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Tuesday, August 22, 2119

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    Saturday, June 14, 2025

    माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष-2025 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य हेतु परीक्षकों इत्यादि के पारिश्रमिक देयकों एवं यात्रा व्यय का भुगतान हेतु बजट आवंटन किये जाने के सम्बन्ध में।

    माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष-2025 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य हेतु परीक्षकों इत्यादि के पारिश्रमिक देयकों एवं यात्रा व्यय का भुगतान हेतु बजट आवंटन किये जाने के सम्बन्ध में।


    अब नए कलेवर में देखिए यूपी बोर्ड की वेबसाइट

    अब नए कलेवर में देखिए यूपी बोर्ड की वेबसाइट



    प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट को एक नए रूप में लॉन्च कर दिया है। अब यह वेबसाइट न सिर्फ दिखने में अधिक आकर्षक और उपयोगकर्ताओं के अनुकूल है, बल्कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक हो गई है। 

    नए कलेवर में वेबसाइट को मोबाइल और टैबलेट जैसे सभी डिवाइसों के लिए अनुकूल बनाया गया है। वार्षिक कैलेंडर, पाठ्यक्रम, मॉडल प्रश्नपत्र, रिजल्ट जैसी तमाम सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराई गई हैं। बोर्ड से जुड़े 29210 स्कूलों के कक्षा 9 से 12 तक के एक करोड़ छात्र-छात्राएं नई वेबसाइट के जरिए समय पर जरूरी सूचनाएं प्राप्त कर सकेंगे।

    शिक्षकों के हजारों पद दबा ले गए अधिकारी, ऑनलाइन सूची में सिर्फ 150 पद खाली दिखाई दे रहे, शिक्षकों का कोड अमान्य, समस्याओं के चलते नहीं कर पा रहे आवेदन, आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग

    शिक्षकों का कोड अमान्य,  समस्याओं के चलते नहीं कर पा रहे आवेदन, आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग 

    प्रयागराज । प्रदेश के 4517 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों के स्थानान्तरण के लिए ऑनलाइन आवेदन को लेकर कई तरह की समस्या हो रही है। सैकड़ों शिक्षकों का मानव संपदा पोर्टल कोड या मोबाइल नंबर अमान्य बता रहा है। 

    इन शिक्षकों ने बकायदा ई-मेल करके अपर शिक्षा माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी को समस्या से अवगत कराते हुए आवेदन की अंतिम तिथि 14 जून को बढ़ाने का अनुरोध किया है। माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि ऑनलाइन स्थानान्तरण के नाम पर शिक्षकों के साथ मजाक किया जा रहा है। आवेदन के लिए अतिरिक्त समय देते हुए वेबसाइट की तकनीकी समस्याएं तत्काल दूर की जाएं।


    पोर्टल विधुर भरांक नहीं : श्री गांधी ग्रामोद्योग इंटर कॉलेज भरोसा झांसी के हिंदी शिक्षक सुनील कुमार की पत्नी का 11 सितंबर 2024 को प्रसव के दौरान निधन हो गया था। वह झांसी में रहकर तीन बच्चों की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। आवेदन के पोर्टल पर विधुर भारांक नहीं दिख रहा है, जिससे उनके आवेदन में समस्या आ रही है डीएवी इंटर कॉलेज बिलासपुर रामपु के शिक्षक नीरज गंगवार की शिकाय है कि ऑनलाइन आवेदन पारस्परिक स्थानान्तरण का विकल नहीं दिख रहा है।


    केस 1 
    मोतीलाल नेहरू मेमोरियल गर्ल्स इंटर कॉलेज लखनऊ की शिक्षिका ममता सेजवार, बरला इंटर कॉलेज बरला मुजफ्फरनगर के सहायक अध्यापक सेवा सदन, सेठ हरचरण दास गर्ल्स इंटर कॉलेज हाथरस के संस्कृत शिक्षक संतोष सिंह, राजा प्रताप विक्रम शाह इंटर कॉलेज सिंगाही खीरी के शिक्षक कृष् अवतार द्विवेदी, श्री नेहरू स्मारक भगवानदास इंटर कॉलेज मैड हाथरसा का मानव संपदा कोड और मोबाइल नंबर अमान्य बता रहा है।

    केस 2 
    जनता इंटर कॉलेज पुरसौली हरदोई के विज्ञान शिक्षक मनोज कुमार का वर्ग पोर्टल पर ओबीसी दिखा रहा है, जबकि उनका चयन सामान्य वर्ग में हुआ है। कल्पना इंटर कॉलेज दिलावरपुर मड़ियाहूं जौनपुर विजय सिंह यादव का पोर्टल पर वर्ग सामान्य दिख रहा है, जबकि वह ओबीसी वर्ग के हैं।




