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Saturday, June 17, 2023

IGNOU : दाखिले के लिए 30 जून तक भर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन पत्र

IGNOU : दाखिले के लिए 30 जून तक भर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन पत्र



नई दिल्ली। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के तहत जुलाई सत्र के लिए 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन पत्र भर सकते हैं। स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिले के लिए छात्रों के पास ऑनलाइन और ओडीएल माध्यम से पढ़ाई का विकल्प होगा। हालांकि छात्रों को ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने से पहले छात्रों को इग्नू की अधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।


विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, विभिन्न डिग्री प्रोग्राम में जुलाई सत्र के लिए ऑनलाइन दाखिले का मौका उपलब्ध है। इच्छुक उम्मीदवार बिना लेट फीस स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में दाखिला आवेदन पत्र भर सकते हैं। ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम और ओडीएल डिग्री प्रोग्राम में से छात्र अपनी सुविधानुसार माध्यम का चयन कर सकते हैं। इन दोनों माध्यमों में से वे घर बैठे और नौकरी के साथ अपनी उच्च शिक्षा की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।



दाखिले के 15 दिन तक फीस वापस लेने पर 500 रुपये कटेंगे
इग्नू के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के 15 दिन बाद तक दाखिला रद्द करवाने पर फीस में से 500 रुपये काटकर अन्य राशि वापस कर दी जाएगी। जबकि 16 से 90 दिन तक दाखिला रदद करवाने पर एक हजार रुपये फीस कटेगी। वहीं, 90 दिन के बाद दाखिला रद करवाने पर फीस में से कुछ भी धनराशि वापस नहीं मिलेगी।

Wednesday, April 19, 2023

अगत्स्य, कणाद व आर्य भट्ट का कृतित्व-व्यक्तित्व पढ़ेंगे छात्र, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक- परास्नातक के सभी पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा

अगत्स्य, कणाद व आर्य भट्ट का कृतित्व-व्यक्तित्व पढ़ेंगे छात्र, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक- परास्नातक के सभी पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा


प्रयागराज : भारतीय ऋषि-मनीषियों ने धर्म के साथ विज्ञान में अहम योगदान दिया है। उसे उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। गणित में आर्य भट्ट, बिजली के आविष्कार में महर्षि अगस्त्य और गति के नियमों की व्याख्या करने वाले महर्षि कणाद को स्नातक- परास्नातक के सभी पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा।


नई शिक्षा नीति 2020 के पाठ्यक्रम तहत के करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। मुक्त विश्वविद्यालय की नीति के तहत स्नातक-परास्नातक के 31 पाठ्यक्रमों को तैयार किया है। इसके बाद मुवि के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस केंद्र (सीका) ने इन बदलावों को एकीकृत किया। सीका के निदेशक प्रो. आशुतोष गुप्ता ने बताया कई आविष्कारों का श्रेय पाश्चात्य विज्ञानियों को मिलता है, पर हकीकत में प्राचीन ज्ञान परंपरा इतनी उत्कृष्ठ थी कि हजारों वर्ष पूर्व ही हमारे ऋषियों और मनीषियों ने तमाम सिद्धांत दिए थे।


उस काल में विमान होते थे और बिजली भी होती थी। हवाई जहाज बनाने का श्रेय भले ही राइट ब्रदर्स को दिया जाता है, पर भारतीय वैमानिक शास्त्र में विमान बनाने की विधियों का उल्लेख है। नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय ग्रंथों और उपनिषदों की मदद से विद्यार्थियों उन्नत विज्ञान को पढ़ाया जाएगा।


हर सेमेस्टर में होगा एक कौशल विकास का कोर्स

सीका निदेशक प्रो. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि सभी कार्यक्रमों में कौशल उन्नयन कोर्स हर सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा। अपनी अभिरुचि के अनुसार छात्र कोर्स का चयन कर सकेंगे। पाठ्यक्रमों में हर वर्ष के लिए दो महीने का ब्रिज कोर्स भी पढ़ना होगा। मुवि अपने संसाधनों से विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देगा साथ ही जिन शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों से एमओयू किया गया। है, उनकी भी प्रशिक्षण में मदद ली जाएगी। इसमें योग और डिजास्टर मैनेजमेंट जैसे पाठ्यक्रमों के साथ बीएड स्पेशल पाठ्यक्रमों में मूक-बधिर विद्यार्थयों के लिए शिक्षण प्रणाली को भी शामिल किया गया है।


