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Saturday, March 18, 2017

केंद्रीय विद्यालयों में कर्मियों के अलावा अब सिर्फ गरीब बच्चों को ही दाखिला, सांसद भी पांच लाख आय वाले परिवार की ही कर सकेंगे सिफारिश, ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया में मिले साढ़े छह लाख आवेदन

⚫ केंद्रीय विद्यालयों में कर्मियों के अलावा अब सिर्फ गरीब बच्चों को ही दाखिला

⚫ सांसद भी पांच लाख आय वाले परिवार की ही कर सकेंगे सिफारिश

⚫ ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया में मिले साढ़े छह लाख आवेदन



नई दिल्ली : देशभर के एक हजार से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में केंद्रीय कर्मियों के बच्चों के अलावा अब सिर्फ गरीब बच्चों को ही दाखिला मिल पाएगा। सांसदों को कह दिया गया है कि वे सिर्फ उन्हीं परिवारों के बच्चों के लिए सिफारिश भेजें, जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये से कम हो। अब तक सांसद कोटा में आमदनी को लेकर कोई शर्त नहीं थी।




केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सांसदों को भेजे पत्र में कहा है, ‘आपसे अनुरोध किया जाता है कि आप सिर्फ उन्हीं छात्रों के नाम भेजें, जिनके अभिभावकों की सालाना आय पांच लाख रुपये से कम है। हमें समाज के निचले आय वर्ग के लोगों का ध्यान रखना है।’ इसी तरह सांसदों को दाखिले की सिफारिशें अप्रैल के पहले सप्ताह तक ही जमा करवा देने को कहा गया है ताकि अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र में छात्र आरंभ से ही भाग ले सकें। हालांकि, सांसदों द्वारा दिए गए कूपन जमा करने की अंतिम तारीख अब भी 30 जून रहेगी।




दैनिक जागरण’ ने 27 दिसंबर को प्रकाशित खबर में बता दिया था कि सांसदों के लिए बनाई गई विशेष छूट प्रवेश योजना में संशोधन किया जाएगा। इसे पूरी तरह उनकी मर्जी पर छोड़ने के बजाय अब यह तय कर दिया जाएगा कि वे सिर्फ गरीब बच्चों के लिए ही सिफारिश कर सकेंगे। सांसदों से यह अनुरोध भी किया गया है कि वे एक ही स्कूल और एक ही क्लास के लिए ज्यादा सिफारिशें करने से बचें, ताकि उस क्लास में छात्रों की संख्या ज्यादा न हो जाए। इसके बदले वे अपनी सिफारिशें अलग-अलग केंद्रीय विद्यालयों के लिए भेजें। सांसद कोटा के तहत होने वाले दाखिले के लिए क्लास में अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाती हैं। देशभर में एक हजार से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में 12 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अभी सांसदों को अपने क्षेत्र के 10 बच्चों के दाखिले की सिफारिश करने का विशेषाधिकार है।




इस वर्ष से केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत 15 मार्च तक देशभर से पहली कक्षा में 6.47 लाख आवेदन मिले हैं। इन आवेदनों में सबसे अधिक दिल्ली के हैं। राष्ट्रीय राजधानी के केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए 1.23 लाख आवेदन मिले हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश है, जहां से 70,533 आवेदन मिले हैं। बिहार से लगभग 20 हजार, चंडीगढ़ से तीन हजार, हरियाणा से 14 हजार, झारखंड से छह हजार, उत्तराखंड से सात हजार और पश्चिम बंगाल से 32 हजार आवेदन मिले हैं।

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