    शिक्षकों के हजारों पद दबा ले गए अधिकारी, ऑनलाइन सूची में सिर्फ 150 पद खाली दिखाई दे रहे, प्रदेश भर में शिक्षकों-प्रधानाचार्यों के 28,535 पद हैं रिक्त

    4512 प्रधानावायों के 40 फीसदी पद खाली

    संबद्ध प्राइमरी में 1600 से अधिक पद हैं रिक्त, 586 दिख रहे


    प्रयागराज । प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के ऑनलाइन स्थानान्तरण के लिए हजारों रिक्त पदों की सूचना प्रबंधकों और अफसरों ने पोर्टल पर अपलोड नहीं की। शिक्षा निदेशालय की ओर से पिछले साल शासन को भेजी गई सूचना के मुताबिक इन कॉलेजों में सहायक अध्यापकों या प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) के स्वीकृत 70803 पदों में से 20999 और प्रवक्ता के स्वीकृत 22220 पदों में से 4703 खाली हैं। प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों के 4512 पदों में से महज 1679 पद भरे हुए हैं और आधे से अधिक 2833 खाली हैं।


    इस प्रकार शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के कुल 28,535 पद रिक्त हैं। इनमें से तीन साल पहले विज्ञापित टीजीटी पीजीटी के 4163 पदों को हटा दें और ऑफलाइन तबादले के लिए चार हजार पदों पर अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी होना मान लिया जाए तो भी 20 हजार से अधिक पदों का विकल्प शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन लिए मिलना चाहिए। हालांकि प्रबंधकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों ने शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के कुल 6104 पद ही पोर्टल पर प्रदर्शित किए हैं। शहरी क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों के प्रबंधकों ने रिक्त पदों की सूचना नहीं भेजी है, ताकि ऑफलाइन तबादले की एनओसी के नाम पर कमाई कर सकें।

    माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि प्रदेश के लगभग साढ़े चार हजार एडेड माध्यमिक विद्यालयों में से 40 से 50 प्रतिशत में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं, किंतु ऑनलाइन में केवल डेढ़ सौ विद्यालय प्रदर्शित हो रहे हैं। प्रयागराज के 181 विद्यालयों में से केवल दो विद्यालय के प्रधानाचार्य का पद रिक्त दिखाया गया है। प्रधानाचार्य के ये सभी पद प्रबंधकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों ने रोक लिया है


    बस्ती में सर्वाधिक 314, सोनभद्र में सबसे कम छह पद रिक्त

    प्रयागराज। एडेड कॉलेज के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के ऑनलाइन स्थानान्तरण के लिए पोर्टल पर 6104 रिक्त पद प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें बस्ती में सर्वाधिक 314 जबकि सोनभद्र में सबसे कम छह पद दिखाई पड़ रहे हैं। अलीगढ़ में 239, गोरखपुर 202, मेरठ 200 और देवरिया 198 पद तबादले के लिए खोले गए हैं। अधिकांश पद उन स्कूलों के दिखाए गए हैं जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं और जहां कोई शिक्षक जाना नहीं चाहता।




    मांग : ऑनलाइन आवेदन में खोला जाए पारस्परिक स्थानांतरण का विकल्प

    11 जून 2025
    लखनऊ । अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक ऑनलाइन तबादला में पारस्परिक स्थानांतरण की व्यवस्था नहीं होने से शिक्षकों में नाराजगी है। उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव को पत्र भेजकर ऑनलाइन आवेदन के साथ पारस्परिक तबादले का विकल्प खोले जाने की मांग उठायी है। 


    एकजुट संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा और महामंत्री राजीव यादव का कहना है कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया 10 जून से शुरू हुई है। ऑन लाइन में आवेदन में पारस्परिक तबादले का विकल्प नहीं होने से शिक्षक आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जबकि सात जून को जारी शासनदेश में पारस्परिक तबादले को वरीयता देने की बात कही गई है। 


    शिक्षकों ने आपस में अपना-अपना पारस्परिक खोज चुके हैं, लेकिन वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन में पारस्परिक स्थानांतरण का कोई विकल्प नहीं खुल रहा है। इससे शिक्षक आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। निदेश्का से मांग है कि ऑनलाइन आवेदन में पारस्परिक स्थानांतरण का विकल्प खोला जाए।




    स्थानांतरण प्रक्रिया में फंसे एडेड कालेजों के शिक्षक, तबादले के लिए 14 जून तक चलेगी आनलाइन आवेदन प्रक्रिया

    शिक्षक संगठनों ने की आफलाइन आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग


