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Monday, March 13, 2017

अफसरों की लारवाही से राजधानी में छात्र-शिक्षक अटेंडेंस मॉडल पर ग्रहण, कन्नौज में हुई थी ऑनलाइन अटेंडेंस की शुरुआत

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति से लेकर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शुरू होने वाला ‘कन्नौज मॉडल’ राजधानी में अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। स्थिति यह है कि सात महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। जबकि शासन के निर्देश के बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेंद्र सिंह राणा ने बीएसए को बीते वर्ष 19 अगस्त को पत्र लिखा था।दरअसल, कन्नौज के जिलाधिकारी ने परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने एवं शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए क्वालिटी मॉनिटिरिंग सेल गठित की थी। ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ा यह प्रयोग 100 प्रतिशत सफल होने के बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों के परिषदीय विद्यालयों में भी शुरू कराने के निर्देश दिए गए थे। राजधानी में भी इसकी शुरुआत होनी थी। लेकिन अब तक क्वालिटी मॉनिटिरिंग सेल नहीं गठित की गई।क्वालिटी मॉनीटिरिंग सेल में ऐसी होनी थी व्यवस्थाइस सेल के गठन के लिए सबसे पहले बीएसए कार्यालय में बेसिक फोन की सुविधा होनी थी। इनमें चार से छह कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी थी। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस सेल की शुरुआत के दो से तीन महीने में अध्यापकों द्वारा उपस्थिति मैसेज कैसे भेजा जाए, उस बारे में उन्हें प्रशिक्षण देकर बताए जाने की व्यवस्था का प्रावधान किया गया। एक समय निर्धारित किया जाए कि विद्यालय खुलने के 20 मिनट के अंदर सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति मैसेज के जरिए संबंधित सेल के नंबर पर भेजी जानी थी। इसके तुरंत बाद ही वहां मौजूद शिक्षकों को फोन कर सभी से बातचीत का भी प्रावधान किया गया। लेकिन योजना आज तक शुरू ही नहीं हो सकी।उपस्थिति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की थी तैयारी: कन्नौज मॉडल के तहत यहां शुरू की जाने वाली छात्र-शिक्षकों की उपस्थिति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की तैयारी थी। जिसमें यह व्यवस्था की गई थी कि मॉनीटिरिंग सेल के माध्यम से विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक को फोन करके उसके पढ़ाए जाने वाले विषय से संबंधित प्रश्न छात्रों से पूछे जाएं, जिससे यह पता चले कि छात्र कितना सीख पा रहे। विद्यालयों में छात्र उपस्थिति व शिक्षण स्तर को देखते हुए ग्रेडिंग सिस्टम भी शुरू करने केनिर्देश दिए गए थे। पर अमल कुछ नहीं हुआ।

"कन्नौज मॉडल की तर्ज पर लखनऊ मंडल में भी क्वालिटी मॉनिटिरिंग सेल गठित होनी थी। इसके निर्देश मैंने 19 अक्टूबर 20176 को बीएसए को जारी कर दिए थे। कई जगह तो यह सेल काम कर रही है, लेकिन राजधानी में क्यों नहीं शुरू हुई, इसकी जानकारी नहीं है।"
- महेंद्र सिंह राणा, एडी बेसिक लखनऊ

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