परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति में सुधार के लिए लगभग एक वर्ष पहले हेल्प लाइन जारी की गई थी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा इस क्रम में आम जन और शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए दो तरह के मोबाइल नंबर दिए गए थे, जिससे आने वाली शिकायतों का एक दिन में ही समाधान हो सके। यह हेल्पलाइन महज सात-आठ माह ही प्रभावी रही और अब यह व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन, व्यवस्था संचालन और शिक्षकों को लेकर आए दिन मिल रही शिकायतों को दूर करने के लिए विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। तत्कालीन बीएसए महेंद्र प्रताप सिंह ने इसके लिए हेल्प लाइन जारी करने का निर्णय लिया गया था। इसमें शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए सूचनाओं और शिक्षकों की समस्याओं को लेकर अलग-अलग हेल्पलाइन बनाई गई थी। इसके माध्यम से आम जन व अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा शिकायत अथवा समस्या दर्ज कराने की सुविधा थी। हेल्प लाइन नंबरों में आम जन के लिए 05547226261 तथा शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए 879584719 नंबर दिए गए, जिस पर शिकायत व सूचना दिए जाने थे। खंड शिक्षा अधिकारी सेमरियावां डा. नरेंद्र सिंह तथा पौली के खंड शिक्षाधिकारी डा. ऋषिकेश सिंह को नोडल अधिकारी बनाकर इसका प्रभावी रुप से क्रियान्वयन करने का जिम्मा सौंपा गया था। हेल्प लाइन पर मध्याह्न भोजन, छात्र और शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यालय खुलने-बंद होने, पेयजल, शौचालय, धन उगाही आदि से संबंधित सूचनाएं दर्ज कराया जा सकता था। शिकायत करने वाले का नाम गोपनीय रखने की भी व्यवस्था थी। शिक्षकों द्वारा अपने वेतन और बकाए से संबधित सूचना दर्ज करवाने के बाद उन्हें एक निश्चित समय पर संबंधित समस्या के समाधान के लिए बुलाने का प्रावधान होने से सभी को राहत मिलने लगी थी। इससे कार्यालय में अनावश्यक रूप से जमा होने वाली भीड़ कम होने के साथ ही कामकाज में पारदर्शिता भी बढ़ने लगी थी। महज सात आठ माह तक हेल्पलाइन पर मिलने वाली शिकायतों पर गंभीरता से कार्यवाही हुई। बीएसए महेन्द्र प्रताप सिंह का तबादला होने के साथ ही हेल्पलाइन बेदम हो गई। तब से अब तक न तो इस पर कोई सुनवाई होती और न ही कार्य में पारदर्शिता रह गई है।ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था सुधार के लिए विभाग पूरी तरह से सक्रिय होकर कार्य कर रहा है। जल्द ही हेल्प लाइन को सक्रिय करके इसपर मिलने वाली शिकायतों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।गजराज यादव, बीएसए
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