फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूल बाउंड्री के लिए अलग से बजट न होने के कारण अब यह काम ग्राम पंचायतों से लिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा तैयार बाउंड्री विहीन 633 स्कूलों की सूची को सोमवार को डीएम कुमार प्रशांत ने अनुमोदित करते हुए निर्माण का काम ग्राम पंचायतों द्वारा कराए जाने का आदेश सीडीओ को दिया। 1पिछले एक दशक में नए परिषदीय स्कूलों का बड़ी संख्या में निर्माण हुआ है। लेकिन स्कूल भवन के निर्माण के साथ बाउंड्रीवाल का पैसा न होने के कारण केवल स्कूल भवन ही बनाया जा सका है। नतीजा यह है कि स्कूलों के मैदान में ग्रामीण न सिर्फ जानवर बांधते है बल्कि स्कूल बंद होने पर यहां अनेक तरह के अराजक एकत्रित होकर नशेबाजी करते हैं।
बताते है कि कई गांवों में तो स्कूल परिसर का उपयोग गांव की बैठकों, शादी समारोह, मुंडन-छेदन के लिए किया जाता है। ऐसे कार्यक्रम होने के कारण स्कूलों में गंदगी फैल जाती है। जिसे स्कूल में पठन पाठन के लिए आने वाले बच्चे साफ करते हैं। बता दें कि सरकार ने हाल ही में राज्य वित्त व 14 राज्य वित्त की धनराशि को खर्च करने की गाइड लाइन जारी की है। जिसमें इस धनराशि को स्कूलों के लिए बाउंड्री वाल के खर्च करने का अनुमन्यता भी प्रदान की गयी है।
परिषदीय स्कूलों की बाउंड्री राज्य वित्त एवं 14 वां वित्त से बनायी जा सकती है। मैंने बीएसए से बाउंड्री विहीन स्कूलों की सूची मंगवाई थी। उनके द्वारा 633 स्कूलों की सूची उपलब्ध करायी गयी है। सूची का अनुमोदन करते हुए सीडीओ को ऐसे स्कूलों में बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए निर्देश दिए है। - कुमार प्रशांत, डीएम
जिले भर के परिषदीय स्कूलों का सर्वे खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कराया गया है। सर्वे में 633 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल ऐसे पाए गए है। जिनमें बाउंड्रीवाल नहीं है। इन स्कूलों में बाउंड्री 14 वां वित्त एवं राज्य वित्त से बनवाई जाए। इसके लिए मैने बाउंड्री विहीन स्कूलों की सूची डीएम को सौंपा है। - शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए
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