    लखनऊ : प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए स्थानांतरण की आनलाइन आवेदन प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है, जो 14 जून तक चलेगी। हालांकि, बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक भी हैं जो आवेदन की प्रक्रिया में फंस गए हैं, क्योंकि उन्होंने पहले आफलाइन आवेदन किया था और उनकी फाइलें अभी तक संबंधित कार्यालयों में लंबित हैं।

    दरअसल, शिक्षा विभाग ने आनलाइन प्रक्रिया से पहले सात जून तक आफलाइन आवेदन करने का विकल्प भी दिया था। बहुत से शिक्षकों ने अपने वर्तमान विद्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर इच्छित विद्यालय में भी एनओसी के लिए आवेदन कर दिया था, लेकिन सात और आठ जून को अवकाश होने और समय की कमी के कारण उनकी फाइलें मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक या जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से निदेशालय तक नहीं पहुंच पाईं। 


    इस वजह से अब वे शिक्षक आनलाइन आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि एक विद्यालय से पहले ही एनओसी प्राप्त कर चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डा. महेंद्र देव और अपर निदेशक सुरेन्द्र तिवारी से मुलाकात कर मांग की कि जिन शिक्षकों की पत्रावलियां अभी तक लंबित हैं, उनके हित में आफलाइन आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाया जाए।

     संघ ने यह मांग भी दोहराई कि उन शिक्षकों के पुरानी पेंशन योजना का लाभ जल्द दिया जाए, जिनका चयन एक अप्रैल 2005 से पहले विज्ञापित पदों पर हुआ था।

    इधर, शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आफलाइन और आनलाइन दोनों माध्यम से आवेदन करने वाले शिक्षकों की स्थानांतरण सूची एक साथ ही जारी की जाएगी इसके साथ ही अपर शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र तिवारी ने बताया कि अगले साल से स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिय केवल आनलाइन होगी। आफलाइन का विकल्प नहीं दिया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

    प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधान एवं अध्यापकों के वर्ष-2025-26 हेतु आनलाईन स्थानान्तरण के सम्बन्ध में

    एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के तबादले में रुचि नहीं ले रहे प्रबंधक, विभाग ने संयुक्त शिक्षा निदेशक और डीआईओएस को दिए निर्देश


    लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधान व शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले में विद्यालय प्रबंधन रुचि नहीं ले रहे हैं। इस पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नाराजगी जताई है।

    लंबी कवायद के बाद एडेड माध्यमिक विद्यालयों में तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 14 जून है। लेकिन, कई जगह से शिक्षकों को एनओसी न देने की शिकायत मिल रही है। वहीं कुछ ऐसे भी मामले आए हैं कि शिक्षक आवेदन ऑनलाइन कर रहे हैं और एनओसी ऑफलाइन जारी की जा रही है।

    शिक्षकों ने आवेदन में दिक्कतों की शिकायत भी की है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व डीआईओएस को पत्र भेजा है। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को शिक्षकों के आवेदन शीघ्र अग्रसारित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभाग की ओर से जारी समय सारिणी के अनुसार कार्यवाही के लिए संस्था अधिकारियों को निर्देशित करने को कहा है।




    एडेड स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर में अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) के बदले उगाही पर शिक्षा निदेशक की सख्ती

    शिक्षा निदेशक ने सभी डीआईओएस को दिए कार्रवाई के निर्देश

    एडेड स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर में अनापत्ति प्रमाणपत्र के नाम पर उगाही का मामला माध्यमिक शिक्षा परिषद तक पहुंच गया है। प्रदेश के शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को ऐसे मामले मिलने पर दोषी संस्थाओं के अधिकारियों पर कार्रवाई करने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।

    प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण का कार्यक्रम जारी किया है। स्थानांतरण चाहने वालों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, इसमें उन्हें पांच विद्यालयों का चयन करने का अवसर दिया गया है। प्रधानाचार्य व शिक्षक जिस विद्यालय से स्थानांतरण चाहते हैं, उन्हें वहां की प्रबंध समिति से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। जिस संस्था में स्थानांतरण चाहते हैं, उससे अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि विद्यालयों ने अपने यहां खाली पदों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।

     इसके बाद भी जिलों में प्रबंध समितियों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के बदले शिक्षकों से लाखों रुपये वसूलने की शिकायत लखनऊ व प्रयागराज में शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंची है। जिस पर प्रदेश के शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस से कहा है कि निदेशालय स्तर पर वेबसाइट पर संस्था अधिकारियों ने अपने यहां की रिक्तियां अग्रसारित की गई है। ऑफलाइन स्थानांतरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए अग्रसारित रिक्तियों के सापेक्ष किसी भी दशा में संस्था अधिकारियों द्वारा ऑफलाइन स्थानांतरण का एनओसी जारी न किए जाए। ऐसे मामले सामने आने पर एनओसी को निरस्त करके दोषी संस्था के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव निदेशालय को भेजा जाए।



