इलाहाबाद : यूपी बोर्ड उर्दू विषय के इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को 2018 की परीक्षा पुराने पैटर्न से ही देनी होगी। उनसे कक्षा 11 व 12 दोनों के पाठ्यक्रम से सवाल पूछे जाएंगे। इसकी वजह यह है कि यूपी बोर्ड उर्दू विषय की किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं करा सका है। अब परीक्षा होने में पांच माह बचे हैं, ऐसे में पुराने पैटर्न से परीक्षा कराने के अलावा यूपी बोर्ड के पास दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट में कक्षा 11 व 12 का पाठ्यक्रम अलग-अलग किया था और उसे 2017 के पाठ्यक्रम में लागू किया जा चुका है। इसमें निर्देश दिया गया था कि परीक्षार्थियों से कक्षा 11 व 12 की परीक्षा में अलग-अलग पाठ्यक्रम के अनुसार सवाल पूछे जाएंगे। इंटर की परीक्षा में कक्षा 11 के सवाल नहीं आएंगे। इस आदेश का खूब प्रचार-प्रसार हुआ और उसी के अनुरूप स्कूलों में पढ़ाई भी चल रही थी। मौजूदा सत्र में पहले पुस्तकों के प्रकाशन को लेकर संकट खड़ा हुआ, जब प्रकाशकों ने नई दरों पर किताबें छापने से मना कर दिया। बाद में शासन की पहल पर प्रकाशक मानें और जैसे-तैसे किताबें बाजार में मुहैया हुई। इसमें से उर्दू विषय की कक्षा 11 व 12 की किताबें छपकर बाजार में नहीं पहुंच पाई हैं और बोर्ड परीक्षा काफी करीब आ गई है।
ऐसे में बोर्ड ने उर्दू विषय की परीक्षा पुराने पैटर्न से कराने का एलान किया है। बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है इसमें कहा गया है कि 30 मार्च 2017 को इंटरमीडिएट कक्षा 11 व 12 के लिए उर्दू विषय के प्रथम व द्वितीय प्रश्नपत्र के लिए प्रकाशित पाठ्यक्रम के अनुसार निर्धारित पुस्तकें बाजार में अपरिहार्य कारणों से नहीं आ सकी हैं। इसलिए बदले पाठ्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। अब वर्ष 2018 की इंटर उर्दू की परीक्षा कक्षा 11 व 12 परीक्षा वर्ष 2017 के पाठ्यक्रम के अनुरूप आयोजित की जाएगी।
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