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Wednesday, April 23, 2025

पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर सॉल्वर बैठाने में डायट प्रवक्ता निलंबित

पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर सॉल्वर बैठाने में डायट प्रवक्ता निलंबित, सचिव के आदेश पर डायट प्राचार्य ने की कार्रवाई, साल 2024 में हुई थी परीक्षा


प्रतापगढ़। डायट के पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर महिला सॉल्वर बैठाने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव के आदेश पर डायट प्रवक्ता को निलंबित कर दिया गया है। डायट प्राचार्य ने निलंबन का आदेश मंगलवार को जारी किया। साल 2024 में डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान धांधली की गई थी।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा आठ अगस्त से शुरू होकर दस अगस्त तक चली थी। डायट अतरसंड में प्रथम सेमेस्टर की प्रशिक्षु पूर्व प्राचार्य अशोक यादव की पुत्रवधू अभिलाषा को परीक्षा केंद्र केपी हिंदू इंटर कॉलेज आवंटित किया गया।

डायट में तैनात अंग्रेजी के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार के सहयोग से पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर महिला सॉल्वर को बैठाया गया। प्रयागराज से महिला सॉल्वर को बुलाकर परीक्षा कराई गई। सह परीक्षा प्रभारी के दायित्व का नर्वहन करते हुए डायट प्रवक्ता ने अभिलाषा का प्रवेश पत्र स्वयं प्राप्त किया।

इसके अलावा डायट प्रवक्ता पर प्रवेश समिति के प्रभारी पद के निर्वहन के दौरान प्रवेश शुल्क ड्राफ्ट से न लेकर विद्यार्थियों से नकद शुल्क लिया गया। शासकीय धन को व्यक्तिगत उपयोग में लेने के 18 माह बाद राजकोष में जमा किया गया।

डीएलएड प्रवेश प्रभारी के दौरान 186 प्रशिक्षुओं के सापेक्ष 157 के ही मूल अभिलेख जमा किए। आरोप सिद्ध होने के बाद तत्काल प्रभाव से परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव ने निलंबन का आदेश दे दिया। डायट प्रवक्ता को डायट रायबरेली से संबद्ध कर दिया गया है।



डीएलएड में सॉल्वर बिठाकर नकल कराने के मामले में डायट प्रवक्ता निलंबित 




Monday, March 3, 2025

फर्जी परीक्षार्थियों को सॉल्वर गैंग का सदस्य मानकर होगी कार्रवाई, आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये जुर्माने की सजा का है प्रावधान, भविष्य के दृष्टिगत नकल में पकड़े गए परीक्षार्थियों पर अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे

फर्जी परीक्षार्थियों को सॉल्वर गैंग का सदस्य मानकर होगी कार्रवाई, आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये जुर्माने की सजा का है प्रावधान

भविष्य के दृष्टिगत नकल में पकड़े गए परीक्षार्थियों पर अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे


प्रयागराज। यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में अब तक 19 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जा चुके हैं। इन पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस अधिनियम के तहत आजीवन कारावास व एक करोड़ रुपये जुर्माना, दोनों सजा का प्रावधान है।


यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं। पहले दिन हाईस्कूल व इंटर की हिंदी की परीक्षा के दौरान 14 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था। इसके बाद एक मार्च को हाईस्कूल के विषय गणित की परीक्षा में चार व इंटर के नागरिक शास्त्र की परीक्षा में एक फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ा गया। इस तरह अब तक कुल 19 फर्जी परीक्षार्थी दूसरे की जगह परीक्षा देते हुए पकड़े जा चुके हैं।


यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि पकड़े गए फर्जी परीक्षार्थी बाहरी हैं और इन्हें सॉल्वर गैंग का सदस्य मानते हुए इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें आजीवन कारावास व एक करोड़ के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।


जहां तक नकल में पकड़े गए परीक्षार्थियों की बात है तो इस अधिनियम के प्रावधान परीक्षार्थी पर लागू नहीं होंगे। अब तक नौ परीक्षार्थियों को नकल करते हुए पकड़ा गया है। ऐसे परीक्षार्थियों को उनके भविष्य के दृष्टिगत आपराधिक दायित्व से मुक्त रखा जाएगा। कार्रवाई के तौर पर ऐसे परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। परीक्षा परिणाम परीक्षा प्राधिकारी द्वारा विहित रीति से घोषित किया जाएगा।