    प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधान एवं अध्यापकों के वर्ष-2025-26 हेतु आनलाईन स्थानान्तरण के सम्बन्ध में

     देखा जा रहा है कि प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधान एवं अध्यापकों के आनलाइन स्थानान्तरण के सम्बन्ध में निदेशालय स्तर पर संचालित dse.upmsp.edu.in पर सम्बन्धित संस्थाधिकारियों द्वारा आनलाइन स्थानान्तरण हेतु रिक्तियों अग्रसारित की गयी हैं। 

    उन रिक्तियों के प्रति उक्त के पश्चात आफलाइन स्थानान्तरण के लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत किये जा रहे हैं और पोर्टल पर तदनुसार संशोधन हेतु अनुरोध पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं। यह स्थिति नियमों के प्रतिकूल एवं खेदजनक है।

    अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि आनलाइन स्थानान्तरण हेतु अग्रसारित रिक्तियों के सापेक्ष किसी भी दशा में संस्थाधिकारियों द्वारा आफलाइन स्थानान्तरण का अनापत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत न किया जाए। यदि आनलाइन स्थानान्तरण हेतु अग्रसारित रिक्ति के प्रति आफलाइन स्थानान्तरण आवेदन-पत्र का कोई प्रकरण आपके कार्यालय में प्राप्त होता है, तो उसे अपने स्तर से तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए दोषी संस्थाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव निदेशालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उक्त आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।



    Friday, June 13, 2025

    अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक /शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष प्रकरणों के निस्तारण हेतु व्यवस्था में बदलाव, देखें आदेश

    अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक /शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष प्रकरणों के निस्तारण हेतु व्यवस्था में बदलाव, देखें आदेश 



    गर्मी की छुट्टियां खत्म होने को, अभी शुरू नहीं हुई अंतः जनपदीय तबादला प्रक्रिया, जिले के अंदर तबादलों के लिए शिक्षकों को अब भी इंतज़ार

    गर्मी की छुट्टियां खत्म होने को, अभी शुरू नहीं हुई अंतः जनपदीय तबादला प्रक्रिया, जिले के अंदर तबादलों के लिए शिक्षकों को अब भी इंतज़ार


    लखनऊ । अंतःजनपदीय (जिले के अंदर) और अंतरजनपदीय (जिले के बाहर) तबादलों के लिए नीति पिछले महीने एक साथ जारी हुई थी। अंतरजनपदीय तबादला प्रक्रिया अभी चल रही है। गर्मियों की छुट्टियां बीतने वाली हैं। दोबारा स्कूल खुलने को हैं लेकिन अभी तक अंतःजनपदीय तबादलों का शिक्षकों को इंतजार है। अभी तक प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है।


    म्यूचुअल तबादले पूरे : सामान्य तौर पर जून-जुलाई तक सभी विभागों में तबादले होते हैं। वहीं, शिक्षा विभाग में जुलाई से नया सत्र शुरू हो जाता है। ऐसे में उससे पहले गर्मियों की छुट्टियों में सभी तबादले पूरे कर लिए जाएं तो बेहतर रहता है। म्यूचुअल तबादलों के लिए तो तो शासनादेश भी है है कि गर्मियों की छुट्टियों में ही तबादले होंगे। उसके बावजूद हर बार लेटलतीफी के कारण तबादले भी लटकते रहते हैं। हालांकि इस बार म्यूचुअल तबादलों में विभाग ने तेजी दिखाई और प्रक्रिया पूरी हो गई है।

    'ताकि पढ़ाई बाधित न हो' म्यूचुअल तबादलों के बाद अंतःजनपदीय और अंतरजनपदीय सामान्य तबादलों/समायोजन के लिए नीति भी 23 मई को जारी हो गई थी। उसके बाद अंतरजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। आवेदन पूरे होने के बाद ऐसे जिलों की लिस्ट भी जारी हो गई, जहां पद खाली हैं और शिक्षकों की जरूरत है। वहीं अंतःजनपदीय तबादलों के लिए अभी तक कोई प्रक्रिया बेसिक परिषद की ओर से अभी शुरू नहीं की गई है। 


