नियुक्ति के लिए भटक रहे चयनित शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की ओर से ज्वाइनिंग शुरू करा देने से ऐसे अन्य शिक्षकों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। 2009 और 2010 में चयनित ऐसे शिक्षकों की बड़ी संख्या है जिन्हें प्रबंधतंत्र ने अपने विद्यालयों में रखने से इन्कार कर दिया है। ऐसे शिक्षक चयन बोर्ड के सामने धरना-प्रदर्शन के साथ ही शासन का भी चक्कर काट चुके हैं।
दरअसल 2009 व 2010 में बड़ी संख्या में टीजीटी-पीजीटी शिक्षक चयनित हुए थे। उनमें से लगभग सात सौ को आवंटित विद्यालयों से पद खाली नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया गया। वहां पहले से ही कोई इन पदों पर अध्यापन कर रहा था। ऐसे शिक्षक चयन बोर्ड व संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें तैनाती नहीं मिल सकी। हाईकोर्ट की ओर से भी विज्ञापन के सापेक्ष ही उन्हें समायोजित करने का आदेश मिला लेकिन उस पर अमल नहीं हो सका। चयन बोर्ड ने अपनी ओर से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा भी था लेकिन वह ठंडे बस्ते में ही रहा। अब इस दिशा में बोर्ड के गंभीर होने के बाद ऐसे शिक्षकों को भी नियुक्ति मिलने के आसार नजर आने लगा है।
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