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Wednesday, December 23, 2015

अब यूपी बोर्ड में फंसीं हजारों नौकरियां, दावेदारों की अभिलेखों का सत्यापन कच्छप गति से

इलाहाबाद :  यूपी में तमाम बाधाओं को पार करके चयनित होने वाले हजारों अभ्यर्थियों से अभी भी नियुक्ति दूर है। वह यूपी बोर्ड की आखिरी मंजिल अभी नहीं तय कर पाए हैं। बोर्ड में दावेदारों के अभिलेखों का सत्यापन इतना धीमा चल रहा है कि इसमें अभी कई माह लग सकते हैं।


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा को लेकर तो जूझ ही रहा है, डेढ़ लाख से अधिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी उसकी समस्या बना हुआ है। राजकीय हाईस्कूल एवं इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती, जूनियर स्कूलों में 29336 गणित-विज्ञान शिक्षकों की भर्ती, प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के अलावा लेखपाल एवं लोकसेवा आयोग की विभिन्न परीक्षाओं की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

शिक्षामित्रों के समायोजन से संबंधित अभिलेखों की भी अब तक जांच हो रही है। हाल में ही प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद को शिक्षामित्रों का समायोजन जल्द कराने का आदेश भी दिया है। परिषद से चारों क्षेत्रीय कार्यालयों को इस संबंध में निर्देश भी भेजा गया है कि वह अभिलेखों के सत्यापन का कार्य तेजी से कराएं। यह सारी भर्तियां शासन की प्राथमिकता में भी हैं, इसके बावजूद इस कार्य में पर्याप्त स्टाफ नहीं लगाए जा सके हैं।


बोर्ड के सूत्रों के अनुसार यूपी बोर्ड के लिए सबसे बड़ी समस्या फर्जी बाड़े से निपटने में आ रही है। बड़ी संख्या में अंक पत्र ही नहीं प्रमाणपत्र भी जांच में फर्जी मिल रहे हैं। पड़ोसी बिहार एवं उत्तराखंड में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद से यहां भी इस पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे में बोर्ड मुख्यालय इन दिनों जांच एजेंसी में बदल गया है जिसकी रिपोर्ट पर युवाओं की नौकरी टिकी है।


यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या सबसे अधिक होती है। इसलिए अभ्यर्थियों के शैक्षणिक रिकार्ड भी यहीं के अधिक होते हैं। शैक्षणिक रिकार्ड को लेकर बोर्ड की विश्वसनीयता भी है। लेकिन हाल ही में बिहार व उत्तराखंड में हुई भर्तियों में यूपी के युवाओं के अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र गड़बड़ मिलने से इस साख को धक्का पहुंचा है। दोनों सरकारें यूपी के लगभग सभी दावेदारों की जांच करा रही हैं। बोर्ड मुख्यालय पर बोरों में भरकर सत्यापन के लिए अभिलेख भेजे गए हैं।

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