    शिक्षकों का कहना है कि गर्मियों की छुट्टियां 16 जून को खत्म हो रही हैं। नया सत्र शुरू होने से पहले प्रक्रिया पूरी तर ली जाए तो ठीक रहता है क्योकि जो शिक्षक तबादला चाहते हैं, वे भी निश्चिंत होकर पठन-पाठन में जुट जाते हैं। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि नए सत्र से पहले ही प्रक्रिया पूरी कर ली जाए तो इससे शिक्षण कार्य बाधित नहीं होता। प्राथमिक शिक्षक संघ लखनऊ के निर्भय सिंह कहते हैं कि अंतःजनपदीय और अंतरजनपदीय दोनों के लिए शासन ने एक साथ नीति जारी कर दी थी। ऐसे में साथ ही दोनों तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए थी।


    सॉफ्टवेयर तैयार है। इसी हफ्ते अंतः जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। समायोजन के लिए जरूरी है कि छात्र-शिक्षक अनुपात के हिसाब से हो। छात्र-शिक्षक अनुपात की स्थिति साफ हो जाए, उसके तुरंत बाद आवेदन के लिए पोर्टल खोल दिया जाएगा। – कंचन वर्मा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा


    कहां फंसी है प्रक्रिया?
    दरअसल, जो नीति जारी हुई है उसमे अंतः जनपदीय तबादलों के साथ ही समायोजन का जिक्र भी किया गया है। इसका मतलब है कि जहा छात्रसंख्या के अनुपात में शिक्षक ज्यादा है, वहां से कम शिक्षक वाले स्कूल में समायोजन किया जाएगा। यह चयन शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक होगा। सबसे पहले कम और ज्यादा शिक्षक वाले स्कूलों की लिस्ट जारी की जाएगी। उसके आधार पर शिक्षक कुछ स्कूलों का विकल्प चुनेंगे। 

    अंतरजनपदीय समायोजन जिले से जिले में किए जाते हैं। ऐसे में कुल शिक्षकों और कुल छात्रों के आधार पर जिलों की लिस्ट जारी की गई। अंतःजनपदीय में हर स्कूल की लिस्ट जारी करनी है। इसके लिए छात्रसंख्या के आधार पर शिक्षकों की स्थिति का आकलन किया जा रहा है। उसमें वक्त लग रहा है।

    यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को जल्द मिलेंगे अंकपत्र

    यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को जल्द मिलेंगे अंकपत्र 

    13 जून 2025
    प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को जल्द ही अंकपत्र सह प्रमाणपत्र मिलने की उम्मीद है। अब तक इन प्रमाणपत्रों के वितरण में हो रही देरी की प्रमुख वजह क्रॉस लिस्ट की अनुपलब्धता थी। हालांकि इसे अब जल्द ही सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों के कार्यालयों में भेज दिया जाएगा।

    बोर्ड की ओर से पहले ही सभी जिलों में अंकपत्र सह प्रमाणपत्र भेजे जा चुके थे, लेकिन क्रॉस लिस्ट न पहुंचने के कारण प्रमाणपत्रों का वितरण नहीं किया जा सका था। क्रॉस लिस्ट में परीक्षार्थियों के अंक विवरण क्रमबद्ध रूप से दर्ज होते हैं। उसी के आधार पर प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर वितरण किया जाता है। 



    यूपी बोर्ड: जून के पहले सप्ताह से अंकपत्र सह प्रमाणपत्र मिलने की उम्मीद

    17 मई 2025
    प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल छात्र-छात्राओं को जून के पहले सप्ताह से अंकपत्र सह प्रमाणपत्र मिलने की उम्मीद है। बोर्ड के प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी, बरेली और गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालयों में अंकपत्र पहुंचने लगे हैं। प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन 23 जिलों में से इंटर के नौ और हाईस्कूल के 15 जिलों के प्रमाणपत्र शुक्रवार तक पहुंच गए थे। प्रयागराज जिले के प्रमाणपत्र आना बाकी है। 


    बोर्ड कर्मचारी स्कूलवार अंकपत्र सह प्रमाणपत्र के बंडल तैयार करने में लगे हैं। प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय की अपर सचिव विभा मिश्रा का कहना है कि परीक्षार्थियों की क्रॉस लिस्ट और कुछ जिलों के प्रमाणपत्र अभी नहीं मिले हैं। इनके मिलने के बाद संबंधित जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों को प्रमाणपत्र भेज दिया जाएगा।

    रैगिंग पर सख्ती, निर्देशों का पालन न करने पर यूजीसी ने वित्तीय मदद और मान्यता रद करने की दी चेतावनी


    रैगिंग पर सख्ती, एम्स रायबरेली समेत 89 उच्च शिक्षण संस्थानों को नोटिस

    अगले 30 दिनों में छात्रों की ओर से अनिवार्य एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग और अनुपालन अंडरटेकिंग जमा कराने के दिए निर्देश

    निर्देशों का पालन न करने पर यूजीसी ने वित्तीय मदद और मान्यता रद करने की दी चेतावनी, संस्थानों की सूची भी जारी


