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Saturday, September 23, 2023

सीतापुर समेत कई जिलों में फिर टला स्कूल आवंटन, अयोध्या में भी प्रक्रिया स्थगित, बाराबंकी में आज होगा स्कूलों का आवंटन

सीतापुर समेत कई जिलों में फिर टला स्कूल आवंटन

अयोध्या में भी प्रक्रिया स्थगित, बाराबंकी आज होगा स्कूलों का आवंटन

पठन-पाठन प्रभावित, स्थानांतरित शिक्षकों को तीन माह से नहीं मिला वेतन


लखनऊ। बेसिक शिक्षा में एक से दूसरे जिले में स्थानांतरित शिक्षक स्कूल आवंटन न होने से अब भी भटक रहे हैं। कई बार तिथि टालने के बाद हाल ही में कुछ जिलों में आवंटन प्रक्रिया पूरी हुई, लेकिन सीतापुर समेत कई जिलों में फिर तिथि बढ़ा दी गई है। इसके पीछे मानव संपदा पोर्टल में अपलोड शिक्षकों के डाटा में कमी को कारण बताया जा रहा है। इन सबका असर पठन-पाठन पर पड़ रहा है। स्कूल आवंटन न होने से स्थानांतरित शिक्षकों को तीन महीने से वेतन भी नहीं मिला है।


विभाग की ओर से शिक्षकों के लिए स्कूल आवंटन की प्रक्रिया बार-बार आगे बढ़ाई जा रही है। हाल ही में 20-21 सितंबर की तिथि तय की गई थी। इस दिन कई जिलों में विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया हुई, लेकिन कई जिलों में मानव संपदा पोर्टल का डाटा, इसकी राह में बाधा बन गया। इससे सीतापुर, अयोध्या, प्रयागराज, बाराबंकी व अन्य कुछ जिलों में विद्यालय आवंटन स्थगित करना पड़ा। बाराबंकी में अब 23 सितंबर को स्कूल आवंटन होगा। अधिकारियों का कहना है कि मानव संपदा पोर्टल पर दिखाई जा रही वरिष्ठता सूची व अन्य जानकारियों में कमियां हैं। इससे इसे स्थगित किया गया है। जल्द ही इसके डाटा को ठीक कराकर प्रक्रिया पूरी की जाएगी।


16,000 शिक्षकों को मनचाहा स्कूल

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग ने दो माह पूर्व अन्तर्जनपदीय स्थानांतरित हुए 16,000 शिक्षकों को आनलाइन विद्यालय आवंटित कर दिया है। इसके तहत शिक्षकों से विकल्प प्राप्त कर उनके मनचाहे विद्यालयों में उन्हें तैनाती के आदेश जारी किए गए हैं।

इसमें दिव्यांग महिला शिक्षक, दिव्यांग पुरुष शिक्षक और इसके बाद महिला शिक्षकों को विद्यालय आवंटन किया गया। अन्त में बचे विद्यालयों में पुरुष शिक्षकों की तैनाती की गई। स्कूल महानिदेशक विजय किरण आनन्द ने बताया कि शेष बचे सहायक अध्यापकों को भी विद्यालय आवंटन की कार्रवाई जारी है और इसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरा की गई है।


समाप्त हुए एकल विद्यालय

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों के 16614 शिक्षकों के सापेक्ष 15530 शिक्षकों का स्कूल आवंटन हो गया है। इन शिक्षकों की तैनाती होने से एकल शिक्षक विद्यालय समाप्त हुए हैं। जल्द ही शिक्षकों के जिले के अंदर परस्पर तबादले व पदोन्नति की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी।



प्रयागराज समेत कई जिलों में नहीं हो सका स्कूल आवंटन, पोर्टल पर अपलोड स्कूलों की सूची में गड़बड़ी के कारण आवंटन की प्रक्रिया रोकनी पड़ी 

अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के बाद एक से दूसरे जिले में पहुंचे परिषदीय शिक्षकों का विद्यालय आवंटन प्रयागराज समेत कई जिलों में बुधवार को नहीं हो सका। एनआईसी के सॉफ्टवेयर के माध्यम से बुधवार से ऑनलाइन विद्यालय आवंटन होना था। लेकिन पोर्टल पर अपलोड स्कूलों की सूची में गड़बड़ी के कारण कई जिलों में विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया रोकनी पड़ी।


प्रयागराज में ट्रांसफर से आए 262 शिक्षकों का आवंटन नहीं हो सका। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि नगर क्षेत्र के विद्यालय ग्रामीण में प्रदर्शित होने के कारण स्कूल आवंटन नहीं हुआ। सूची दुरुस्त होने के बाद एक-दो दिन में नए सिरे से आवंटन किया जाएगा। बुधवार सुबह 10 बजे से सर्व शिक्षा अभियान (समग्र शिक्षा) कार्यालय मम्फोर्डगज में पहुंचे शिक्षकों को निराश होकर लौटना पड़ा।


