स्थानीय ब्लाक संसाधन केंद्र परिसर में शुक्रवार को परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति ब़ढ़ाने के लिए शिक्षा प्रबंध समिति के सचिव व अध्यक्षों की बैठक हुई। इसमें आह्वान किया गया कि विद्यालय के अध्यापक व प्रबंध समिति बच्चों को स्कूल लाने में अपना सहयोग करें ताकि विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ायी जा सके। इस दौरान जिला समन्वयक संतोष कुमार ने कहा कि प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों की लगातार कम हो रही संख्या चिंता का विषय है। बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए विद्यालय के शिक्षकों व प्रबंध समिति जिम्मेदार है। ऐसे में शिक्षकों व समिति का यह दायित्व बनता है कि वे छात्रों की संख्या बढ़ाने में ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करें। ताकि सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाया जा सके। प्रबंध समिति गांव में लोगों को जागरूक करें कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के प्रति संवेदनशील बनें। समाजसेवी गीता शुक्ला ने कहा कि बच्चे ही देश के भविष्य हैं। इनके संरक्षण से ही देश व समाज का विकास संभव है। आमतौर पर देखा जाता है कि गांव के गरीब तबके के लोग बच्चों को स्कूल भेजने के प्रति जागरूक नहीं होते। जबकि सरकार द्वारा बच्चों को नि:शुल्क पुस्तक, ड्रेस के साथ भोजन आदि की सुविधा प्रदान की जा रही है। बावजूद इसके इस ओर उदासीनता बनी हुई है। कार्यक्रम में करनौल, सिंगरौल, कलानी, शहाबगंज, भूसी आदि गांवों के सचिवों ने भाग लिया। इस अवसर पर परशुराम सिंह, धर्मेंद्र मौर्य, अवधेश, बनवारी, शीला देवी सहित कई शिक्षक व संभ्रात नागरिक उपस्थित थे।
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