Wednesday, February 26, 2025

नकल करते पकड़े गए विद्यार्थियों पर दर्ज नहीं होंगे आपराधिक केस लेकिन नकलचियों पर होगी कठोर कार्रवाई

नकल करते पकड़े गए विद्यार्थियों पर दर्ज नहीं होंगे आपराधिक केस लेकिन नकलचियों पर होगी कठोर कार्रवाई

मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को जारी किया पत्र

प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल करते या अनुचित साधन का उपयोग करते हुए पकड़े जाने पर छात्र-छात्राओं पर आपराधिक मुकदमे नहीं लिखे जाएंगे। ऐसे विद्यार्थियों के संबंधित प्रश्नपत्र की कॉपी का मूल्यांकन नहीं करने समेत अन्य कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश सरकार की नई परीक्षा नीति में सुनियोजित तरीके से नकल कराने वाले तथा पेपर आउट कराने समेत अन्य गतिविधियों में लिप्त नकल माफिया के खिलाफ आपराधिक मुकदमा लिखाने के साथ कठोर कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं।


यह प्रावधान बोर्ड परीक्षा में भी लागू होंगे, लेकिन विद्यार्थियों पर आपराधिक मुकदमे नहीं लिखाए जाएंगे। बोर्ड के सचिव की ओर से मंगलवार को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि 15 जुलाई 2024 को लागू उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के प्रावधान विद्यार्थियों पर लागू नहीं होंगे।

पत्र में यह भी लिखा गया है कि परीक्षार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आपराधिक दायित्व से मुक्त रखा जाएगा लेकिन कोई छात्र-छात्रा अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो संबंधित प्रश्न पत्र की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। साथ ही अन्य कार्रवाई की जाएगी।

Wednesday, February 12, 2025

फर्जी परीक्षार्थी मिले तो केंद्र व्यवस्थापक भी नपेंगे, यूपी बोर्ड के सचिव ने नकल पर रोक के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

फर्जी परीक्षार्थी मिले तो केंद्र व्यवस्थापक भी नपेंगे, यूपी बोर्ड के सचिव ने नकल पर रोक के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

जब्त की गई नकल सामग्री को साक्ष्य के रूप में करना होगा संलग्न

12 फरवरी 2025
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की 24 फरवरी से शुरू होने जा रही वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल पर रोक के लिए बोर्ड ने कमर कस ली है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि किसी भी केंद्र में फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा जाता है तो उसके साथ केंद्र व्यवस्थापक व संबंधित विद्यालय के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी पत्र में कहा है कि विगत वर्षों में ऐसे प्रकरण प्रकाश में आए हैं, जहां पंजीकृत विद्यालय/केंद्र व्यवस्थापक की लापरवाही से मूल परीक्षार्थी के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा देते हुए पकड़े जाते हैं। ऐसे परीक्षार्थियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी जाती है लेकिन संबंधित केंद्र व्यवस्थापक व पंजीकृत विद्यालय के विरुद्ध कोई उचित कार्रवाई नहीं की जाती है।

सचिव का कहना है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि इस तरह के फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल ही न होने पाएं। इसके बाद भी अगर फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा जाता है तो ऐसे मामले में उस परीक्षार्थी के साथ केंद्र व्यवस्थापक एवं पंजीकृत विद्यालय के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए।

सचिव ने यह भी कहा है कि सचल दल अधिकारी/केंद्र व्यवस्थापक नकल में जब्त सामग्री के बारे में भी स्पष्ट आख्या अंकित करें, ताकि बाद में न्यायालय में विषम स्थिति का सामना न करना पड़े।

परीक्षार्थी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा यदि अनुचित साधनों के प्रयोग या उसमें संलिप्तता, परीक्षा को प्रभावित करना या परीक्षा संबंधी कर्तव्यों की उपेक्षा करना या परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न करना पाया जाए तो उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाए। हालांकि, सचिव ने स्पष्ट किया है कि इस अधिनियम के प्रावधान परीक्षार्थी पर लागू नहीं होंगे। 