बाराबंकी, अयोध्या, सहारनपुर और सीतापुर में भी विद्यालय आवंटन नहीं हो सका। सीतापुर के बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह के अनुसार सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय की वरीयता सूची पोर्टल पर त्रुटिपूर्ण प्रदर्शित होने के कारण काउंसिलिंग स्थगित की गई है।

Friday, August 12, 2022

एक माह से बीएसए दफ्तर में हाजिरी लगा रहे 4000 शिक्षक, स्कूल आवंटन न होने से अन्य शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया भी लटकी

एक माह से बीएसए दफ्तर में हाजिरी लगा रहे 4000 शिक्षक, स्कूल आवंटन न होने से अन्य शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया भी लटकी 


जबरा मारे भी और रोने भी न दे... कुछ ऐसे ही हालात से बेसिक शिक्षा विभाग गुजर रहा है। स्कूल आवंटन न होने से अन्य शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया फंसी हुई है। एक माह से स्कूल आवंटन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। यह प्रक्रिया निदेशालय स्तर से होनी है, जिलास्तर के अधिकारी हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे हैं।


स्थिति यह है कि जिले में शिक्षकों के तबादलों में अभी समय लगेगा। इससे पहले 68500 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों की तैनाती के बाद ही तबादले की वेबसाइट खोली जाएगी। स्कूल में जिस शिक्षक की वजह से आरटीई का मानक गड़बड़ हुआ होगा, उसे ही तबादले के लिए चुना जाएगा। शिक्षकों के जिले में तबादले किए जाने हैं। जिले में बाहर से आए  शिक्षक जब कार्यभार ग्रहण करेंगे और इनका डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट होगा, इसके बाद स्कूलों में रिक्तियों की संख्या स्पष्ट होगी।


बता दें कि प्रदेश में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित लगभग चार हजार (मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी-एमआरसी) शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश पर मनचाहे जिले आवंटित किए गए हैं।  इनको अभी तक स्कूल नहीं भेजा जा सका है। पहले आवंटन प्रक्रिया जिले स्तर से ही होती थी, लेकिन मानव संपदा से स्कूल आवंटन किए जाने की प्रक्रिया साल 2018 के बाद शुरू हो गई है। निदेशालय से ऑनलाइन ही प्रक्रिया पूरे प्रदेश के जिलों में एक साथ होनी है। इससे पूरा मामला उलझा हुआ है।


तबादलों की प्रक्रिया में और कई फंस सकते हैं पेंच

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादले की राह आसान नहीं होगी। जिले में स्थानांतरण आदेश में 30 अप्रैल 2022 की छात्र संख्या को आधार बनाया गया है। स्कूलों में बच्चों का प्रवेश अभी तक चल रहा है। ऐसे में 30 अप्रैल की छात्रसंख्या के आधार पर सरप्लस होने पर असंतुष्ट शिक्षकों का कोर्ट जाना तय है। ठीक ऐसा मामला 2017 में हुआ था और जिले में तबादले नहीं हो सके थे।


13 जून 2017 के आदेश में सरकार ने 30 अप्रैल की छात्र संख्या को आधार बनाया था, जबकि स्कूलों में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल की छात्रसंख्या के आधार पर जिन शिक्षकों को सरप्लस घोषित किया था, उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका कर दी और उनको कार्यमुक्त करने पर रोक लग गई थी। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राथमिक स्कूलों में 30 बच्चों और उच्च प्राथमिक में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित/विज्ञान, सामाजिक विषय और भाषा के एक-एक शिक्षक होने चाहिए। इससे भी मामला फंसना तय है।


शर्तों की भरमार, तबादले आसान नहीं

जिले में तबादलों के लिए जारी शासनादेश में ओपन ट्रांसफर जैसी कोई बात नहीं है। ट्रांसफर के नाम पर समायोजन का झुनझुना थमा दिया गया है। तमाम शिक्षक दंपती पिछले कई वर्षों से अलग-अलग ब्लॉक में 100 से 150 किमी की दूरी पर तैनात हैं, और बच्चों के पालन-पोषण में कठिनाई उठा रहे हैं। तबादला आदेश में उनको 10 अंकों का वेटेज तो मिला है लेकिन उन्हें आवेदन का मौका नहीं मिलेगा। वहीं के शिक्षक आवेदन कर सकेंगे जहां शिक्षक सरप्लस यानी छात्र-शिक्षक अनुपात से अधिक हैं। इससे भी मामला फंसा हुआ है।