सभी अल्पसंख्यक युवाओं को अब मिलेगी छात्रवृत्ति
दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए खत्म की न्यूनतम 50 फीसद अंकों की बाध्यता
शोभित श्रीवास्तव, लखनऊ : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश सरकार अल्पसंख्यकों को लुभाने में जुट गई है। इसी के तहत चुनावी वर्ष में प्रदेश सरकार आवेदन करने वाले सभी अल्पसंख्यक युवाओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति देने जा रही है। इसके लिए योगी सरकार ने न्यूनतम 50 फीसद अंकों की बाध्यता भी खत्म कर दी है। यानी अब न्यूनतम अंकों से पास होने वाले युवाओं को भी छात्रवृत्ति मिल सकेगी। इसके लिए सरकार ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली में जरूरी संशोधन कर दिया है। 1दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में डे स्कॉलर व छात्रवासों में रहने वाले युवाओं के लिए अलग-अलग छात्रवृत्ति की दरें निर्धारित हैं। इसमें अलग-अलग पाठ्यक्रमों के लिए 2760 रुपये से लेकर 14400 रुपये तक की सालाना छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके लिए चार समूह पहले से निर्धारित किए गए हैं। अभी तक इसमें वहीं युवा अर्ह होते जिन्हें पिछली कक्षाओं में 50 फीसद अंक प्राप्त होते थे लेकिन, इस बार सरकार ने यह शर्त हटा दी है। यानी इस बार दो लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले अभिभावकों के पुत्र व पुत्रियों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
सरकार के इस फैसले से करीब पांच लाख से अधिक युवाओं को फायदा मिलने की उम्मीद है। सरकार ने नियमावली में संशोधन इसलिए किया है ताकि अधिक से अधिक अल्पसंख्यक युवाओं को इस योजना का लाभ दिया जा सके। यह संशोधन केवल वर्ष 2018-19 के शैक्षिक सत्र के लिए किया गया है। सरकार की तैयारी है कि लोकसभा चुनाव से पहले अधिक से अधिक अल्पसंख्यक छात्रों के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि ट्रांसफर कर दी जाए।
शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में अब ट्यूशन फीस होगी वापस : सरकार ने शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में भी बदलाव किया है। इसमें भी सरकार ने अधिक से अधिक युवाओं को शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए केवल ट्यूशन फीस वापस करने का फैसला लिया है। इस बार दो के बजाय चार श्रेणियों में पाठ्यक्रम विभाजित किए गए हैं।
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