सचिव के अनुसार पूर्व में यह भी देखा गया है कि कुछ केंद्र व्यवस्थापक नकल संबंधी उत्तर पुस्तिका के साथ न तो कोई जब्त सामग्री संलग्न करते हैं और न ही उत्तर पुस्तिका पर सामग्री के संबंध में कोई आख्या अंकित करते हैं लेकिन बंडल में रखे जाने वाली ओएमआर में यूएम (अनफेयर मीस) अंकित कर देते हैं।

ऐसी स्थिति में साक्ष्य के अभाव में छात्र का परीक्षाफल नकल आरोपित परीक्षार्थियों की सूची के तहत अनावश्यक रूप से रोक दिया जाता है।

सचिव का कहना है कि ऐसे प्रकरणों पर निर्णय लिया जाना संभव नहीं हो पाता है। अगर इससे संबंधित कोई प्रकरण प्रकाश में आता है तो इसके लिए केंद्र व्यवस्थापक जिम्मेदारी होंगे और उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अनुचित साधन के समस्त प्रकरणों पर जब्त सामग्री व उसके विषय से संबंधित होने के बारे में सुस्पष्ट आख्या अंकित की जाए।



सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे संकलन केंद्र

प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का संकलन सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगा। उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन केंद्र भी 24 घंटे वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे और वहां चार सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। संकलन केंद्र से मूल्यांकन केंद्र तक दो सशस्त्र पुलिस कर्मियों की देखरेख में उत्तर पुस्तिकाएं पहुंचाई जाएंगी। संकलन केंद्रों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए जेनरेटर की व्यवस्था रहेगी और आग से बचाव के सभी इंतजाम किए जाएंगे। ब्यूरो


मुख्य सचिव ने कई विभागों को लिखा पत्र

प्रयागराज। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बेसिक शिक्षा के अपर सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित विद्यालयों के शिक्षकों की भी परीक्षा में डयूटी लगाई गई है, सो उन्हें परीक्षा से तीन दिन पहले मूल तैनाती वाले स्थान से कार्यमुक्त कर दिया जाए, ताकि वे समय से केंद्रों में रिपोर्ट कर सके। मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों व आसपास के साफ-सफाई के लिए पंचायती राज विभाग व नगर विकास विभाग को भी पत्र लिखा है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि परीक्षा के दौरान अगर किसी परीक्षार्थी की तबीयत खराब होती है तो उसके प्राथमिक उपचार की उचित व्यवस्था की जाए। वहीं, पुलिस विभाग को पत्र लिखकर परीक्षा के सफल संचालन में सहयोग के लिए कहा है। 



यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 : 17 जिले अतिसंवेदनशील घोषित,  होगी विशेष निगरानी

07 जनवरी 2025
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं के मद्देनजर प्रयागराज समेत 17 जिलों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। परीक्षा के दौरान इन जिलों के केंद्रों की विशेष निगरानी की जाएगी।

मुख्य सचिव की ओर से प्रमुख सचिव गृह (गोपन) को पत्र जारी कर अतिसंवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी एवं सतर्कता बरतने को कहा गया है। बीते वर्षों में यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल, अनियमितता व प्रश्नपत्र वायरल होने के कारणों से कराई गई पुनः परीक्षा के आधार पर 17 जनपदों को अतिसंवेदनशील चिह्नित किया गया है।

अतिसंवेदनशील जिलों में प्रयागराज के अलावा आगरा, मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, कौशाम्बी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, देवरिया व गोंडा शामिल है।

मुख्य सचिव ने नकल माफिया व असामाजिक तत्वों के खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। यूपी बोर्ड ने 24 फरवरी को हाईस्कूल की हिंदी एवं इंटरमीडिएट की हिंदी व सामान्य हिंदी, एक मार्च को हाईस्कूल की गणित व इंटर की नागरिक शास्त्र, तीन मार्च को हाईस्कूल की संस्कृत व इंटरमीडिएट की गणित व जीव विज्ञान की परीक्षा को संवेदनशील माना गया है।