स्नातक- परास्नातक का पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम होगा

मुक्त विश्वविद्यालय ने स्नातक परास्नातक का पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम तैयार किया है। इसमें पहले वर्ष प्रमाणपत्र, दूसरे वर्ष डिप्लोमा, तीसरे वर्ष डिग्री, चौथे वर्ष डिग्री रिसर्च और पांचवे वर्ष परास्नातक की उपाधि मिलेगी। एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट बनेगा। इसके आधार पर मुक्त विश्वविद्यालय के छात्र किसी भी विश्वविद्यालय और कालेज में किसी भी वर्ष जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। उनका क्रेडिट ट्रांसफर हो जाएगा।


भारतीय प्राचीन ऋषि मुनियों ने  कई भौतिक सिद्धांतों का प्रतिपादन किया और कई आविष्कार किए। इन सिद्धांतों को पढ़कर पश्चिमी विज्ञानियों ने नाम कमाया। आधुनिक अणुविज्ञानी जान डाल्टन से काफी समय पूर्व ही महर्षि कणाद ने परमाणु सिद्धांत का प्रतिपादन किया था। न्यूटन के गति नियमों की खोज से पूर्व ही महर्षि कणाद ने वैशेषिक सूत्र में इसकी व्याख्या की थी। ऋषि अगस्त्य ने अगस्त्य संहिता में बिजली बनाने की विधि का वर्णन किया था। आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत देने से पूर्व वशिष्ठ ऋषि ने योग वशिष्ठ में काल-अंतराल यानी टाइम एंड स्पेस की व्याख्या की थी। अब यह मुक्त विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पढ़ेंगे। – • प्रो. आशुतोष गुप्ता निदेशक 

Saturday, July 2, 2022

अब इग्नू में पढ़िए वैदिक गणित व वास्तु शास्त्र, लांच किया सर्टिफिकेट इन वैदिक गणित व पीजी डिप्लोमा इन वास्तु शास्त्र कोर्स

अब इग्नू में पढ़िए वैदिक गणित व वास्तु शास्त्र, 


◆ इग्नू ने लांच किया सर्टिफिकेट इन वैदिक गणित व पीजी डिप्लोमा इन वास्तु शास्त्र कोर्स

◆ वैदिक गणित 12वीं के बाद छह माह का व स्नातक के बाद दो साल का कोर्स वास्तु शास्त्र


सनातन ज्ञान परंपरा के प्रचार- प्रसार, दैनंदिन व्यवहार में इसके अधिकाधिक प्रयोग और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के माध्यम से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) विद्यार्थियों को दक्ष बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में इग्नू ने सर्टिफिकेट इन वैदिक गणित व पीजी डिप्लोमा इन वास्तु शास्त्र नामक दो नए पाठ्यक्रम लांच किए हैं। ऋषियों द्वारा रचित ग्रंथों वेदों में वर्णित गणित पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्स छह माह का व वास्तु शास्त्र पर केंद्रित पीजी डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो साल की होगी।


दोनों पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू भी हो चुकी है। प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में निवास स्थान के साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान, चिकित्सालय आदि के वास्तु के संगठन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी ।


 डिप्लोमा पाठ्यक्रम में किसी भी विषय में स्नातक के बाद प्रवेश लिया जा सकेगा। छह माह के वैदिक गणित के सर्टिफिकेट कोर्स में 12वीं पास अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किए गए ये कोर्स वाराणसी में बीएचयू स्थित इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र के साथ ही देश के सभी केंद्रों पर संचालित होंगे


। सर्टिफिकेट इन वैदिक गणित कोर्स तैयार किया है इग्नू नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर व कार्यक्रम संयोजक डा. पुष्पा ने। डा. पुष्पा बताती हैं कि इस पाठ्यक्रम में वैदिक गणितीय परंपरा, वैदिक अंक गणित, वैदिक बीज गणित, वैदिक रेखा गणित शामिल है।

Tuesday, June 28, 2022

राजर्षि टंडन मुक्त विवि के 118 कोर्स में दाखिला आज से होगा

राजर्षि टंडन मुक्त विवि के 118 कोर्स में दाखिला आज से होगा



उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में नए शैक्षिक सत्र 2022-23 में दाखिले का आगाज मंगलवार से होगा। स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट व जागरूकता के 118 कार्यक्रमों में प्रवेश होगा। प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन मोड में संचालित की जाएगी।