    ई दिल्लीः नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रैगिंग रोकने के नियमों का अनुपालन नहीं करने पर - एम्स रायबरेली, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) सहित देश के 89 उच्च शिक्षण संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

    साथ ही इन सभी को 30 दिनों के भीतर छात्रों की ओर से अनिवार्य एंटी रैगिंग अंडरटेकिंग और रैगिंग नियमों के अनुपालन की रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा - नहीं करने पर संस्थानों को वित्तीय सहायता रोकने और मान्यता रद र करने की चेतावनी दी है।

    यूजीसी ने जिन 89 उच्च शिक्षण संस्थानों को रैगिंग नियमों का अनुपालन नहीं करने पर नोटिस दिया है, उनमें राष्ट्रीय महत्व के शैक्षणिक संस्थान जैसे आइआइटी, आइआइएम, एनआइटी सहित केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं।


    यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को रैगिंग रोकने के लिए 2009 में तैयार किए गए रेगुलेशन को सख्ती से लागू करना अनिवार्य है। साथ ही सभी संस्थानों को इसके अनुपालन की रिपोर्ट भी हर वर्ष देनी जरूरी है। इनमें संस्थानों में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्रों की ओर से रैगिंग की गतिविधियों में शामिल नहीं होने की अंडरटेकिंग भी शामिल है।

    इन प्रमुख संस्थानों को दिया गया है नोटिसः एम्स रायबरेली, आइआइटी बांबे, आइआइटी पलक्कड़, आइआइटी खड़‌गपुर, आइआइटी हैदराबाद, ट्रिपलआइटी सेनापति (मणिपुर), आइआइएम बेंगलुरु, आइआइएम रोहतक, आइआइएम तिरुचिरापल्ली, इग्नू दिल्ली, नालंदा विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल आदि शामिल हैं। इनमें अकेले करीब 64 राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं।


    रैगिंग रेगुलेशन के तहत संस्थानों को करने हैं ये उपाय
    सभी संस्थान इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए। इस दौरान इसे लेकर कार्यशाला व सेमिनार का आयोजन किया जाए। इसमें नए और पुराने छात्रों के बीच परिचय कक्षाओं का आयोजन किया जाए, ताकि नए छात्रों के बीच हर व भ्रम दूर हो सके।

    रैगिंग के संबंध में नोटिस की तो जानकारी नहीं है। हां समय समय पर यूजीसी के सामान्य दिशा निर्देश मिलते रहते हैं। उनका सख्ती से अनुपालन कराया जाता है। – विभा दत्ता, निदेशक, एम्स रायबरेली


    मुख्यमंत्री ने भव्य समारोह में बोर्ड परीक्षाओं के मेधावियों और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को किया सम्मानित, जिले स्तर पर भी बच्चे हुए सम्मानित

    मुख्यमंत्री ने भव्य समारोह में बोर्ड परीक्षाओं के मेधावियों और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को किया सम्मानित, जिले स्तर पर भी बच्चे हुए सम्मानित 

    आठ वर्षों में बदली स्कूली शिक्षा की तस्वीरः योगी

    01 लाख रुपये,  मेधावियों को एक टैबलेट, प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया

    स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी विद्यालयी खेल पुरस्कार से सम्मानित किए गए

    संस्कृत शिक्षा परिषद और संस्कृत शिक्षा निदेशालय के नए भवन की नींव रखी


    13 जून 2025
    लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पिछले आठ वर्ष में हम माध्यमिक शिक्षा और स्कूली शिक्षा की तकदीर और तस्वीर को बदलने में सफल हुए हैं। वर्ष 2017 के पहले बेसिक शिक्षा लगभग बंदी की ओर जा रही थी। लगातार छात्र संख्या में गिरावट आ रही थी। माध्यमिक शिक्षा नकल का अड्डा बन गई थी।


    मुख्यमंत्री गुरुवार को राजधानी लखनऊ में केंद्र व राज्य स्तरीय बोर्ड परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त मेधावियों का सम्मान करने और टैबलेट वितरण करने के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इसी के साथ 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता 2024-25 में प्रदेश के स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार से सम्मानित किया।

    पहले चलता था नकल और ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा : मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने यूपी में दो नए बिजनेस खोले थे। एक नकल के नाम पर और दूसरा ट्रांसफर पोस्टिंग का। प्रदेश में थोक के भाव में नकल के अड्डे संचालित होते थे। बाहरी छात्र केवल फॉर्म भरते थे और उनके नाम पर कोई दूसरा परीक्षा दे देता था। वहीं, यहां ट्रांसफर-पोस्टिंग का भी एक उद्योग चलता था। डबल इंजन की सरकार ने इन दोनों प्रकार के अनाचार को रोक करके पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली को प्रदेश में अपनाया। मुख्यमंत्री ने हंगामा करने वाले छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ साथ एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव भी होना चाहिए। समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भाव होना चाहिए।