इसके अलावा चार मार्च को हाईस्कूल की विज्ञान व इंटर की अर्थशास्त्र, पांच मार्च को इंटर की इतिहास, छह मार्च को भौतिक विज्ञान, सात मार्च को हाईस्कूल की अंग्रेजी, आठ मार्च को हाईस्कूल की गृह विज्ञान व इंटर की रसायन विज्ञान व समाजशास्त्र, 10 मार्च को हाईस्कूल की चित्रकला और इंटर की भूगोल, 11 मार्च को हाईस्कूल की सामाजिक विज्ञान व इंटर की संस्कृत और 12 मार्च को इंटर की अंग्रेजी की परीक्षा को संवेदनशील माना गया है।

मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इन परीक्षाओं के दौरान अतिसंवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। बोर्ड परीक्षा की संवेदनशीलता के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपनी अध्यक्षता में बैठक कर नकल विहीन परीक्षाएं शांतिपूर्ण ढंग से कराने और प्रश्नपत्रों की सुरक्षा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें।




यूपी बोर्ड : प्रैक्टिकल के अंक अपलोड करने में फंस गए परीक्षक, मोबाइल नंबर गलत या बंद होने से दिक्कत

 06 जनवरी 2025
प्रयागराज : यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा में पहली बार एप के माध्यम से अंक अपलोड करने में हो रही परेशानी को देखते हुए परीक्षकों के सही मोबाइल नंबर क्षेत्रीय कार्यालय को अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों को बोर्ड की वेबसाइट पर परीक्षकों के मोबाइल नंबर अपलोड करने थे। कई स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने त्रुटिपूर्ण मोबाइल नंबर अपलोड कर दिए। कुछ परीक्षकों के मोबाइल नंबर बदल चुके हैं।


प्रैक्टिकल के अंक अपलोड करने में समस्या होने पर जानकारी हुई। इस पर सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि त्रुटिपूर्ण अंकित करने या मोबाइल नंबर सक्रिय न होने के कारण मोबाइल एप/पोर्टल पर लॉगिन करते समय ओटीपी प्राप्त न होने के कारण लॉगिन नहीं हो पा रहा है तो संबंधित विद्यालय से पुष्टि कर क्षेत्रीय कार्यालय को परीक्षक का सही मोबाइल नंबर अतिशीघ्र उपलब्ध करा दिया जाए, ताकि संबंधित परीक्षक का मोबाइल नंबर संशोधित किया जा सके।


सभी डीआईओएस से गलत एवं सही मोबाइल नंबर का विवरण भी मांगा गया है। पहले चरण की प्रयोगात्मक परीक्षाएं प्रयागराज समेत आठ मंडलों में आठ फरवरी तक आयोजित की जाएगी, जिसके लिए 9977 परीक्षक लगाए गए हैं। वहीं, नौ से 16 फरवरी तक दूसरे चरण की प्रयोगात्मक परीक्षाओं के लिए 9504 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

Wednesday, February 14, 2024

नकल विरोधी कानून पर राष्ट्रपति की मुहर, कानून के तहत अपराध संज्ञेय व गैर-जमानती

नकल विरोधी कानून पर राष्ट्रपति की मुहर, कानून के तहत अपराध संज्ञेय व गैर-जमानती


नई दिल्ली। भर्ती परीक्षाओं में नकल पर सख्ती का कानून लागू हो गया है। परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों को तीन से पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक-2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। 


इस कानून का मकसद सरकारी प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता व विश्वसनीयता लाना है। परीक्षा में सेवाप्रदाता की गड़बड़ी पर अब तीन साल से लेकर 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय व गैर-जमानती होंगे।



परीक्षाओं में गड़बड़ी से सख्ती से निपटने वाले लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक में इन 15 गड़बड़ियों को माना जाएगा अपराध

07 फरवरी 2024
• किसी परीक्षा का क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करना।

• क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करने में किसी के साथ शामिल होना।

• बिना अनुमति क्वेश्चन पेपर या OMR शीट अपने पास रखना।

• परीक्षा के दौरान किसी से जवाब लिखने के लिए मदद लेना।

• परीक्षा दे रहे कैंडिडेट को डायरेक्ट या इंडायरेक्ट तरीके से मदद करना।

• एग्जाम आंसर शीट या OMR शीट के साथ छेड़छाड़ करना।

• कॉपियों के मूल्यांकन में बिना अनुमति छेड़छाड़ करना।

• सरकारी एजेंसी द्वारा तय परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करना।