प्रवेश प्रभारी डॉ. ज्ञान प्रकाश यादव ने बताया कि नए सत्र में जिन पाठ्यक्रमों में सीधे प्रवेश दिए जाएंगे, उनमें दाखिला प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। अभ्यर्थी ऑनलाइन एडमिशन लेने के बाद शुल्क रसीद समेत अन्य दस्तावेज प्रिंट कराके उसके साथ शैक्षिक कागजात लगाकर संबंधित अध्ययन केंद्र पर जमा करें।


नए सत्र में एमबीए, एमसीए, पीएचडी, बीएड में दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए होगा। इन पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हैं। 

Friday, June 24, 2022

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पढ़ाई अब महंगी हुई

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पढ़ाई अब महंगी हुई 


प्रयागराज : सूबे के इकलौते उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पढ़ाई अब महंगी हो गई है। नए शैक्षिक सत्र में दाखिला लेने वालों को बढ़ी फीस भरनी होगी।


एक ओर जहां पीएचडी (शोध करने) की फीस दोगुनी हो गई है, वहीं स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के शुल्क में 12 से 21 फीसदी तक इजाफा किया गया है। नए शैक्षिक सत्र में पीएचडी, बीएड, एमसीए और एमबीए में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूजी, पीजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन 25 जून से शुरू करने की तैयारी है। इस बार मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से शैक्षिक सत्र 2022-23 में पीएचडी, डिग्री, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट समेत 126 पाठ्यक्रमों में प्रवेश होंगे।



पीएचडी की फीस 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये वार्षिक कर दी गई है। एमबीए का शुल्क 16,200 से बढ़ाकर 18,200 (12.3 फीसद बढ़ोतरी) और एमसीए का 15,200 से बढ़ाकर 17,200 (13.15 फीसद बढ़ोतरी) किया गया है। इसी प्रकार बीएड की फीस 16,200 से बढ़ाकर 18,500 रुपये (14.2 फीसद इजाफा) की गई है। बीए की फीस 3700 से 4500 (21.6 फीसद का इजाफा) और एमए की 7200 से 8500 रुपये (18 फीसद बढ़ोतरी) सालाना की गई है। छात्रों को इसी साल से बढ़ी फीस जमा करनी होगी।


 डिप्लोमा कोर्स की नहीं बढ़ी फीस
 
मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से डिप्लोमा करने वाले छात्रों के लिए राहत है। क्योंकि डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का शुल्क नहीं बढ़ाया गया है।


कार्य परिषद से मंजूरी के बाद पीएचडी, यूजी, पीजी कोर्स की फीस बढ़ा दी गई है। डिप्लोमा का शुल्क यथावत है।
डॉ. ज्ञान प्रकाश यादव, प्रवेश प्रभारी, मुक्त विश्वविद्यालय

Thursday, June 23, 2022

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाएं जुलाई के दूसरे सप्ताह से

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाएं जुलाई के दूसरे सप्ताह से

परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए अध्ययन केंद्रों से विवि ने मांगे आवेदन



प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाएं जुलाई के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाएंगी। विश्वविद्यालय की जून 2022 सेमेस्टर की परीक्षा में पांच हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे। कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।


मुक्त विश्वविद्यालय ने इस बार परीक्षा केंद्र निर्धारण के नियमों में बदलाव किया है। इस बार तीन साल से लगातार संचालित हो रहे अध्ययन केंद्रों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने के लिए आवेदन करने का अवसर दिया गया है। 60 छात्रों वाले अध्ययन केंद्रों को भी विश्वविद्यालय परीक्षा केंद्र बनाएगा। हालांकि विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्र निर्धारण में राजकीय और अनुदानित कॉलेजों को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही है।


 अध्ययन केंद्र 30 जून तक परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए आवेदन कर सकेंगे। परीक्षा नियंत्रक पीपी दुबे ने बताया कि दूरस्थ शिक्षा पद्धति पर आधारित विश्वविद्यालय शुरू से ही कोविड- 19 प्रोटोकॉल का अनुपालन कर रहा है। इसलिए जुलाई के दूसरे सप्ताह से शुरू हो रही परीक्षा में भी कोविड नियमों को ध्यान में रखा जाएगा। परीक्षा से पूर्व सभी छात्र-छात्राओं को असाइनमेंट जमा करने के लिए भी अंतिम मौका दिया गया है।