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Sunday, December 11, 2016

खुद का मूल्यांकन करेंगे शिक्षक, मानव संसाधन मंत्रालय ने शुरू की शाला सिद्धि योजना, आनलाइन दर्ज होगा विवरण, हर स्कूल की होगी आईडी

परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शाला सिद्धि योजना शुरू की जा रही है। इसके लिए शिक्षकों को 15 फरवरी तक स्वमूल्यांकन कर वेबसाइट पर आनलाइन डाटा फीड कराना होगा। माना जा रहा है कि इससे विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिक्षा में सुधार होगा।

मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ओर से शाला सिद्धि कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। देश के सभी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का कार्य किया जाएगा। इसके तहत गतिविधियों के आयोजन, अनुश्रवण, मूल्यांकन, अनुसमर्थन तथा भावी योजनाओं को विकास के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। इसके लिए वार्षिक कार्य योजना बजट प्रस्तावित किया गया है। विद्यालय का मूल्यांकन दो स्तर से किया जाएगा। प्रथम स्तर पर स्वमूल्यांकन होगा, जो विद्यालय के शिक्षक करेंगे। इसमें निर्धारित प्रारूप पर सूचनाएं भरी जाएंगी, जिसका विद्यालय में प्रमाण भी रखा जाएगा।

इन सूचनाओं को आनलाइन वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जिसके लिए प्रत्येक विद्यालय की एक आईडी और पासवर्ड बनाया जाएगा, ताकि उसी पर विद्यालय का विवरण फीड किया जा सके और कोई बाहरी हस्तक्षेप न कर सके। विद्यालयों का मूल्यांकन संस्था के रूप में होगा। जिसमें सभी गतिविधियों को शामिल करते हुए उसकी ग्रे¨डग की जाएगी, जिस विद्यालय का मूल्यांकन किया जाएगा उसको विद्यालय के डैस बोर्ड पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।

यह है उद्देश्य : स्वमूल्यांकन का उद्देश्य विद्यालय का स्वयं के प्रति सजगता का विकास करना, विद्यालय में संपादित किए जाने वाले कार्यों की पहचान करना और उनको रिकार्ड के रूप में रखना, विद्यालय सुधार हेतु विद्यालय के मजबूत पक्षों व सुधार के अवसरों की पहचान कराना, विद्यालय में संचालित विभिन्न गतिविधियों के सुधार के लिए परीक्षण करना और विद्यालय विकास योजना के साथ समन्वय स्थापित करना, विद्यालय के प्रधानाध्यापक शाला सिद्धि कार्यक्रम के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे।

इस आधार पर होगा मूल्यांकन : विद्यालय से जुड़े सदस्य, अभिभावकों, अध्यापकों, संबंधित स्टाफ, बच्चों के संबंधित विचारों का रिकार्ड रखना, स्कूलों का नियमित निरीक्षण, कक्षा कक्ष की प्रक्रियाओं का अवलोकन, दस्तावेजों की समीक्षा शामिल हैं।

इस प्रकार होगा योजना पर व्यय : प्रत्येक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में दो-दो प्रपत्र प्रति 20 रुपये की दर से छपवाए जाएंगे। इसके लिए डैस बोर्ड का आकार और मानक निर्धारित किए गए हैं।

बीआरसी पर फीड किया जाएगा विवरण : सिद्धि शाला का कार्यक्रम के तहत वेब पोर्टल पर आनलाइन डाटा ब्लाक संसाधन केंद्र पर फीड किया जाएगा। जिसको ब्लाक संसाधन केंद्र पर तैनात कंप्यूटर आपरेटर फीड करेगा। इसके लिए विकास खंड के विद्यालयों को क्रमवार बुलाया जाएगा और वहीं पर उनका विवरण फीड कराया जाएगा।

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