• मेरिट के लिए तय डॉक्यूमेंट्स में किसी तरह की छेड़छाड़ करना।

• पब्लिक एग्जाम के लिए तय सिक्योरिटी मानकों का उल्लंघन करना।

• किसी एग्जाम कम्प्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़ करना।

• कैंडिडेट्स की सीट अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट में छेड़छाड़ करना।

• किसी एग्जामिनेशन अथॉरिटी को धमकाना या काम करने से रोकना।

• परीक्षा या एग्जाम अथॉरिटी से जुड़ी नकली वेबसाइट बनाना।

• नकली एडमिट कार्ड जारी करना या नकली एग्जाम कराना।



परीक्षा में धांधली पर होगी 10 वर्ष की जेल, एक करोड़ जुर्माना

नई दिल्ली । सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से सख्ती से निपटने के प्रावधान वाला लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए तीन से पांच साल तक जेल और 10 लाख तक जुर्माना लगेगा। संगठित अपराध के मामलों में अधिकतम 10 साल तक की जेल और अधिकतम एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। 


केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को सदन में इस विधेयक को पेश किया। विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी।



नकल माफिया पर कसेगी नकेल, लोकसभा में आज पेश हुआ बिल
 दस साल सजा, एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल पेश करेगी। इसमें ऐसे आरोपियों, संस्था व माफिया के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत दस साल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रखा है। इस कदम से नकल माफिया पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।


प्रतिभाओं को संरक्षण देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया था। प्रस्तावित कानून का सारा जोर व्यक्तियों, संगठित माफिया व पेपर लीक, पेपर हल करने, प्रतिरूपण, कंप्यूटर संसाधनों की हैकिंग में लगी संस्थानों पर नकेल कसना है। बिल में पर्चा लीक करने, दूसरे की जगह परीक्षा देने,


संस्थाओं को भुगतनी होगी लागत

धांधली के कारण अगर परीक्षा रद्द हुई तो इसका खर्चा दोषी पाए गए सेवा प्रदाताओं और संस्थाओं को भुगतना होगा। इसके अलावा शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय मानक भी तैयार किए जाएंगे।

प्रश्न पत्र हल करने या इसमें मदद करने, परीक्षा केंद्र की जगह अन्य जगह पर परीक्षा कराने, परीक्षा में गड़बड़ी की रिपोर्ट नहीं करने पर तीन से पांच साल की जेल की सजा और दस लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है। कंप्यूटर आधारित केंद्रों पर परीक्षा का संचालन करने वालों को कदाचार साबित होने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। ब्यूरो

Monday, February 5, 2024

नकल माफिया पर कसेगी नकेल, लोकसभा में आज पेश हुआ बिल

नकल माफिया पर कसेगी नकेल, लोकसभा में आज पेश हुआ बिल

 दस साल सजा, एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान


नई दिल्ली। केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल पेश करेगी। इसमें ऐसे आरोपियों, संस्था व माफिया के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत दस साल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रखा है। इस कदम से नकल माफिया पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।


प्रतिभाओं को संरक्षण देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया था। प्रस्तावित कानून का सारा जोर व्यक्तियों, संगठित माफिया व पेपर लीक, पेपर हल करने, प्रतिरूपण, कंप्यूटर संसाधनों की हैकिंग में लगी संस्थानों पर नकेल कसना है। बिल में पर्चा लीक करने, दूसरे की जगह परीक्षा देने,


संस्थाओं को भुगतनी होगी लागत

धांधली के कारण अगर परीक्षा रद्द हुई तो इसका खर्चा दोषी पाए गए सेवा प्रदाताओं और संस्थाओं को भुगतना होगा। इसके अलावा शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय मानक भी तैयार किए जाएंगे।

प्रश्न पत्र हल करने या इसमें मदद करने, परीक्षा केंद्र की जगह अन्य जगह पर परीक्षा कराने, परीक्षा में गड़बड़ी की रिपोर्ट नहीं करने पर तीन से पांच साल की जेल की सजा और दस लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है। कंप्यूटर आधारित केंद्रों पर परीक्षा का संचालन करने वालों को कदाचार साबित होने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। ब्यूरो