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Wednesday, July 11, 2018

चन्दौली : नौनिहाल टाट-पट्टी पर सीख रहे ककहरा, जनप्रतिनिधियों व स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से बच्चों को टाट-पट्टी से छुटकारा दिलाने का प्रयास

जासं, चंदौली: जनपद में परिषदीय विद्यालयों की गाड़ी पटरी पर नहीं आ पा रही। नौनिहाल जहां टाट, पट्टी पर बैठ ककहरा पढ़ने को विवश हैं, वहीं शौचालय ओडीएफ की दौड़ में पिछड़ गए हैं। रही बात फस्ट एड यानि चोट लगने पर बच्चों के त्वरित उपचार की तो स्वास्थ्य विभाग यहां भी अपनी मनमानी पर उतारू है। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग आने वाले दिनों में 95 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। रही बात प्राथमिक विद्यालयों की तो जनप्रतिनिधियों व स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से बच्चों को टाट, पट्टी से छुटकारा दिलाने का प्रयास जारी है।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिले में 1448 विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इसमें पूर्व माध्यमिक विद्यालय 455 व प्राथमिक 993 हैं। प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है। पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पूर्व के वर्षों में लगभग 70 विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इसमें अधिकांश विद्यालयों के फर्नीचर देखरेख के अभाव में या तो जर्जर हो गए हैं या फिर स्टोर रूम में फेंक दिए गए हैं। शौचालयों की बात करें तो प्राथमिक हों या पूर्व माध्यमिक सभी का हाल एक जैसा है। जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़े शौचालयों में गंदगी का अंबार ऐसा कि दो मिनट खड़ा रहना भी मुश्किल है। वैसे हाल के दिनों में कई विद्यालयों में शौचालयों की स्थिति सुधरी है लेकिन ओडीएफ की दौड़ में विद्यालयों के शौचालय फंस गए हैं। ग्राम प्रधान पहले गांव को ओडीएफ कराने के बाद ही विद्यालय में शौचालय निर्माण की बात कह रहे हैं। वैसे विभाग शौचालयों की मरम्मत को गंभीर है।

मनमानी में फंसा फस्ट एड: परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को चोट लगने पर त्वरित इलाज को शासन ने फस्ट एड की व्यवस्था की है। ताकि बच्चों का प्राथमिक उपचार किया जा सके। इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है। पर विभाग की मनमानी के कारण एकाध विद्यालयों को छोड़ दें तो अधिकांश में यह व्यवस्था नहीं है। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग आने वाले दिनों में व्यवस्था को दुरूस्त करने का दावा कर रहा है।

स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद: प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था को स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद ली जा रही है। इसमें जनप्रतिनिधि भी अपनी भूमिका निभाने को आगे आ रहे हैं। शिक्षा विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में प्राथमिक विद्यालयों में भी फर्नीचर की व्यवस्था कराई जाएगी।

चकिया: परिषदीय विद्यालयों में शौचालय, फर्निचर, फस्ट एड की हालत दयनीय है। गायघाट, मुड़हुआ दक्षिणी, कुदरा समेत दर्जनों पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को बैठने के लिए टेबल, बेंच जर्जर स्थिति में पड़े हैं। वहीं तिलौरी, सोनहुल, मुसाहिबपुर, डकही, बरौझी समेत दो दर्जन प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शौचालय निष्प्रयोज्य हैं। विद्यालयों में लगी टंकियां व पाइप लाइन गायब हैं। खेल कूद के दौरान छात्रों को चोटिल होने पर फस्ट एड बाक्स कहीं नहीं हैं।

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