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांग जायज है। 2005 के बाद अचानक से पेंशन को बंद कर दिया गया, जिसे शिक्षक हित में पुन: बहाल करना जरूरी है। सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के साथ आकर सरकार को यह दिखाना होगा कि हम अपनी मांग को पूरा कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमित त्रिवेदी ने कहा कि बिना पेंशन सरकारी और प्राइवेट नौकरी में फ र्क ही नहीं बचा। हम साठ वषोंर् तक जिस विभाग के लिए पूरी मेहनत से काम करें वही विभाग हमारे बुढ़ापे में हमें ठोकरें खानें के लिए अर्थहीन कर दें यह हमारे बुढ़ापे के साथ भद्दा मजाक है और कुछ नहीं। बैठक में प्रमुख रूप से धीरेन्द्र प्रधान, मोरध्वज, इन्द्रपाल, अवनीश राठी, विपिन गुप्ता, धीरज, रोहित कुमार, दिलीप कुमार, गौरव साहनी, मोहित कुमार, अनिल मौर्य, सतीश नागर आदि उपस्थित रहे।
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