नए सत्र से पांचवीं बार बदलेगा मेन्यू, फल शामिल किए जाएंगे
कानपुर। सर्व
शिक्षा अभियान के अन्तर्गत मिड डे मील की परिवर्तन लागत बुधवार को लागू कर
दी गई। परिवर्तन लागत पहले एक जुलाई 2015 से लागू करने का आदेश हुआ था
लेकिन अब यह एक जनवरी 2016 से लागू की जाएगी। नए सत्र से मिड डे मील के
अतिरिक्त पौष्टिकता बढ़ाने के लिए पांचवी बार मेन्यू में भी परिवर्तन किया
जाएगा। दूध के साथ फल या केवल फल व अन्य आहार भी दिया जाएगा। इसकी अतिरिक्त
लागत राज्य सरकार स्वयं उठाएगी।
मिड डे मील उपलब्ध करा रहीं सभी
एजेंसियों को नए आदेश से झटका लगा है। पहली जुलाई को पांच फीसदी की दर से
मिड डे मील की लागत बढ़ाई गई थी। इसका भुगतान हो रहा है। दिसंबर में एक नए
आदेश से 2.5 फीसदी की दर से वृद्धि की गई। इसे एक जुलाई से लागू करने के
निर्देश थे। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्र ने 13 जनवरी
को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अतिरिक्त 2.5 फीसदी की लागत
वृद्धि अब एक जनवरी से लागू की जाएगी। पहली जुलाई 2015 से अतिरिक्त राशि
देने का आदेश वापस ले लिया गया है।
मिड डे मील के मेन्यू में पांचवीं बार बदलाव की तैयारी है। यह अप्रैल से लागू किया जाएगा। इसे राज्य सरकार अपने स्तर पर शुरू करेगी। इसमें दूध को हटाकर उसके स्थान पर फलों को शामिल किया जा सकता है। मिड डे मील की तय लागत के इतर तीन रुपए प्रति छात्र खर्च करने की तैयारी है। इसके लिए राज्य स्तर पर 200 करोड़ का बजट भी मांगा है।
मिड डे मील के मेन्यू में पांचवीं बार बदलाव की तैयारी है। यह अप्रैल से लागू किया जाएगा। इसे राज्य सरकार अपने स्तर पर शुरू करेगी। इसमें दूध को हटाकर उसके स्थान पर फलों को शामिल किया जा सकता है। मिड डे मील की तय लागत के इतर तीन रुपए प्रति छात्र खर्च करने की तैयारी है। इसके लिए राज्य स्तर पर 200 करोड़ का बजट भी मांगा है।
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