    बालकों से ज्यादा मेहनत करती हैं बालिकाएं
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम बड़े चौंकाने वाले रहे हैं। नतीजे बताते हैं कि बालिकाएं ज्यादा मेहनत करती हैं, जबकि बालक मेहनत करने में थोड़ा पीछे हैं। जिन छात्रों ने यहां पर मेरिट में स्थान प्राप्त किया है, उन्हें 100000 रूपये नकद, एक टैबलेट, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल प्रदान किया गया है। 

    इसी तरह, जिले स्तर पर मेरिट में आए बच्चों को ₹21000 धनराशि, एक टैबलेट, प्रशस्ति पत्र और मेडल प्रदान किया जा रहा है। यही नहीं, हमारी युवा प्रतिभा ने प्रधानमंत्री के खेलो इंडिया खेलो और फिट इंडिया मूवमेंट से प्रेरित होकर नेशनल लेवल के गेम्स में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। 

    68 वीं राष्ट्रीय विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के 363 खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिसमें 179 पदक इन्होंने प्राप्त किए हैं। इसमें 51 स्वर्ण पदक, 46 रजत पदक और 82 कांस्य पदक शामिल हैं। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 75000 रुपये, रजत पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 50000 रुपये और कांस्य पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 30000 प्रदेश सरकार की ओर से प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। 

    स्केल के साथ स्किल्ड बनने का अवसर
    मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद और टाटा नेल्को व जापान की कंपनी यासकावा के साथ एक एमओयू भी किया है। यह एमओयू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप है. जिसमें आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट को भी अंगीकार किया गया है यानी स्केल के साथ स्किल को भी सीखने का अवसर मिलेगा। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा से जुड़े सरकारी विद्यालयों में डिजाइन, रोबोटिक और इलेक्ट्रॉनिक्स लैब की स्थापना का कार्य होगा। लगभग 162 करोड़ 72 लाख रुपये से यह कार्यक्रम चलेगा। यह हब एंड स्पोक मॉडल पर आधारित होगा, जिसके तहत एक संस्थान में लैब स्थापित होगी



    12 जून 2025
    दिनांक: 12/06/2025 को प्रातः 11:00 बजे से लोक भवन, लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री जी के कर कमलों से मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम का दूरदर्शन द्वारा सजीव प्रसारण किया जाएगा तथा निम्न लिंक के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी:-


    साथ ही कार्यक्रम का सीधा प्रसारण CM हैंडल पर निम्न लिंक्स के माध्यम से भी देखा जा सकेगा:-

    १) Youtube (यू-ट्यूब पर)

    २) Twitter

    ३)Facebook

    इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किसी मुख्यालय के सभागार में करा ले अधिकतम प्रतिभागिता सुनिश्चित करें
    महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उ०प्र०



    बोर्ड परीक्षाओं के मेधावियों को एक लाख, खिलाड़ियों को 75 हजार रुपये मिलेगा पुरस्कार,  समारोह में आज मुख्यमंत्री देंगे पुरस्कार, हर जिले में भी होगा समारोह 


    लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में 166 मेधावियों को पुरस्कृत करेंगे। सम्मानित होने वाले ये वे विद्यार्थी हैं जिन्होंने यूपी बोर्ड, संस्कृत शिक्षा परिषद, सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं में टाप किया है। 

    लोकभवन में आज आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सभी मेधावियों को एक लाख रुपये, टैबलेट, प्रशस्ति-पत्र और मेडल दिए जाएंगे। छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों को भी समारोह में आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी पहली बार सम्मानित किया जाएगा।

    निदेशक माध्यमिक शिक्षा डा. महेन्द्र देव के अनुसार, इन 166 मेधावियों में यूपी बोर्ड के 85, संस्कृत शिक्षा परिषद के 20, सीबीएसई के 29 और आइसीएसई बोर्ड के 32 टापर शामिल हैं। समारोह में संस्कृत शिक्षा परिषद व निदेशालय के नए भवन का शिलान्यास भी होगा। चकिया (चंदौली) और भदोही के संस्कृत विद्यालयों और छात्रावासों के नए भवनों की आधारशिला भी रखी जाएगी।

     लखनऊ के मलिहाबाद व जगतनारायण रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेजों के नए भवनों का शिलान्यास भी होगा। सरकारी माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए ड्रीम लैब्स की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू भी हस्ताक्षरित होगा।


