ग्रांट की कमी के चलते नहीं मिला वेतन: बीएसए : चुनाव को लेकर पूरा तंत्र लगा था। ग्रांट की कमी के चलते शिक्षकों-शिक्षिकाओं को समय से वेतन नहीं मिल पाया है। अभी कुछ और देर हो सकती है क्योंकि अभी ग्रांट उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इनको कुछ और इंतजार वेतन के लिए करना पड़ सकता है। ग्रांट आते ही प्राथमिकता के आधार पर इनके खाते में वेतन भेजे जाएंगे।
वेतन न मिलने के कारण जिले के लगभग आठ हजार शिक्षक-शिक्षिकाओं की होली पूरी तरह से फीकी रह गई। वे वेतन का इंतजार करते रह गए तो चुनाव में ग्रांट के अभाव में उनके खाते में पैसा नहीं आया। अब भी कोई उम्मीद नहीं कि वेतन उनको मिल ही जाएगा क्योंकि ग्रांट की दरकार अभी भी बनी हुई है, ऐसे में इनको और इंतजार करना पड़ेगा। बताते चलें कि जिले के 2200 विद्यालयों में लगभग आठ हजार शिक्षक-शिक्षिका कार्यरत हैं। इसमें लगभग तीन हजार शिक्षिकाएं और पांच हजार शिक्षक शामिल हैं। सभी को इस बात की आस थी कि हम चुनाव ड्यूटी में लगे हैं तो हमारी होली फीकी नहीं होगी। खाते में हर बार की तरह सात तारीख से पहले वेतन आ जाएगा और घर-परिवार होली की मिठास से सराबोर होगा। वे आस लगाए रहे, लेकिन वेतन नहीं आया। सरकार ने इसके लिए ग्रांट की कमी बताया तो विभाग ने यह बता पूरी तरह से हाथ खड़ा कर दिया। सवाल यह भी है कि जब ग्रांट ही नहीं है तो विभाग करेगा भी क्या। वहीं दूसरी ओर शिक्षक-शिक्षिका यह सवाल भी कर रहे हैं कि हमारी होली की चिंता सरकार को क्यों नहीं। हमने चुनाव ड्यूटी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वेतन तक नहीं मिला। कुछ ने तो नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वेतन न मिलने से पूरे परिवार के होली की फीकी रह गई है। हम घर तक नहीं गए। खाली हाथ घर जाकर क्या करते। और देर हुई तो बात घर के चूल्हे तक पर आ जाएगी। विभाग व सरकार को इस पर संवेदनशीलता से विचार करना होगा।
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