    पहली बार नेशनल स्कूल गेम्स के एकल वर्ग में स्वर्ण पदक विजेताओं को मिलेगा पुरस्कार

    87 स्वर्ण पदक विजेता होंगे सम्मानितः
     68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता (2024-25) में उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के 363 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। प्रतियोगिता में प्रदेश को कुल 179 पदक मिले थे। इनमें 51 स्वर्ण, 46 रजत और 82 कांस्य पदक थे। यह प्रदर्शन एथलेटिक्स, कुश्ती, ताइक्वांडो, जूडो, हाकी, शूटिंग, कराटे, बाक्सिंग, वालीबाल, तैराकी, कबड्डी, हैंडबाल सहित 20 से अधिक खेलों में रहा। 

    समारोह में मुख्यमंत्री 51 स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले कुल 87 खिलाड़ियों (73 छात्र, 14 छात्राएं) को पुरस्कृत करेंगे। मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार के अंतर्गत राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता के एकल वर्ग के स्वर्ण पदक विजेताओं को 75 हजार रुपये और टीम गेम्स के स्वर्ण विजेताओं को 35 हजार रुपये मिलेंगे।


    हर जिले में होगा समारोहः राज्य स्तरीय कार्यक्रम के साथ ही गुरुवार को प्रदेश के सभी 75 जिलों में भी समानांतर समारोह होंगे, जहां 1508 मेधावियों को 21-21 हजार रुपये, टैबलेट, प्रशस्ति-पत्र और मेडल दिए जाएंगे। इनमें हाईस्कूल के 758 और इंटरमीडिएट के 750 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। स्थानीय स्तर पर यह सम्मान मंत्री, जनप्रतिनिधि या जिलाधिकारी देंगे। 

    इसके अलावा राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिताओं के एकल वर्ग के रजत पदक विजेताओं को 50 हजार रुपये और टीम गेम्स के रजत पदक विजेताओं को 25 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं, 82 कांस्य पदक प्राप्त करने वाले 182 विजेता (111 छात्र, 71 छात्राएं) भी सम्मानित होंगे। एकल वर्ग के कांस्य पदक विजेताओं को 30 हजार रुपये और टीम गेम्स के कांस्य पदक विजेताओं को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे।

    लू और तपिश को देखते हुए शिक्षक संगठनों ने की 30 जून तक गर्मी की छुट्टियां बढ़ाने की मांग, सीएम व महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा गया ज्ञापन

    लू और तपिश को देखते हुए शिक्षक संगठनों ने की 30 जून तक गर्मी की छुट्टियां बढ़ाने की मांग, सीएम व महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा गया ज्ञापन


    लखनऊ। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। बृहस्पतिवार को भी शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार व महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा को पत्र भेजकर इसकी मांग उठाई।



    प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह व महामंत्री आशुतोष मिश्र ने कहा कि उत्तर भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जबकि 16 जून से परिषदीय विद्यालय खुलेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कटौती होती है। भीषण गर्मी को देखते हुए 16 जून से विद्यालय खोलने पर पुर्नविचार करते हुए 01 जुलाई से विद्यालय का संचालन सुनिश्चित कराएं।

    शिक्षकों उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक प्रकाश साहू व प्रदेश महामंत्री आलोक सिंह यादव ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा व बेसिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर भीषण गर्मी व लू को देखते हुए 30 जून तक स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाने की मांग की है। क्योंकि इस भीषण गर्मी व लू में विद्यालय खोलने से छात्रों व शिक्षकों दोनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में 30 जून तक स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाई जाएं।


     


    भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाई जाएं, शिक्षक संगठनों ने दिया ज्ञापन, 16 जून से खुलने हैं स्कूल

    लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालय गर्मी की छुट्टियों के बाद 16 जुलाई से खुलने हैं। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षक संगठनों ने अलग-अलग ज्ञापन देकर बेसिक शिक्षा मंत्री व विभागीय अधिकारियों से स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने की मांग की है। 

    उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर परिषदीय विद्यालयों में गर्मी की छु‌ट्टी को आगे बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस समय लू चल रही है। जो बच्चों के लिए खतरे की घंटी है। ऐसे में 16 जून से स्कूल खोलने का निर्णय उनके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।

    विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी व प्रदेश सचिव दिलीप चौहान ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों को 30 जून तक बंद रखने की मांग की है।

    इसी क्रम में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार व बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी से मिलकर भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों को खोलने की तिथि बढ़ाने की मांग की है।






    ग्रीष्मावकाश को 30 जून तक बढ़ाने और विद्यालय समय में बदलाव किए जाने की मांग